पटना: आज 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जा रहा है. विश्व गौरैया दिवस शहरी परिवेश में घरेलू गौरैया और अन्य सामान्य पक्षियों व उनकी आबादी के लिए खतरों के बारे में लोगों के बीच जानकारी बढ़ाने के लिए मनाया जाने वाला दिन है. पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में विश्व गौरैया दिवस मनाया गया. गौरैया के संरक्षण के लिए प्रदर्शनी लगायी गयी. स्कूलों के छात्र-छात्राओं के द्वारा नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया. लोगों को गौरैया संरक्षण के उपाय बताए गए.
लोगों को किया जा रहा जागरूकः वंदना प्रेयसी ने कहा कि हमारा राजकीय पक्षी गौरैया है. लोगों को संदेश दे रहे हैं कि अपने घरों में घोंसला बनाकर चिड़ियों के लिए दाना पानी दें, जिससे कि विलुप्त हो रहे चिड़ियों का संरक्षण किया जा सके. आज गौरैया दिवस मनाने का हमारा मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को संवेदनशील बनाना. सभी लोग कुछ ऐसा काम करें जिससे गौरैया की प्रजाति में वृद्धि हो. पिछले 15 दिन से हम लोग इसपर कुछ ना कुछ एक्टिविटी कर रहे हैं. बच्चों के साथ लोगों के घरों में जाकर घोंसला लगाया है.
"गौरैया पक्षी कि संख्या में कमी आई है. अपने-अपने घरों में दाना रखें, पानी रखें. उनके लिए घोंसले की व्यवस्था कर दें तो इससे क्या होगा कि प्रत्येक घर में अगर एक्टिविटी होती है तो गौरैया आएगी. गौरैया की संख्या में भी वृद्धि होगी."- वंदना प्रेयसी, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव
नए जीवन शैली से विलुप्त हो रही गौरैया: पटना जू में पर्यावरण एक्टिविस्ट नीलू की टीम द्वारा इस साल विश्व गौरैया दिवस पर पुरानी जीवन शैली और नए जीवन शैली से विलुप्त हो रही गौरैया को लेकर के डेमो दिखाया गया है.उन्होंने कहा कि हम लोगों ने पुराने जीवन से नए जीवन शैली को डिफरेंट करके बताया है कि पुराने जीवन शैली में हमारी चिड़िया काफी अच्छे से रहती थी. वह दाना चुगती थी पानी पीती थी. पुराना घर और नए घर में क्यों नहीं गौरैया पहुंचती है. नए जीवन शैली में बड़े-बड़े मकान बन गए मकान बनने से उसका रेन बसेरा खत्म होता गया. उसको कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
गौरेया बचाने की ले लिये करें ये कामः नीलू ने बताया कि डेमो के माध्यम से लोगों को बताया है कि अपने घरों के आसपास में जल, दाना और घोंसला बनाएं. जिससे कि हमारी चिड़िया विलुप्त हो रही उसको संरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि गौरैया बिहार स्टेट बर्ड भी है, इसे बचाना बहुत जरूरी है. इसलिए हमारी कोशिश है कि नए जीवन शैली में ही उनके लिए भी स्थान दें. हमारे साथ यंगस्टर्स में ज्यादा ग्रुप काम करते हैं. पूरे साल जागृत करते हैं.
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