जींद: हरियाणा के जिला जींद क्षय रोग केंद्र में सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल की अध्यक्षता में वर्ल्ड टीबी-डे के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल व डॉ. संदीप लोहान ने निक्षय योजना के तहत टीबी के पांच-पांच मरीजों को गोद लिया और उन्हें पोषणयुक्त आहार किट प्रदान की.
यह है निक्षय योजना: सरकार 2025 तक देश को टीबी यानी तपेदिक या क्षय रोग से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार ने निक्षय योजना के तहत टीबी मरीज को गोद लेने की पहल की शुरुआत की हुई है. इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी के मरीज को गोद ले सकता है और उन्हें पोषणयुक्त आहार देता है. जिसमें चना, गुड़, दाल, सोयाबीन व अंडे इत्यादि शामिल हैं. ताकि वह उसका समुचित इलाज करा सके. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लापरवाही की वजह से टीबी के मरीज बीच में ही अपना इलाज न छोड़े. अबतक समाजसेवी संस्थाओं व अधिकारियों द्वारा लगभग 800 मरीजों को गोद लिया जा चुका है और विभाग के पास 1495 क्षय रोगी रजिस्टर्ड हैं.
क्षय रोग का इलाज संभव!: सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि यह बीमारी किसी भी आयु वर्ग को हो सकती है. यह एक संक्रामक रोग है, जो कि कीटाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस से फैलता है. कीटाणु मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है. जिसके कारण फेफड़ों की टीबी होती है. कभी कभी यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है. टीबी के संभावित मरीजों में मुख्य तौर पर दो सप्ताह से ज्यादा लगातार खांसी रहना, शाम के समय बुखार रहना, छाती में दर्द रहना, भूख न लगना, बलगम में खून आना, लगातार वजन कम होना होता है. अगर इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अपने बलगम की जांच करवानी चाहिए.
टीबी मरीजों को मिलता है आहार भत्ता: जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संदीप लोहान ने कहा क टीबी के मरीज को इलाज की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाता है. टीबी से ग्रसित मरीज को चाहिए कि अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें, संतुलित आहार का सेवन करें. नियमित रूप से दवा लें, धूम्रपान व शराब का सेवन बंद करें. बलगम को मिट्टी में दबा दें, जब खांसी आए तो मुंह पर कपड़ा अवश्य लगाएं ताकि टीबी के मरीजों को बढ़ने से रोका जा सके. सरकार 2025 तक देश को टीबी यानी तपेदिक या क्षय रोग से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है.
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