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छत्तीसगढ़ में बढ़ा बाघों का कुनबा, जानिए प्रदेश में कहां कितने हैं बाघ - condition of tigers in Chhattisgarh

Condition of tigers in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में भी बाघों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है.साल 2022 में जहां बाघों की संख्या प्रदेश में 17 थी,वहीं अब ये संख्या बढ़कर 23 हो चुकी है.जो इस बात का सूचक है कि राज्य के टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में बाघों को लेकर कितनी सतर्कता बरती जा रही है.WORLD TIGER DAY 2024

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छत्तीसगढ़ में बढ़ा बाघों का कुनबा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 29, 2024, 5:48 PM IST

रायपुर : भारत बाघों की जनसंख्या को लेकर अव्वल है.छत्तीसगढ़ में भी बाघों की जनसंख्या को लेकर जो प्रयास किए गए वो सफल हुए.ताजा स्थिति की बात करें तो प्रदेश में बाघों की जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है.अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 5 से बढ़कर 10 हुई है.वहीं घासीदास टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 5 है.

भारत में बाघों की संख्या विश्व की 75 फीसदी : 2022 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बाघों की संख्या 3 हजार 1 सौ 67 है. यह संख्या दुनिया के कुल बाघों की आबादी का 75 फीसदी है.जो इस बात का सूचक है कि भारत में टाइगर को बचाने के लिए जिस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं वो सफल हुए हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों में प्रोजेक्ट टाइगर चलाया जा रहा है.

12 अन्य देशों में भी बाघ : बाघों को संरक्षित करने वाला इकलौता देश भारत नही है.बल्कि 12 अन्य देशों में भी बाघों की अच्छी खासी तादाद है. रूस, बांग्लादेश, नेपाल, और इंडोनेशिया में बाघ पाए जाते हैं. रूस में साइबेरियन टाइगर्स की संख्या 580 के करीब है. जबकि इंडोनेशिया में सुमात्रा टाइगर की संख्या लगभग 370 है.नेपाल में 355, मलेशिया में 120, बांग्लादेश में 106, और थाईलैंड में 148 बाघों की गणना की गई है.

क्यों बढ़े भारत में टाइगर ?: इंडिया में बाघों के जीवन पर संकट मंडरा रहा था. लेकिन सरकार के प्रयासों से बाघों को संरक्षित किया जाने लगा.विशेष प्रोजेक्ट के तहत टाइगर रिजर्व बनें.जिनमें बाघों के लिए विशेष वातावरण बनाकर बाघों को सुरक्षित किया गया. भारत में सबसे ज्यादा बाघ एमपी यानी मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं.यहां बांघों की संख्या 785 के करीब है.एमपी के वनविभाग और सरकार के प्रयासों के कारण बाघों की इतनी बड़ी तादाद एमपी में हो पाई है. एमपी के अलावा कर्नाटक, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में भी बाघों की अच्छी संख्या है.

छत्तीसगढ़ में बढ़े बाघ : छत्तीसगढ़ में पिछले 5 वर्षों में बाघों की संख्या बढ़ी है. 2010 में 26 बाघ प्रदेश में थे, जो 2014 में बढ़कर 46 हो गए. 2018 में बाघों की संख्या एकाएक घटकर 19 हो गई. 2022 की गणना में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 17 बची. वहीं अब छत्तीसगढ़ वन विभाग की माने तो प्रदेश में बाघों की संख्या 23 है.

छत्तीसगढ़ टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में बाघों की संख्या

अचानकमार टाइगर रिजर्व –10

भोरमदेव अभयारण्य -1

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व -5

बारनवापारा – 1 बाघ

इंद्रावती टाइगर रिजर्व – 6

उंदती सीतानदी टाइगर रिजर्व – 0

रायपुर : भारत बाघों की जनसंख्या को लेकर अव्वल है.छत्तीसगढ़ में भी बाघों की जनसंख्या को लेकर जो प्रयास किए गए वो सफल हुए.ताजा स्थिति की बात करें तो प्रदेश में बाघों की जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है.अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 5 से बढ़कर 10 हुई है.वहीं घासीदास टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 5 है.

भारत में बाघों की संख्या विश्व की 75 फीसदी : 2022 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बाघों की संख्या 3 हजार 1 सौ 67 है. यह संख्या दुनिया के कुल बाघों की आबादी का 75 फीसदी है.जो इस बात का सूचक है कि भारत में टाइगर को बचाने के लिए जिस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं वो सफल हुए हैं. भारत के अलग-अलग राज्यों में प्रोजेक्ट टाइगर चलाया जा रहा है.

12 अन्य देशों में भी बाघ : बाघों को संरक्षित करने वाला इकलौता देश भारत नही है.बल्कि 12 अन्य देशों में भी बाघों की अच्छी खासी तादाद है. रूस, बांग्लादेश, नेपाल, और इंडोनेशिया में बाघ पाए जाते हैं. रूस में साइबेरियन टाइगर्स की संख्या 580 के करीब है. जबकि इंडोनेशिया में सुमात्रा टाइगर की संख्या लगभग 370 है.नेपाल में 355, मलेशिया में 120, बांग्लादेश में 106, और थाईलैंड में 148 बाघों की गणना की गई है.

क्यों बढ़े भारत में टाइगर ?: इंडिया में बाघों के जीवन पर संकट मंडरा रहा था. लेकिन सरकार के प्रयासों से बाघों को संरक्षित किया जाने लगा.विशेष प्रोजेक्ट के तहत टाइगर रिजर्व बनें.जिनमें बाघों के लिए विशेष वातावरण बनाकर बाघों को सुरक्षित किया गया. भारत में सबसे ज्यादा बाघ एमपी यानी मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं.यहां बांघों की संख्या 785 के करीब है.एमपी के वनविभाग और सरकार के प्रयासों के कारण बाघों की इतनी बड़ी तादाद एमपी में हो पाई है. एमपी के अलावा कर्नाटक, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में भी बाघों की अच्छी संख्या है.

छत्तीसगढ़ में बढ़े बाघ : छत्तीसगढ़ में पिछले 5 वर्षों में बाघों की संख्या बढ़ी है. 2010 में 26 बाघ प्रदेश में थे, जो 2014 में बढ़कर 46 हो गए. 2018 में बाघों की संख्या एकाएक घटकर 19 हो गई. 2022 की गणना में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 17 बची. वहीं अब छत्तीसगढ़ वन विभाग की माने तो प्रदेश में बाघों की संख्या 23 है.

छत्तीसगढ़ टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों में बाघों की संख्या

अचानकमार टाइगर रिजर्व –10

भोरमदेव अभयारण्य -1

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व -5

बारनवापारा – 1 बाघ

इंद्रावती टाइगर रिजर्व – 6

उंदती सीतानदी टाइगर रिजर्व – 0

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