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चुपके से शिकार बनाता है हेपेटाइटिस, संक्रमित सुई, शराब और असुरक्षित यौन संबंध है बड़ी वजह - World Hepatitis Day 2024

विश्व में हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इस सूची में भारत दूसरे नंबर पर आता है. 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं हेपेटाइटिस के लक्षण और पहचान के बाद इससे बचने के तरीके.

World Hepatitis Day 2024
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 10:50 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 11:04 PM IST

World Hepatitis Day: भारत दुनिया का ऐसा देश बन चुका है जहां हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या दूसरे नंबर पर है. आज हमारे देश में हेपेटाइटिस के 4 लाख 66 हजार एक्टिव केस हैं. हेपेटाइटिस ऐसा वायरस है जो चुपके से संक्रमित कर देता है और आपको पता ही नहीं चलता. बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पता ही नहीं होता कि वह हेपेटाइटिस से पीड़ित हैं. ऐसे में नुकसान ये होता है कि यह लीवर कैंसर के रूप में परिवर्तित हो जाता है और फिर मरीज को बचाना मुश्किल होता है. इसकी गंभीरता को ध्यान रखते हुए हर साल 28 जुलाई को दुनिया भर में वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है. वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाने का उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना और उपायों की जानकारी देना है. जिससे वह खतरनाक बीमारी से अपने आप को बचा सके.

एक्सपर्ट से जानिए हेपेटाइटिस के कारण और बचने के उपाय (ETV Bharat)

28 जुलाई को क्यों मनाते है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है क्योंकि 28 जुलाई को हेपेटाइटिस वायरस की खोज और टीका विकसित करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ बारूक ब्लमबर्ग का जन्मदिन है. उनके जन्मदिन को हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस बी के प्रति दुनिया में जागरूकता बढ़ाने के साथ निदान और इलाज लेकर लोगों को जागरूक करना है.

क्या है हेपेटाइटिस

हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी घातक बीमारी है जो वायरल इन्फेक्शन की वजह से होती है. हेपेटाइटिस के कारण लीवर में सूजन आ जाती है. हेपाटाइटिस के वायरस 5 तरह के होते हैं. इन वायरस के कारण हेपेटाइटिस बीमारी महामारी का रूप ले सकती है. इसलिए इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है. हर साल हेपेटाइटिस बी से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. खास बात ये कि हेपेटाइटिस बी और सी टाइप वायरस दुनिया भर में लाखों लोगों में लीवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बन रहा है. बच्चे के जन्म के बाद हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगवाकर घातक बीमारी से बचाया जा सकता है.

हेपेटाइटिस के 5 वायरस को जानिए

हेपाटाइटिस एक वायरल इन्फेक्शन है, जिसे वायरस के अनुसार 5 वर्गों में बांटा गया है.

  • हेपेटाइटिस ए-दूषित पानी और भोजन के कारण होता है. हर साल 14 लाख लोग इससे ग्रस्त हो रहे हैं.
  • हेपेटाइटिस बी-संक्रमित खून और सिमेन और दूसरे तरल पदार्थ के कारण होता है.
  • हेपेटाइटिस सी-संक्रमित सुई (इंजेक्शन) और रक्त के कारण हेपेटाइटिस सी वायरस होता है.
  • हेपेटाइटिस डी-जो लोग एचबीवी वायरस से संक्रमित होते हैं उन्हें हेपेटाइटिस डी वायरस होता है. दोनों वायरस के एक साथ संक्रमित होने पर स्थिति और बदतर हो जाती है.
  • हेपेटाइटिस ई-दुनिया भर में सबसे ज्यादा कहर हेपिटाइटिस ई वायरस का देखने मिल रहा है. ये विषाक्त भोजन और जल के उपयोग से होता है.

हेपेटाइटिस की गंभीरता के आधार पर पहचान

एक्यूट हेपेटाइटिस

एचएवी संक्रमण के कारण एक्यूट हेपेटाइटिस होता है. संक्रमण का असर लीवर पर पड़ता है और अचानक लीवर में सूजन आती है. इसके लक्षण 6 महीने तक नजर आते हैं और मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगता है.

क्रॉनिक हेपेटाइटिस

क्रॉनिक एचसीवी से दुनिया के 15 करोड़ लोग प्रभावित हो चुके हैं. इसकी वजह से लीवर कैंसर और लीवर की दूसरी बीमारियों से ज्यादा मौतें हो रही हैं. ये संक्रमण मरीज के इम्यून सिस्टेम को बुरी तरह प्रभावित करता है.

हेपेटाइटिस के कारण

लीवर में सूजन होने के कारण हेपेटाइटिस रोग होता है. इस वायरल इन्फेक्शन के कारण जान को खतरा भी हो सकता है. इसके कई कारण हो सकते हैं.

वायरल इन्फेक्शन

हेपेटाइटिस ए, बी और सी वायरल इंफेक्शन के कारण होता है.

शराब पीना

अल्कोहल लीवर द्वारा सीधे तौर पर मेटाबोलाइज़्ड होता है, जिसके कारण शरीर के दूसरे भागों में इसका सर्कुलेशन होने लगता है. अधिक शराब पीने वाले व्यक्ति के लिए हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है.

मेडिसिन साइड इफेक्ट्स

दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है, जो लोग नियमित तौर पर दवाइयों का ज्यादा सेवन करते हैं. उनके लीवर में सूजन आने लगती है और हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है.

हेपेटाइटिस के लक्षण

शुरुआत में हेपेटाइटिस के लक्षण नहीं दिखायी पड़ते हैं लेकिन समस्या बढ़ने से लक्षण साफ तौर पर दिखायी पड़ते हैं. पीलिया, थकान, मतली, पेटदर्द, यूरिन का रंग, खुजली, भूख ना लगना, अचानक वजन कम होना. इन लक्षणों के आधार पर डॉक्टर मेडिकल एक्ज़ामिनेशन की सलाह देते हैं. मरीजों को पेट का अल्ट्रासाउन्ड, लीवर फंक्शन टेस्ट, ऑटोइम्यून ब्लड मार्कर टेस्ट और लीवर बॉयोपसी की सलाह देते हैं.

ये भी पढ़ें:

World Hepatitis Day पर जानिए महत्वपूर्ण तथ्य, लक्षण और जरूरी सावधानियां

दुनिया में औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जा रही है जान, चीन के बाद संक्रमण के मामले में भारत दूसरे पैदान पर

हेपेटाइटिस से बचाव

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के एसो. प्रोफेसर डॉ सुमित रावत बताते हैं कि "हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस के संक्रमण को रोकने और बचाव के लिए रेजर, टूथब्रश और सुई को किसी से शेयर न करें. टैटू बनवाते समय सुरक्षित उपकरण का इस्तेमाल करें. नाक और कान छिदवाते समय ध्यान रखें कि उपकरण सुरक्षित और इंफेक्शन मुक्त हैं या नहीं. असुरक्षित यौन संबंध ना बनाएं."

World Hepatitis Day: भारत दुनिया का ऐसा देश बन चुका है जहां हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या दूसरे नंबर पर है. आज हमारे देश में हेपेटाइटिस के 4 लाख 66 हजार एक्टिव केस हैं. हेपेटाइटिस ऐसा वायरस है जो चुपके से संक्रमित कर देता है और आपको पता ही नहीं चलता. बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पता ही नहीं होता कि वह हेपेटाइटिस से पीड़ित हैं. ऐसे में नुकसान ये होता है कि यह लीवर कैंसर के रूप में परिवर्तित हो जाता है और फिर मरीज को बचाना मुश्किल होता है. इसकी गंभीरता को ध्यान रखते हुए हर साल 28 जुलाई को दुनिया भर में वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है. वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाने का उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करना और उपायों की जानकारी देना है. जिससे वह खतरनाक बीमारी से अपने आप को बचा सके.

एक्सपर्ट से जानिए हेपेटाइटिस के कारण और बचने के उपाय (ETV Bharat)

28 जुलाई को क्यों मनाते है वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है क्योंकि 28 जुलाई को हेपेटाइटिस वायरस की खोज और टीका विकसित करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ बारूक ब्लमबर्ग का जन्मदिन है. उनके जन्मदिन को हेपेटाइटिस डे के रूप में मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस बी के प्रति दुनिया में जागरूकता बढ़ाने के साथ निदान और इलाज लेकर लोगों को जागरूक करना है.

क्या है हेपेटाइटिस

हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी घातक बीमारी है जो वायरल इन्फेक्शन की वजह से होती है. हेपेटाइटिस के कारण लीवर में सूजन आ जाती है. हेपाटाइटिस के वायरस 5 तरह के होते हैं. इन वायरस के कारण हेपेटाइटिस बीमारी महामारी का रूप ले सकती है. इसलिए इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है. हर साल हेपेटाइटिस बी से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. खास बात ये कि हेपेटाइटिस बी और सी टाइप वायरस दुनिया भर में लाखों लोगों में लीवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बन रहा है. बच्चे के जन्म के बाद हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगवाकर घातक बीमारी से बचाया जा सकता है.

हेपेटाइटिस के 5 वायरस को जानिए

हेपाटाइटिस एक वायरल इन्फेक्शन है, जिसे वायरस के अनुसार 5 वर्गों में बांटा गया है.

  • हेपेटाइटिस ए-दूषित पानी और भोजन के कारण होता है. हर साल 14 लाख लोग इससे ग्रस्त हो रहे हैं.
  • हेपेटाइटिस बी-संक्रमित खून और सिमेन और दूसरे तरल पदार्थ के कारण होता है.
  • हेपेटाइटिस सी-संक्रमित सुई (इंजेक्शन) और रक्त के कारण हेपेटाइटिस सी वायरस होता है.
  • हेपेटाइटिस डी-जो लोग एचबीवी वायरस से संक्रमित होते हैं उन्हें हेपेटाइटिस डी वायरस होता है. दोनों वायरस के एक साथ संक्रमित होने पर स्थिति और बदतर हो जाती है.
  • हेपेटाइटिस ई-दुनिया भर में सबसे ज्यादा कहर हेपिटाइटिस ई वायरस का देखने मिल रहा है. ये विषाक्त भोजन और जल के उपयोग से होता है.

हेपेटाइटिस की गंभीरता के आधार पर पहचान

एक्यूट हेपेटाइटिस

एचएवी संक्रमण के कारण एक्यूट हेपेटाइटिस होता है. संक्रमण का असर लीवर पर पड़ता है और अचानक लीवर में सूजन आती है. इसके लक्षण 6 महीने तक नजर आते हैं और मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगता है.

क्रॉनिक हेपेटाइटिस

क्रॉनिक एचसीवी से दुनिया के 15 करोड़ लोग प्रभावित हो चुके हैं. इसकी वजह से लीवर कैंसर और लीवर की दूसरी बीमारियों से ज्यादा मौतें हो रही हैं. ये संक्रमण मरीज के इम्यून सिस्टेम को बुरी तरह प्रभावित करता है.

हेपेटाइटिस के कारण

लीवर में सूजन होने के कारण हेपेटाइटिस रोग होता है. इस वायरल इन्फेक्शन के कारण जान को खतरा भी हो सकता है. इसके कई कारण हो सकते हैं.

वायरल इन्फेक्शन

हेपेटाइटिस ए, बी और सी वायरल इंफेक्शन के कारण होता है.

शराब पीना

अल्कोहल लीवर द्वारा सीधे तौर पर मेटाबोलाइज़्ड होता है, जिसके कारण शरीर के दूसरे भागों में इसका सर्कुलेशन होने लगता है. अधिक शराब पीने वाले व्यक्ति के लिए हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है.

मेडिसिन साइड इफेक्ट्स

दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है, जो लोग नियमित तौर पर दवाइयों का ज्यादा सेवन करते हैं. उनके लीवर में सूजन आने लगती है और हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ जाता है.

हेपेटाइटिस के लक्षण

शुरुआत में हेपेटाइटिस के लक्षण नहीं दिखायी पड़ते हैं लेकिन समस्या बढ़ने से लक्षण साफ तौर पर दिखायी पड़ते हैं. पीलिया, थकान, मतली, पेटदर्द, यूरिन का रंग, खुजली, भूख ना लगना, अचानक वजन कम होना. इन लक्षणों के आधार पर डॉक्टर मेडिकल एक्ज़ामिनेशन की सलाह देते हैं. मरीजों को पेट का अल्ट्रासाउन्ड, लीवर फंक्शन टेस्ट, ऑटोइम्यून ब्लड मार्कर टेस्ट और लीवर बॉयोपसी की सलाह देते हैं.

ये भी पढ़ें:

World Hepatitis Day पर जानिए महत्वपूर्ण तथ्य, लक्षण और जरूरी सावधानियां

दुनिया में औसतन हर दिन हेपेटाइटिस से 3500 लोगों की जा रही है जान, चीन के बाद संक्रमण के मामले में भारत दूसरे पैदान पर

हेपेटाइटिस से बचाव

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के एसो. प्रोफेसर डॉ सुमित रावत बताते हैं कि "हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस के संक्रमण को रोकने और बचाव के लिए रेजर, टूथब्रश और सुई को किसी से शेयर न करें. टैटू बनवाते समय सुरक्षित उपकरण का इस्तेमाल करें. नाक और कान छिदवाते समय ध्यान रखें कि उपकरण सुरक्षित और इंफेक्शन मुक्त हैं या नहीं. असुरक्षित यौन संबंध ना बनाएं."

Last Updated : Jul 27, 2024, 11:04 PM IST
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