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आदिवासी समाज में दहेज के लिए नहीं जलाई जाती बहू, हमारा इतिहास रहा है गौरवशाली: सीएम - glorious history of Tribal society

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

''जनजातीय समाज में देहज के लिए कभी बहुओं को नहीं जलाया जाता है. न बहुएं यहां आत्महत्या करती हैं. आदिवासी समाज का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. आदिवासी समाज की परंपरा से आज लोगों को सीखने की जरुरत है. जनजातीय समाज का इतिहास दुनिया का सबसे पुराना इतिहास है''. रायपुर के सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ये बातें कहीं.

GLORIOUS HISTORY OF TRIBAL SOCIETY
जनजातीय समाज पर कार्यशाला का आयोजन (ETV Bharat)

रायपुर: सर्किट हाउस रायपुर में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में शामिल होने के लिए सीएम विष्णु देव साय पहुंचे. सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज की परंपरा की जड़े काफी मजबूत हैं. यहां दहेज के लिए कभी बहू को जलाया नहीं जाता, बहू कभी यहां आत्महत्या नहीं करती. दुनिया के पुराने इतिहासों में जनजातीय समाज का इतिहास दर्ज है. छत्तीसगढ़ में फिलहाल जनजातियों की आबादी 32 फीसदी है. लोगों को इस समाज से सीखना चाहिए. जनजाति समाज हमारे अतीत को हमेशा याद रखता है.

जनजातीय समाज पर कार्यशाला का आयोजन: रायपुर में जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान एक प्रदर्शनी भी लगाई गई प्रदर्शनी में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्री केदार कश्यप सहित कई नेता शामिल हुए. कार्यक्रम का आयोजन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से किया गया. आयोजन में भैयालाल राजवाड़े, वनवासी विकास समिति के अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख वैभव सुरंगे, वनवासी विकास समिति के प्रांत अध्यक्ष उमेश कश्यप भी मौजूद रहे.

जनजातीय समाज पर कार्यशाला का आयोजन (ETV Bharat)

जनजातीय समाज का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. यह सोचकर गर्व होता है कि इस समाज में कई स्वतंत्रता सेनानी और जननायकों का जन्म हुआ. अपने देश के लिए संघर्ष किया. शहीद वीर नारायण सिंह, गुंडाधूर जैसे स्वतंत्रता सेनानी हुए. बिरसा मुंडा जैसे जननायक हुए. पूरी दुनिया आज जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रही है. प्रकृति का संरक्षण जरुरी है. जनजातीय समाज ने प्रकृति की रक्षा का रास्ता दिखाया है. हमारे यहां प्रकृति प्रेम का त्योहार सरहुल मनाया जाता है: विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री


बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती: सीएम ने कहा कि जनजातीय समाज में संस्कृति की गहरी आध्यात्मिकता छिपी है. जीवन जीने का तरीका जनजातीय समाज के लोगों से सीखने की जरुरत है. देहज जैसी सामाजिक बुराई का यहां कोई अस्तित्व नहीं है. खुद भगवान बिरसा मुंडा ने शोषण मुक्त समाज का सपना देखा. भगवान बिरसा मुंडा की जंयती पर 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ के हर जिले में गौरव दिवस मनाया जाएगा. बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ में कई भव्य आयोजन भी किए जाएंगे.

छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत, छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग की कार्यशाला - Tribal Society Workshop
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रायपुर: सर्किट हाउस रायपुर में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में शामिल होने के लिए सीएम विष्णु देव साय पहुंचे. सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज की परंपरा की जड़े काफी मजबूत हैं. यहां दहेज के लिए कभी बहू को जलाया नहीं जाता, बहू कभी यहां आत्महत्या नहीं करती. दुनिया के पुराने इतिहासों में जनजातीय समाज का इतिहास दर्ज है. छत्तीसगढ़ में फिलहाल जनजातियों की आबादी 32 फीसदी है. लोगों को इस समाज से सीखना चाहिए. जनजाति समाज हमारे अतीत को हमेशा याद रखता है.

जनजातीय समाज पर कार्यशाला का आयोजन: रायपुर में जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान एक प्रदर्शनी भी लगाई गई प्रदर्शनी में जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्री केदार कश्यप सहित कई नेता शामिल हुए. कार्यक्रम का आयोजन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से किया गया. आयोजन में भैयालाल राजवाड़े, वनवासी विकास समिति के अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख वैभव सुरंगे, वनवासी विकास समिति के प्रांत अध्यक्ष उमेश कश्यप भी मौजूद रहे.

जनजातीय समाज पर कार्यशाला का आयोजन (ETV Bharat)

जनजातीय समाज का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है. यह सोचकर गर्व होता है कि इस समाज में कई स्वतंत्रता सेनानी और जननायकों का जन्म हुआ. अपने देश के लिए संघर्ष किया. शहीद वीर नारायण सिंह, गुंडाधूर जैसे स्वतंत्रता सेनानी हुए. बिरसा मुंडा जैसे जननायक हुए. पूरी दुनिया आज जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रही है. प्रकृति का संरक्षण जरुरी है. जनजातीय समाज ने प्रकृति की रक्षा का रास्ता दिखाया है. हमारे यहां प्रकृति प्रेम का त्योहार सरहुल मनाया जाता है: विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री


बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती: सीएम ने कहा कि जनजातीय समाज में संस्कृति की गहरी आध्यात्मिकता छिपी है. जीवन जीने का तरीका जनजातीय समाज के लोगों से सीखने की जरुरत है. देहज जैसी सामाजिक बुराई का यहां कोई अस्तित्व नहीं है. खुद भगवान बिरसा मुंडा ने शोषण मुक्त समाज का सपना देखा. भगवान बिरसा मुंडा की जंयती पर 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ के हर जिले में गौरव दिवस मनाया जाएगा. बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ में कई भव्य आयोजन भी किए जाएंगे.

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