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मिलिए ब्लड मैन ऑफ हजारीबाग निर्मल जैन से, रक्तदान कर बचा चुके हैं 92 लोगों की जान - World Blood Donor Day

Hazaribag blood man Nirmal Jain. हजारीबाग के एक शख्स को ब्लड मैन के नाम से जाना जाता है. इस शख्स ने अब तक 92 बार ब्लड डोनेट कर लोगों की जान बचाई है. विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत संवाददाता ने ब्लड मैन निर्मल जैन से खास बातचीत की.

Hazaribag blood man Nirmal Jain
ईटीवी भारत डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 14, 2024, 11:20 AM IST

हजारीबाग: रक्तदान महादान. हजारीबाग में एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने रक्तदान कर 92 लोगों की जान बचाई है. वे हजारीबाग और चतरा जिले में सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने वाले शख्स के तौर पर जाने जाते हैं. उनका नाम है निर्मल जैन. महज कुछ दिनों बाद वे 93वीं बार रक्तदान करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, वे 1 लाख से ज्यादा लोगों को रक्त मुहैया करा चुके हैं. वे 2000 से ज्यादा शिविर लगाकर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर चुके हैं. निर्मल जैन द्वारा विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों में मोटिवेशन कैंप भी लगाए जाते हैं ताकि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जा सके.

निर्मल जैन बात करते संवाददाता गौरव प्रकाश (ईटीवी भारत)

निर्मल जैन एक ऐसा नाम है जो हजारीबाग में काफी प्रचलित है. किसी को भी रक्त की जरूरत होती है तो वे निर्मल जैन को फोन करते हैं. उनका मोबाइल फोन सुबह 7 बजे से 9 बजे तक बंद रहता है क्योंकि वे इस दौरान प्रार्थना करते हैं. इसके बाद से रातभर उनका मोबाइल फोन चालू रहता है. अस्पताल उनके लिए मंदिर की तरह है जहां वे हर दिन चार से पांच बार जाते हैं. दिनभर किसी न किसी व्यक्ति को रक्त उपलब्ध कराने का उन्होंने बीड़ा उठा रखा है.

निर्मल जैन बताते हैं कि यह अभियान करीब 45 साल पहले शुरू किया गया था. जब एक महिला को रक्त की जरूरत थी और उसके परिवार के सदस्य और मोहल्ले के लोग रक्तदान करने से डर रहे थे. उस दिन उन्होंने रक्तदान कर महिला की जान बचाई और तब से यह अभियान निरंतर जारी है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए निर्मल जैन कहते हैं कि उन्हें 45 सालों से सिर में दर्द भी नहीं हुआ. शायद ये चमत्कार इसलिए हुआ है क्योंकि उन्हें 92 लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. उनका ये भी कहना है कि रक्तदान करने से शरीर में नया खून बनता है. जिससे खून पतला रहता है और हार्ट अटैक की संभावना काफी कम हो जाती है.

उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है. रक्तदान करने से व्यक्ति की जान बचती है. इस कारण हर व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान कहा जाता है. रक्तदान पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कई लोगों की जान बचती है. सर्जरी में, कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के दौरान रक्त की जरूरत काफी बढ़ जाती है.

निर्मल जैन को रक्तदान करने और लोगों को प्रेरित करने के लिए राज्यपाल समेत कई मंत्रियों ने सम्मानित किया है. इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर समाज के लोगों ने भी उनका सम्मान बढ़ाया है. इस काम के लिए उनकी तारीफ की गई है. विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर निर्मल जैन ने हर उस व्यक्ति से रक्तदान करने की अपील की है, जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और जिसका वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा हो. उन्होंने कहा कि अगर आपके रक्त से किसी की जान बच सकती है, तो इससे बड़ा पुण्य कुछ नहीं हो सकता.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि इस साल की थीम है-“20 years of celebrating giving: thank you blood donors!” इस थीम के जरिए लाखों ब्लड डोनर्स, जिनकी वजह से हेल्थ इंडस्ट्री सुचारू रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन कर पा रहे हैं, उन्हें थैंक्यू कहा जा रहा है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने लिखा कि इस दिवस के जरिए नियमित रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं और आम लोगों में रक्तदान को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: विश्व रक्तदाता दिवस: स्वैच्छिक रक्तदाता होंगे सम्मानित, झारखंड में हर साल 50 हजार यूनिट ब्लड की कमी, रक्तदान को बढ़ावा देने की जरूरत - World Blood Donor Day

यह भी पढ़ें: रक्तदान के लिए साहिबगंज के प्रशांत शेखर को भारत सरकार ने किया सम्मानित, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम

यह भी पढ़ें: रांची में खून की कमी को देखते हुए जगह-जगह लगाए गए ब्लड डोनेशन कैंप, सैकड़ों लोगों ने किया रक्तदान

हजारीबाग: रक्तदान महादान. हजारीबाग में एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने रक्तदान कर 92 लोगों की जान बचाई है. वे हजारीबाग और चतरा जिले में सबसे ज्यादा बार रक्तदान करने वाले शख्स के तौर पर जाने जाते हैं. उनका नाम है निर्मल जैन. महज कुछ दिनों बाद वे 93वीं बार रक्तदान करने जा रहे हैं. इतना ही नहीं, वे 1 लाख से ज्यादा लोगों को रक्त मुहैया करा चुके हैं. वे 2000 से ज्यादा शिविर लगाकर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर चुके हैं. निर्मल जैन द्वारा विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों में मोटिवेशन कैंप भी लगाए जाते हैं ताकि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जा सके.

निर्मल जैन बात करते संवाददाता गौरव प्रकाश (ईटीवी भारत)

निर्मल जैन एक ऐसा नाम है जो हजारीबाग में काफी प्रचलित है. किसी को भी रक्त की जरूरत होती है तो वे निर्मल जैन को फोन करते हैं. उनका मोबाइल फोन सुबह 7 बजे से 9 बजे तक बंद रहता है क्योंकि वे इस दौरान प्रार्थना करते हैं. इसके बाद से रातभर उनका मोबाइल फोन चालू रहता है. अस्पताल उनके लिए मंदिर की तरह है जहां वे हर दिन चार से पांच बार जाते हैं. दिनभर किसी न किसी व्यक्ति को रक्त उपलब्ध कराने का उन्होंने बीड़ा उठा रखा है.

निर्मल जैन बताते हैं कि यह अभियान करीब 45 साल पहले शुरू किया गया था. जब एक महिला को रक्त की जरूरत थी और उसके परिवार के सदस्य और मोहल्ले के लोग रक्तदान करने से डर रहे थे. उस दिन उन्होंने रक्तदान कर महिला की जान बचाई और तब से यह अभियान निरंतर जारी है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए निर्मल जैन कहते हैं कि उन्हें 45 सालों से सिर में दर्द भी नहीं हुआ. शायद ये चमत्कार इसलिए हुआ है क्योंकि उन्हें 92 लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. उनका ये भी कहना है कि रक्तदान करने से शरीर में नया खून बनता है. जिससे खून पतला रहता है और हार्ट अटैक की संभावना काफी कम हो जाती है.

उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है. रक्तदान करने से व्यक्ति की जान बचती है. इस कारण हर व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान कहा जाता है. रक्तदान पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कई लोगों की जान बचती है. सर्जरी में, कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के दौरान रक्त की जरूरत काफी बढ़ जाती है.

निर्मल जैन को रक्तदान करने और लोगों को प्रेरित करने के लिए राज्यपाल समेत कई मंत्रियों ने सम्मानित किया है. इतना ही नहीं प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर समाज के लोगों ने भी उनका सम्मान बढ़ाया है. इस काम के लिए उनकी तारीफ की गई है. विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर निर्मल जैन ने हर उस व्यक्ति से रक्तदान करने की अपील की है, जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और जिसका वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा हो. उन्होंने कहा कि अगर आपके रक्त से किसी की जान बच सकती है, तो इससे बड़ा पुण्य कुछ नहीं हो सकता.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि इस साल की थीम है-“20 years of celebrating giving: thank you blood donors!” इस थीम के जरिए लाखों ब्लड डोनर्स, जिनकी वजह से हेल्थ इंडस्ट्री सुचारू रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन कर पा रहे हैं, उन्हें थैंक्यू कहा जा रहा है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने लिखा कि इस दिवस के जरिए नियमित रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं और आम लोगों में रक्तदान को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है.

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