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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा रेशा, सजावट के सामान बनाने की दी जा रही खास ट्रेनिंग - रेशों से उत्पाद

Women Getting Training of Products Making From Fibre पहाड़ों में मिलने वाले पौधों से कई प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं. जिनसे लोग अपनी आय भी बढ़ा सकते हैं. इनमें भीमल और रामबांस के पौधे शामिल हैं. जिनके रेशों से खूबसूरत उत्पाद बनाए जाते हैं. छरबा में भी महिलाओं को नेचुरल फाइबर से सजावट के सामान बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.

Fibre Products Making Training
रेशों से उत्पाद
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 29, 2024, 7:55 PM IST

Updated : Feb 29, 2024, 9:57 PM IST

रेशों से सजावट के उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग

विकासनगर: विकासनगर के छरबा में महिलाओं को खास ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के तहत पौधों से निकलने वाले रेशों से सजावट का सामान आदि बनाना सिखाया जा रहा है. यह ट्रेनिंग हस्तशिल्प विकास आयोग की ओर से डिजाइन एवं तकनीकी उन्नयन योजना के तहत दी जा रही है. जिसमें 30 ग्रामीण महिलाएं हिस्सा ले रही हैं.

बता दें कि कुदरत ने उत्तराखंड को बहुमूल्य वन संपदा और जड़ी बूटियों से नवाजा है. इनमें कई ऐसे पेड़ पौधे भी हैं, जिनसे रेशे निकलते हैं. जो कई तरह के काम आते हैं. खासकर हस्तशिल्प में रस्सियां, चप्पलें, हैंड बैग, बास्केट आदि तैयार किए जाते हैं. जो स्वरोजगार का अहम जरिया भी साबित हो रहा है. इसी कड़ी में वस्त्र मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड के सहसपुर क्षेत्र में छरबा गांव की 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जहां महिलाएं रेशों से आकर्षक उत्पाद बनाना सीख रही हैं.

Jewellery Making Training From Fibres
रेशों से बने उत्पाद

नेचुरल फाइबर से बनाए जा रहे सजावट के सामान: डिजाइनर वंदना शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यह प्रशिक्षण हैंडीक्राफ्ट से संबंधित से जुड़ा है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को पौधों के रेशों से सजावट आदि का सामान बनाना सिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गांवों में नेचुरल फाइबर मिलता है, जिनमें भीमल और रामबांस शामिल हैं. ऐसे इनसे किस तरह से उपयोगी और मार्केट के ट्रेंड के हिसाब से वस्तुएं बना सकते हैं? साथ ही उसे बाजार में कैसे उतार सकते हैं, इसकी जानकारी भी ट्रेनिंग में दी जा रही है.

Jewellery Making Training From Fibres
रेशों से उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग लेती महिलाएं

वंदना शर्मा ने बताया कि महिलाएं प्रशिक्षण लेने के बाद वो इन उत्पादों को तैयार कर कहीं भी बेच सकती हैं. इन उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग भी कर सकती हैं. क्योंकि, आजकल ऑनलाइन मार्केटिंग का बोलबाला है. ऐसे में वो अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचकर अच्छी कमाई कर सकती हैं. महिलाओं का एक तबका ऐसा भी है, जो हस्त निर्मित आभूषणों को पसंद करता है. खासकर नेचुरल फाइबर से बने हुए ज्वेलरी. यही वजह है कि उनका फोकस इसी डिजाइनिंग पर टिका हुआ है. ताकि, महिलाओं को मार्केट से अच्छा लाभ मिल सके.

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रेशों से सजावट के उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग

विकासनगर: विकासनगर के छरबा में महिलाओं को खास ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के तहत पौधों से निकलने वाले रेशों से सजावट का सामान आदि बनाना सिखाया जा रहा है. यह ट्रेनिंग हस्तशिल्प विकास आयोग की ओर से डिजाइन एवं तकनीकी उन्नयन योजना के तहत दी जा रही है. जिसमें 30 ग्रामीण महिलाएं हिस्सा ले रही हैं.

बता दें कि कुदरत ने उत्तराखंड को बहुमूल्य वन संपदा और जड़ी बूटियों से नवाजा है. इनमें कई ऐसे पेड़ पौधे भी हैं, जिनसे रेशे निकलते हैं. जो कई तरह के काम आते हैं. खासकर हस्तशिल्प में रस्सियां, चप्पलें, हैंड बैग, बास्केट आदि तैयार किए जाते हैं. जो स्वरोजगार का अहम जरिया भी साबित हो रहा है. इसी कड़ी में वस्त्र मंत्रालय की ओर से उत्तराखंड के सहसपुर क्षेत्र में छरबा गांव की 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जहां महिलाएं रेशों से आकर्षक उत्पाद बनाना सीख रही हैं.

Jewellery Making Training From Fibres
रेशों से बने उत्पाद

नेचुरल फाइबर से बनाए जा रहे सजावट के सामान: डिजाइनर वंदना शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि यह प्रशिक्षण हैंडीक्राफ्ट से संबंधित से जुड़ा है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को पौधों के रेशों से सजावट आदि का सामान बनाना सिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के गांवों में नेचुरल फाइबर मिलता है, जिनमें भीमल और रामबांस शामिल हैं. ऐसे इनसे किस तरह से उपयोगी और मार्केट के ट्रेंड के हिसाब से वस्तुएं बना सकते हैं? साथ ही उसे बाजार में कैसे उतार सकते हैं, इसकी जानकारी भी ट्रेनिंग में दी जा रही है.

Jewellery Making Training From Fibres
रेशों से उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग लेती महिलाएं

वंदना शर्मा ने बताया कि महिलाएं प्रशिक्षण लेने के बाद वो इन उत्पादों को तैयार कर कहीं भी बेच सकती हैं. इन उत्पादों की ऑनलाइन मार्केटिंग भी कर सकती हैं. क्योंकि, आजकल ऑनलाइन मार्केटिंग का बोलबाला है. ऐसे में वो अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचकर अच्छी कमाई कर सकती हैं. महिलाओं का एक तबका ऐसा भी है, जो हस्त निर्मित आभूषणों को पसंद करता है. खासकर नेचुरल फाइबर से बने हुए ज्वेलरी. यही वजह है कि उनका फोकस इसी डिजाइनिंग पर टिका हुआ है. ताकि, महिलाओं को मार्केट से अच्छा लाभ मिल सके.

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Last Updated : Feb 29, 2024, 9:57 PM IST
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