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वन पंचायतों में मिशन मोड पर होगा जड़ी बूटियों का विकास, प्रदेश और जिला स्तर पर फेडरेशन का होगा गठन - वन पंचायतों में जड़ी बूटी खेती

Herb Cultivation in Van Panchayats of Uttarakhand पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य की धामी सरकार रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के मकसद से जड़ी बूटी के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू करने की कोशिशों में है. इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए वन पंचायतों का अहम स्थान है. इसको देखते हुए राजधानी देहरादून में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में वन पंचायत प्रतिनिधियों को कई स्तर पर जानकारियां दी गईं.

Herb Cultivation in Van Panchayats of Uttarakhand
वन पंचायतों में जड़ी बूटी की खेती को लेकर कार्यशाला.
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 5, 2024, 6:21 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 7:24 PM IST

देहरादून में वन पंचायतों में जड़ी बूटी की खेती को लेकर कार्यशाला का आयोजन.

देहरादून: उत्तराखंड में जड़ी बूटियों के विकास को लेकर राज्य सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है. इस दिशा में वन पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसलिए वन पंचायत में जड़ी बूटी की खेती और निजी भूमि पर एरोमा पार्क जैसे प्रोजेक्ट को कैसे बेहतर तरीके से धरातल पर उतारा जाए इसके लिए विचार किया जा रहा है. इस दिशा में वन पंचायत से जुड़े तमाम वनाधिकारी और प्रतिनिधियों को योजना से जुड़ी जानकारियों को दिया जा रहा है.

Herb Cultivation in Van Panchayats of Uttarakhand
बैठक में शामिल हुए वन पंचायत प्रतिनिधि.

इसी दिशा में देहरादून में वन पंचायतों में जड़ी बूटी की खेती को लेकर कार्यशाला की गई, जिसमें वन पंचायत क्षेत्र के साथ ही प्राइवेट लैंड पर भी इससे जुड़े प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने से जुड़ी जानकारी तमाम हितधारकों के साथ साझा की गई. कार्यशाला में प्रदेश भर के वन विभाग के अधिकारी और वन पंचायत के प्रतिनिधि भी ऑनलाइन जुड़े. बैठक को प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन की अध्यक्षता में किया गया और इस दौरान उन्होंने विभिन्न जड़ी बूटियों की जानकारियां दी, साथ ही इसकी बाजार में मांग के बारे में बताया गया.

Herb Cultivation in Van Panchayats of Uttarakhand
बैठक लेते वन मंत्री सुबोध उनियाल.

उत्तराखंड में कुल 11217 वन पंचायतें है और इसमें मौजूद विभिन्न प्रतिनिधियों को जोड़कर जड़ी बूटी के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है. इसके लिए फेडरेशन स्तर पर योजना के लिए काम किया जाएगा जिसमें स्टेट लेवल फेडरेशन का गठन होगा जो कि पूरे प्रदेश में योजना की स्थिति को देखेंगी. उधर जिला स्तर पर कलस्ट्रल लेवल फेडरेशन का गठन किया जाएगा जिससे जिलों के स्तर पर होने वाले कामों की भी मॉनिटरिंग की जा सके.

गौर हो कि, उत्तराखंड में रोजगार के अवसर बढ़ाने और जड़ी बूटी के क्षेत्र में मौकों को तलाशने के लिए न केवल भारत सरकार बल्कि उत्तराखंड की धामी सरकार भी विभिन्न योजनाओं को शुरू करने की कोशिशें कर रही है. जड़ी बूटियों के क्षेत्र में वन पंचायत का अहम योगदान माना जाता है, और इसलिए वन पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से इस सेक्टर में कार्यों को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-

  1. चकराता वन क्षेत्र में बहुमूल्य जड़ी बूटियों की भरमार! अब डाक्यूमेंट करने पर जोर
  2. Bageshwar Uttarayani Fair: उत्तरायणी मेले में सजता है जड़ी बूटियों का अनोखा बाजार, टूट पड़ते हैं खरीदार

देहरादून में वन पंचायतों में जड़ी बूटी की खेती को लेकर कार्यशाला का आयोजन.

देहरादून: उत्तराखंड में जड़ी बूटियों के विकास को लेकर राज्य सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है. इस दिशा में वन पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसलिए वन पंचायत में जड़ी बूटी की खेती और निजी भूमि पर एरोमा पार्क जैसे प्रोजेक्ट को कैसे बेहतर तरीके से धरातल पर उतारा जाए इसके लिए विचार किया जा रहा है. इस दिशा में वन पंचायत से जुड़े तमाम वनाधिकारी और प्रतिनिधियों को योजना से जुड़ी जानकारियों को दिया जा रहा है.

Herb Cultivation in Van Panchayats of Uttarakhand
बैठक में शामिल हुए वन पंचायत प्रतिनिधि.

इसी दिशा में देहरादून में वन पंचायतों में जड़ी बूटी की खेती को लेकर कार्यशाला की गई, जिसमें वन पंचायत क्षेत्र के साथ ही प्राइवेट लैंड पर भी इससे जुड़े प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने से जुड़ी जानकारी तमाम हितधारकों के साथ साझा की गई. कार्यशाला में प्रदेश भर के वन विभाग के अधिकारी और वन पंचायत के प्रतिनिधि भी ऑनलाइन जुड़े. बैठक को प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन की अध्यक्षता में किया गया और इस दौरान उन्होंने विभिन्न जड़ी बूटियों की जानकारियां दी, साथ ही इसकी बाजार में मांग के बारे में बताया गया.

Herb Cultivation in Van Panchayats of Uttarakhand
बैठक लेते वन मंत्री सुबोध उनियाल.

उत्तराखंड में कुल 11217 वन पंचायतें है और इसमें मौजूद विभिन्न प्रतिनिधियों को जोड़कर जड़ी बूटी के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है. इसके लिए फेडरेशन स्तर पर योजना के लिए काम किया जाएगा जिसमें स्टेट लेवल फेडरेशन का गठन होगा जो कि पूरे प्रदेश में योजना की स्थिति को देखेंगी. उधर जिला स्तर पर कलस्ट्रल लेवल फेडरेशन का गठन किया जाएगा जिससे जिलों के स्तर पर होने वाले कामों की भी मॉनिटरिंग की जा सके.

गौर हो कि, उत्तराखंड में रोजगार के अवसर बढ़ाने और जड़ी बूटी के क्षेत्र में मौकों को तलाशने के लिए न केवल भारत सरकार बल्कि उत्तराखंड की धामी सरकार भी विभिन्न योजनाओं को शुरू करने की कोशिशें कर रही है. जड़ी बूटियों के क्षेत्र में वन पंचायत का अहम योगदान माना जाता है, और इसलिए वन पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से इस सेक्टर में कार्यों को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जाते हैं.

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  1. चकराता वन क्षेत्र में बहुमूल्य जड़ी बूटियों की भरमार! अब डाक्यूमेंट करने पर जोर
  2. Bageshwar Uttarayani Fair: उत्तरायणी मेले में सजता है जड़ी बूटियों का अनोखा बाजार, टूट पड़ते हैं खरीदार
Last Updated : Mar 5, 2024, 7:24 PM IST
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