लखनऊ: समाज में महिलाएं अब पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. रोडवेज की कई बसों का चक्का भी अब तब घूम रहा है, जब महिलाएं स्टीयरिंग थाम रही हैं. लगातार रोडवेज बसों में महिला चालकों की संख्या बढ़ रही है, जो यूपीएसआरटीसी के लिए शुभ संकेत है. अब पवित्र कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को पहुंचाने की जिम्मेदारी भी महिला चालक निभाएंगी. उन्हीं के हाथ श्रद्धालुओं को कुंभ तक पहुंचाने के लिए बसों की स्टीयरिंग होगी.
प्रदूषण मुक्त कुंभ मेले में सिर्फ इलेक्ट्रिक रोडवेज बसें ही चलेंगी. खास बात यह है कि इन बसों की स्टीयरिंग महिला ड्राइवरों के हाथों में होगी. इसके लिए महिला ड्राइवरों की सीधी भर्ती की जाएगी. इतना ही नहीं निजी कंपनियों के साथ अनुबंध पर संचालित होने वाली पांच हजार इलेक्ट्रिक बसों की कमान भी महिला चालकों के हाथ में होगी. अनुबंध की शर्तो में ई बसों के साथ-साथ महिला चालकों का होना भी अनिवार्य होगा. आगामी दिनों में 15 हजार ड्राइवर-कंडक्टरों की संविदा पर यूपीएसआरटीसी भर्ती करने जा रहा है.
इनमें महिला चालक-परिचालकों को भी आउटसोर्स से भर्ती किया जाएगा. इनकी संख्या अभी तय नहीं है. उम्मीद जताई जा रही है कि 3000 के करीब महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देकर बसों में तैनात किया जाएगा. इससे पूर्व रोडवेज में वर्ष 2016 में 1600 नियमित कंडक्टर भर्ती में 488 महिला परिचालकों की नियुक्ति हुई थी. वर्ष 2020 में महिला ड्राइवरों की भर्ती का सिलसिला शुरू हुआ था. रोडवेज में वर्तमान में 17 महिला ड्राइवर तैनात हैं. इनमें सात महिलाएं सड़क पर बसें दौड़ा भी रही हैं.
क्या कहते हैं एमडी: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर का कहना है कि उनका प्रयास है कि संविदा ड्राइवर-कंडक्टर भर्ती में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं भी हिस्सा लें. अभी इनकी संख्या तय नहीं की गई है. महिलाओं को कानपुर प्रशिक्षण संस्थान में ड्राइविंग की ट्रेनिंग कराई जाएगी. ट्रेनिंग के एवज में भत्ता भी दिया जाएगा. कुंभ मेले में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए ग्रीन रूट भी तैयार किए जाएंगे.