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जींद महिला पुलिसकर्मी यौन शोषण केस : महिला आयोग ने मांगी SIT की रिपोर्ट, कहा- दाल में कुछ काला है

आईपीएस सुमित कुमार पर लगे यौन शोषण मामले में अब महिला आयोग ने SIT से रिपोर्ट मांगी है.

JIND SEXUAL EXPLOITATION CASE
महिला आयोग ने मांगी SIT की रिपोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 10, 2024, 5:54 PM IST

फरीदाबाद: आईपीएस सुमित कुमार पर लगे यौन शोषण के मामले में हरियाणा महिला आयोग ने जांच के लिए गठित की गई SIT की रिपोर्ट मांगी है. आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने बताया कि आयोग अपनी तरफ से जो जांच कर रहा है, उसमें SIT की जांच को भी शामिल किया जाएगा, ताकि पता लग सके कि जो आयोग के सामने बयान दर्ज किए गए हैं, उनमें और SIT की जांच में क्या समानता है. उसी के आधार पर आगे की जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी. आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने SIT से यूट्यूबर सुनील कुमार की गिरफ्तारी के लिए अब तक की गई कार्रवाई की भी रिपोर्ट मांगी है.

"दाल में कुछ काला है" : रेनू भाटिया ने कहा अभी तक दाल में कुछ काला है, क्योंकि पूरा मामला महिलाओं के सम्मान का है. इस पूरे मामले में SIT गठित की गई है. SIT की जांच कहां तक पहुंची, उसकी रिपोर्ट IPS ममता खरब से दो दिन में मांगी गई है. ये देखना है कि अभी तक SIT ने क्या काम किया, क्या उनकी रिपोर्ट ओर महिला आयोग की रिपोर्ट सेम है या अलग. दोनों रिपोर्ट की जांच का कंपेयर इसलिए किया जाएगा, क्योंकि सुमित कुमार और उनके साथी ऑफिसर की ओर से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उनमें एक ही व्यक्ति को टारगेट किया गया है. इसलिए उनके आरोपों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, देखा जाएगा कि उनकी बात सही है या नहीं. साथ ही ये भी देखा जाएगा कि SIT में ममता खरब की ओर से जांच में जो निकलकर सामने आया, क्या वो सही है या नहीं.

महिला आयोग ने मांगी SIT की रिपोर्ट (Etv Bharat)

इसलिए मांगी गई रिपोर्ट : उन्होंने बताया कि SIT की टीम और आस्था मोदी ने यूट्यूबर सुनील कुमार को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है. इसलिए उनकी कार्रवाई को देखने के लिए SIT से रिपोर्ट मांगी गई है.

मामले पर महिला आयोग की पैनी नजर: बता दें कि आईपीएस के ऊपर लगे यौन शोषण मामले में हरियाणा महिला आयोग टीम नजर बनाई हुई है. महिला आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही आईपीएस का ट्रांसफर दूसरी जगह कर दिया गया था, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि SIT की रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर सामने आता है.

ये था मामला : दरअसल, हाल ही में इंटरनेट पर चार पन्ने का एक शिकायत पत्र वायरल हुआ था. इसमें सात महिला पुलिस कर्मियों के हस्ताक्षर थे. पत्र मुख्यमंत्री के नाम 18 अक्टूबर को लिखा गया है. पत्र में महिला पुलिस कर्मियों ने एक आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. शिकायत में कहा गया था कि एसपी सुमित कुमार एक एसएचओ और एक महिला डीएसपी के अलावा तमाम लोगों के साथ मिलकर एक रैकेट चलाते हैं. ये रैकेट महिलाओं की मदद से पुरुषों को हनीट्रैप में फंसाकर वसूली करते हैं. महिला पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर पूर्व में जब इसकी सूचना एक डिप्टी एसपी को दी तो उन्होंने कहा कि साहब के साथ कोऑपरेट करिए.

"कार्रवाई न हुई तो आत्महत्या कर लेंगे" : मुख्यमंत्री को लिखी गई इस चिट्ठी में कथित तौर पर सात महिला पुलिसकर्मियों ने आईपीएस अफसर की शिकायत की है. महिला कर्मियों का आरोप है कि अधिकारी ने न सिर्फ उनके साथ अमर्यादित व्यवहार किया, बल्कि प्रमोशन के लिए अनैतिक समझौते करने का दबाव भी डाला. आरोपों के मुताबिक, अधिकारी महिला पुलिसकर्मियों पर अनुचित दबाव डालता है और विरोध करने पर उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब करने की धमकी देता है. महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि जब उन्होंने महिला डीएसपी और एसएचओ से इस बारे में शिकायत की, तो उन्हें मदद की जगह नसीहत मिली कि अधिकारियों के साथ सहयोग करो, तभी प्रमोशन मिलेगा. महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में साफ कर दिया है कि यदि उनके आरोपों पर कार्रवाई नहीं होती, तो वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगी.

"मेरा चरित्र हनन किया जा रहा": महिला आयोग के समक्ष पेश हुए आरोपी जींद एसपी सुमित कुमार मीडिया के सामने आये और उन्होंने कहा कि तमाम आरोपों के पीछे साजिश है. अभी तक इस मामले में कोई भी सामने नहीं आया है. केवल सोशल मीडिया पर ही शिकायत वायरल हो रही है. जिस पेज से शिकायत वायरल हुई है उस पेज को कुछ ही मिनट बाद डिलीट कर दिया गया. इस शिकायत के माध्यम से मेरा चरित्र हनन किया जा रहा है. मैं इस मामले में पूरी तरह बेकसूर हूं.

इसे भी पढ़ें : यौन शोषण केस में महिला आयोग के दफ्तर पहुंचे जींद एसपी, खुद को बताया बेकसूर

फरीदाबाद: आईपीएस सुमित कुमार पर लगे यौन शोषण के मामले में हरियाणा महिला आयोग ने जांच के लिए गठित की गई SIT की रिपोर्ट मांगी है. आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने बताया कि आयोग अपनी तरफ से जो जांच कर रहा है, उसमें SIT की जांच को भी शामिल किया जाएगा, ताकि पता लग सके कि जो आयोग के सामने बयान दर्ज किए गए हैं, उनमें और SIT की जांच में क्या समानता है. उसी के आधार पर आगे की जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी. आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने SIT से यूट्यूबर सुनील कुमार की गिरफ्तारी के लिए अब तक की गई कार्रवाई की भी रिपोर्ट मांगी है.

"दाल में कुछ काला है" : रेनू भाटिया ने कहा अभी तक दाल में कुछ काला है, क्योंकि पूरा मामला महिलाओं के सम्मान का है. इस पूरे मामले में SIT गठित की गई है. SIT की जांच कहां तक पहुंची, उसकी रिपोर्ट IPS ममता खरब से दो दिन में मांगी गई है. ये देखना है कि अभी तक SIT ने क्या काम किया, क्या उनकी रिपोर्ट ओर महिला आयोग की रिपोर्ट सेम है या अलग. दोनों रिपोर्ट की जांच का कंपेयर इसलिए किया जाएगा, क्योंकि सुमित कुमार और उनके साथी ऑफिसर की ओर से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उनमें एक ही व्यक्ति को टारगेट किया गया है. इसलिए उनके आरोपों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, देखा जाएगा कि उनकी बात सही है या नहीं. साथ ही ये भी देखा जाएगा कि SIT में ममता खरब की ओर से जांच में जो निकलकर सामने आया, क्या वो सही है या नहीं.

महिला आयोग ने मांगी SIT की रिपोर्ट (Etv Bharat)

इसलिए मांगी गई रिपोर्ट : उन्होंने बताया कि SIT की टीम और आस्था मोदी ने यूट्यूबर सुनील कुमार को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है. इसलिए उनकी कार्रवाई को देखने के लिए SIT से रिपोर्ट मांगी गई है.

मामले पर महिला आयोग की पैनी नजर: बता दें कि आईपीएस के ऊपर लगे यौन शोषण मामले में हरियाणा महिला आयोग टीम नजर बनाई हुई है. महिला आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही आईपीएस का ट्रांसफर दूसरी जगह कर दिया गया था, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि SIT की रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर सामने आता है.

ये था मामला : दरअसल, हाल ही में इंटरनेट पर चार पन्ने का एक शिकायत पत्र वायरल हुआ था. इसमें सात महिला पुलिस कर्मियों के हस्ताक्षर थे. पत्र मुख्यमंत्री के नाम 18 अक्टूबर को लिखा गया है. पत्र में महिला पुलिस कर्मियों ने एक आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. शिकायत में कहा गया था कि एसपी सुमित कुमार एक एसएचओ और एक महिला डीएसपी के अलावा तमाम लोगों के साथ मिलकर एक रैकेट चलाते हैं. ये रैकेट महिलाओं की मदद से पुरुषों को हनीट्रैप में फंसाकर वसूली करते हैं. महिला पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर पूर्व में जब इसकी सूचना एक डिप्टी एसपी को दी तो उन्होंने कहा कि साहब के साथ कोऑपरेट करिए.

"कार्रवाई न हुई तो आत्महत्या कर लेंगे" : मुख्यमंत्री को लिखी गई इस चिट्ठी में कथित तौर पर सात महिला पुलिसकर्मियों ने आईपीएस अफसर की शिकायत की है. महिला कर्मियों का आरोप है कि अधिकारी ने न सिर्फ उनके साथ अमर्यादित व्यवहार किया, बल्कि प्रमोशन के लिए अनैतिक समझौते करने का दबाव भी डाला. आरोपों के मुताबिक, अधिकारी महिला पुलिसकर्मियों पर अनुचित दबाव डालता है और विरोध करने पर उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब करने की धमकी देता है. महिला पुलिसकर्मियों का कहना है कि जब उन्होंने महिला डीएसपी और एसएचओ से इस बारे में शिकायत की, तो उन्हें मदद की जगह नसीहत मिली कि अधिकारियों के साथ सहयोग करो, तभी प्रमोशन मिलेगा. महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में साफ कर दिया है कि यदि उनके आरोपों पर कार्रवाई नहीं होती, तो वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगी.

"मेरा चरित्र हनन किया जा रहा": महिला आयोग के समक्ष पेश हुए आरोपी जींद एसपी सुमित कुमार मीडिया के सामने आये और उन्होंने कहा कि तमाम आरोपों के पीछे साजिश है. अभी तक इस मामले में कोई भी सामने नहीं आया है. केवल सोशल मीडिया पर ही शिकायत वायरल हो रही है. जिस पेज से शिकायत वायरल हुई है उस पेज को कुछ ही मिनट बाद डिलीट कर दिया गया. इस शिकायत के माध्यम से मेरा चरित्र हनन किया जा रहा है. मैं इस मामले में पूरी तरह बेकसूर हूं.

इसे भी पढ़ें : यौन शोषण केस में महिला आयोग के दफ्तर पहुंचे जींद एसपी, खुद को बताया बेकसूर

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