गोपालगंज: मणिपुर में उपद्रवी हिंसा में बिहार के गोपालगंज के दो मजदूर की निर्मम हत्या कर दी गई. इस हिंसा में गोपालगंज के दो मजदूरों की मौत हो गई है. मृतकों की पहचान वीरेंद्र मुखिया के 18 वर्षीय बेटा सोना लाल और मोहन सहनी के 17 वर्षीय बेटा दशरथ सहनी है. सीएम नीतीश ने भी इस हादसे पर शोक प्रकट किया और मुआवजे की घोषणा की.
बिहार के 2 मजदूरों की मणिपुर में हत्या : सरकार के निर्देशानुसार मृत श्रमिकों के आश्रितों को उचित न्याय और मुआवजा प्रदान किया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की. इस घटना में बिहार के मृतक मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है.
मणिपुर में उपद्रवी हिंसा में बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले सुनालाल कुमार जी और दशरथ कुमार जी की हत्या से मर्माहत हूं। यह घटना काफी दुःखद है। मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है। मृत स्व॰ सुनालाल कुमार जी और स्व॰ दशरथ कुमार जी के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) December 15, 2024
सीएम नीतीश ने जताई शोक संवेदना : इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा कि मणिपुर में हुए हादसे में बिहार के 2 मजदूरों की दुःखद मृत्यु हो गई. शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है.साथ ही श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का निर्देश दिया है.
''इस घटना में बिहार के मृतक मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 02-02 लाख रू अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया. दिल्ली में बिहार के स्थानिक आयुक्त को स्थिति का जायजा लेने तथा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने एवं मृत मजदूरों के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पहुंचाने के लिए सभी समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार
मणिपुर में उपद्रवी हिंसा में बिहार के रहनेवाले लक्ष्मण कुमार और दशरथ कुमार की हत्या पर माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar मर्माहत l pic.twitter.com/KK7LmX33Pn
— IPRD Bihar (@IPRDBihar) December 15, 2024
सिर में मारी गोलीः बताया जाता है कि दशरथ और सोनेलाल काम खत्म कर साइकिल से लौट रहा था. तभी काकचिंग के कीरक में शाम पांच बजे बाइक सवार दो बदमाशों ने सिर में गोली मार दी. बताया जाता है कि मृतकों के भाई पिता और अन्य मजदूर करीब 500 मीटर की दूरी पर थे. गोली की आवाज सुन कर सभी मौके पर पहुंचे तब दोनों का शव सड़क पर देख कर शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी.
मणिपुर में मजदूरी करता थाः दशरथ सहनी छह भाईयों में तीसरे स्थान पर था. बड़ा भाई संतोष के साथ दिवाली के दूसरे दिन मणिपुर के लिए गया था. इससे पहले भी गया था लेकिन तीन माह रहने के बाद वापस घर लौट आया था. दोबारा जाने के दौरान सोनेलाल को भी साथ लेकर गया था. मणिपुर के काकचिंग में खुदजाई सीपीआई ऑफिस के पास सभी लोग एक किराए के मकान में रहकर मजदूरी करते थे.
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