जयपुर : 23 जुलाई को केंद्र की मोदी सरकार का बजट पेश होने जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीयों के आर्थिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों के इस बजट की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. कृषि से लेकर उद्यमिता और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति के लिए सरकार के जोर के साथ इस बजट का उद्देश्य महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ाने और आवश्यक सेवाओं की दक्षता में सुधार करने वाले उपाय पेश किए जा सकते हैं. महिला वित्त मंत्री जब इस बजट को पेश करने जा रही हैं, तो देश और प्रदेश की महिलाओं की भी उम्मीदें और ज्यादा बढ़ जाती हैं. क्या है प्रदेश की महिला उद्यमियों की इस बजट से उम्मीद देखिए इस खास रिपोर्ट में?.
ब्याज मुक्त ऋण महिलाओं को मिले : भारत में ज्यादातर महिलाएं अपने वित्त की बागडोर अपने हाथों में ले रही हैं, उद्यमिता परिदृश्य में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि देखी जा रही है. इसका लाभ उठाने के लिए सरकार ने पीएम मुद्रा योजना और लखपति दीदी योजना जैसी ऋण योजना और ऋण सुविधाएं जैसे कई प्रावधान पेश किए हैं. फोर्टी वुमेन विंग की जनरल सेकेट्री ललिता कुच्छल ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने पिछले बजट में भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई तरह की योजनाओं को लागू किया, जिससे महिलाओं के आत्मविश्वास बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
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ललिता कुच्छल ने कहा कि हम 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए उन क्षेत्रों को धन के आवंटन की रणनीति बनाना महत्वपूर्ण है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट-2024 में ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसमें ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हो. कुच्छल ने कहा कि मेक इन इंडिया पहल ने पिछले दशक में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है. हालांकि, ग्रामीण भारत में MSME और SME को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता है. इसके अलावा महिलाओं के नेतृत्व वाले नवाचार पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. हाशिए पर पड़े उद्यमियों के लिए ब्याज मुक्त ऋण मिलना चाहिए.
योजनाओं की जागरूकता जरूरी : फोर्टी जॉइंट सेक्रेटरी साक्षी आहूजा ने कहा कि योजना के बारे में महिलाओं को ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है. सरकार की ओर से योजनाएं लागू की जाती, लेकिन उसका प्रचार प्रसार नहीं होने से जरूरतमंद इसका लाभ नही ले पाती हैं. इसके अलावा महिलाओं को रियायती दर लोन मिले और स्टार्टअप के लिए तो कम से कम ऋण मुक्त ब्याज मिलना चाहिए. आहूजा ने कहा कि कोई भी महिला अपने उद्यम को आगे बढ़ाना चाहती है, तो उसके लिए भी सरकार को कुछ नए प्रावधान करनी चाहिए. इसके साथ महंगाई एक बड़ा मुद्दा है इस पर भी सरकार इस बजट में ध्यान देने की जरूरत है.
फैशन सेक्टर से जुड़ी ज्योति पवार ने स्टार्ट-अप सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं के नवाचार और योगदान को मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रोत्साहित करने, नवाचार और अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए कर छूट आदि के रूप में पर्याप्त प्रावधान किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है. नौकरी के साथ-साथ अब महिलाओं ने अपने हुनर से छोटे स्टार्टअप शुरू किए हैं, उसको प्रोत्साहित और आगे बढ़ाने के लिए सरकार को फंड की व्यवस्था करनी चाहिए.
उद्यमी सोनिया बड़ाया ने कहा कि "मैं एक महिला उद्यमी हूं और मैं चाहती हूं कि जब एक वित्त मंत्री महिला के रूप में बजट पेश कर रही हैं, तो टैक्स स्लैब में सरलीकरण जरूर करें. कई बार टैक्स को लेकर समझ नहीं आता है. इसलिए उसका सरलीकरण किया जाना चाहिए." इसके साथ ही महिलाओं के काम को आगे बढ़ाने के लिए जरूरत है, उसमें सरकार को कुछ अलग से छूट के प्रावधान करने चाहिए. चाहे वह टैक्स स्लेब में छूट की बात हो या फिर अन्य तरह के लगने वाले टैक्स में. महिलाओं को उद्योग आगे बढ़ाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाना चाहिए, ताकि एक ही छत के नीचे महिलाओं को तमाम जानकारी और सुविधा मिल सके.