जोधपुर: प्रदेश में जयपुर व उदयपुर के बाद जल्द ही जोधपुर भी ऐसा शहर होगा, जहां से बड़ी संख्या में डॉक्टर निकलेंगे. यहां सरकार मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी का निर्माण करवा रही है. इसके द्वितीय चरण में मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद एमबीबीएस डॉक्टर निकलने लगेंगे. इसके बाद जोधपुर मेडिकल में करियर का ऑप्शन तो बनेगा ही साथ ही मेडिकल टूरिज्म के लिए भी नई राह खुलेगी, क्योंकि यूनिवर्सिटी के अस्पताल में टर्सरी केयर से एक कदम आगे क्वार्टरनी केयर जैसी सुविधा विकसित करने की योजना बन रही है, जिसमें रेयर डिजीज का उपचार कम खर्च के साथ विशेषज्ञता से हो सके.
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ एमके आसेरी ने बताया कि मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य चल रहा है. द्वितीय चरण में मेडिकल कॉलेज शुरू करेंगे. इसके बाद जोधपुर में सालाना तैयार होने वाले डॉक्टर्स की संख्या बढ़ जाएगी. एम्स के अलावा निजी क्षेत्र के भी दो कॉलेज शुरू हो चुके हैं. इसका फायदा मेडिकल टूरिज्म के लिए होगा.
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बढ़ रहा है यूनिवर्सिटी का दायरा: मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी का गठन होने के बाद आधे राजस्थान का क्षेत्राधिकार बांट दिया गया है. पश्चिमी राजस्थान के जिलों में आने वाले सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज अब जयपुर की आरयूएचएस से नहीं, बल्कि नई यूनिवर्सिटी से मान्यता लेंगे. अगले सत्र 2025-26 में नई संबद्धता के लिए आवेदन शुरू होने वाले हैं. वर्तमान में मेडिकल, डेंटल, फिजियोथैरेपी और पैरा मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी के अधीन किए गए हैं. जल्द 23 जिलों के नर्सिंग और फार्मेसी कॉलेज भी इसके अधीन होंगे.
मारवाड़ में बढ़ता स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा: एमडीएम अस्पताल में आज भी मारवाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज आते हैं. यहां उपलब्ध सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं पश्चिमी राजस्थान के अन्य जिलों में नहीं है. इसके अलावा एम्स में रिसर्च आधारित गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा दी जा रही है. यहां 960 आईपीडी बैड और नया ट्रोमा सेंटर बनने के बाद इसकी संख्या 200 बढ़ जाएगी. वर्तमान में यहां राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा से भी मरीज उपचार करवाने आते हैं. मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी के तहत नया सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनेगा.
निजी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल भी: बता दें कि जोधपुर में निजी मेडिकल कॉलेज के भी दो अस्पताल आ चुके हैं. इसके बाद यहां मेडिकल की 675 सीटें हो जाएगी. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की वर्तमान में 250 सीट है. इसके अलावा एम्स में 125 एमबीबीएस सीटें हैं. दो निजी मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस की सीटें मिली है. सेकंड फेज में मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में भी 100 सीट होंगी. इस प्रकार 2026-27 से 675 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश मिलेगा.