खूंटीः भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली क्षेत्र उलिहातू और उनकी कर्मस्थली ननिहाल से लेकर खूंटी थाना हाजत तक बिरसा सर्किट के नाम से एक योजना की शुरुआत की गई थी. चुनावी कार्यों के चलते योजना शुरू होने में देरी हुई. अब इस योजना पर काम तेजी से हो रहा है. इसका प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है. क्या है बिरसा सर्किट और इससे राज्य एवं देशवासियों को क्या लाभ मिलेगा, आइये जानते हैं इस रिपोर्ट में.
नए साल में राज्यवासियों को भगवान बिरसा मुंडा टूरिस्ट सर्किट के रूप में एक सौगात मिलने जा रही है. भगवान बिरसा मुंडा का देश व राज्य के प्रति योगदान भुलाया नहीं जा सकता, इसलिए आम लोगों को उनके बारे में बताने के लिए भगवान बिरसा मुंडा टूरिस्ट सर्किट का निर्माण होना है. इसकी सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं. अगले एक माह में इससे संबंधित कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे.
केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय से स्वीकृत, इस योजना में करीब 40 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू से लेकर डोंबारी बुरू, चलकद, एटकेडीह, बीरबांकी बाजार व खूंटी थाना हाजत को टूरिस्ट सर्किट के रूप में जोड़ कर विकास कार्य किए जाएंगे, ताकि बिरसा के कार्यों व उनके योगदानों को आज की पीढ़ी करीब से देख पाए.
इसके साथ ही भगवान बिरसा से जुड़ी डाक्यूमेंट्री भी तैयार कराई जाएगी. जिला प्रशासन इन क्षेत्रों में जाने के लिए दो टूरिस्ट बसों की भी व्यवस्था कराएगी, ताकि बाहर से आने वाले टूरिस्ट आसानी से इन बसों के माध्यम से टूरिस्ट सर्किट का भ्रमण कर सके. इतना ही नहीं बिरसा से संबंधित गांवों के युवाओं को प्रशिक्षित कर आवश्यकतानुसार टूरिस्ट गाइड के रूप में तैनात कि जाएगा, ताकि आने वाले टूरिस्ट को गाइड कर सकें.
बता दें कि इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले इस योजना का शिलान्यास पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कर चुके हैं. चुनावी वर्ष होने के कारण योजना को मूर्त रूप लेने में कुछ देरी हुई. भगवान बिरसा मुंडा टूरिस्ट सर्किट में मुख्यतः जिन 6 गांवों को जोड़ा गया है, उनमें उलिहातू, डोंबारी बुरू, चलकद, एटकेडीह, बीरबांकी बाजार, खूंटी थाना हाजत शामिल है.
इन गांवों में बिरसा मुंडा की चहलकदमी से लेकर कैसे और कब कब अंग्रेजी हुकूमतों के खिलाफ उलगुलान किया गया, सब बताया जाएगा, इसके साथ ही उनके योगदान को लेकर म्यूजियम, डक्यूमेंट्री, आने वाले टूरिस्ट के लिए ऑडिटोरियम समेत कई कार्यों को धरातल पर उतारा जाएगा. सबसे खास यह है कि बीरबांकी बाजार परिसर को भी इस सर्किट के तहत अलग तरीके से विकसित किया जाना है. इस बाजार में बिरसा मुंडा का हमेशा आना जाना रहता था.
खूंटी थाना हाजत को भी इस सर्किट में शामिल किया गया है. अंग्रेज अफसरों ने एक बार बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर इसी हाजत में रखा था. थाना परिसर के इस हाजत को भी उसी तरह विकसित कर लोगों को बताया जाएगा कि कभी भगवान बिरसा मुंडा को यहां रखा गया था.
उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा टूरिस्ट सर्किट को पर्यटन के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय से स्वीकृत योजना है. अगले एक माह में सभी प्रक्रियाएं पूर्णकर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. टूरिस्ट सर्किट के तहत भगवान बिरसा से जुड़े 6 स्थानों को चिह्नित किया गया है. सर्किट के तहत खूंटी में एक गेस्ट हाउस और एक ऑडिटोरियम का भी निर्माण किया जाना है.
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