देहरादूनः उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 21 अगस्त से तीन दिवसीय विधानसभा का मॉनसून सत्र आहूत होने जा रहा है. मॉनसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को सदन से सड़क तक घेरने की रणनीति तैयार कर ली है. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में उपवास में बैठने का निर्णय लिया है. तो उत्तराखंड महिला कांग्रेस ने 22 अगस्त को विभिन्न मुद्दों को लेकर गैरसैंण विधानसभा घेराव करने का फैसला लिया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि भाजपा सरकार के शासनकाल में गैरसैंण की लगातार उपेक्षा की गई. उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी के चिन्ह खोजने के लिए गैरसैंण जाऊंगा. हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि वह गैरसैंण में उपवास पर बैठेंगे.
उनका कहना है कि ऋषिकेश से बदरीनाथ और गैरसैंण की तरफ जाते हुए ग्रीष्मकालीन राजधानी के बड़े-बड़े बोर्ड लगे हुए हैं. 21 अगस्त को विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू होगा और उसी दिन में ग्रीष्मकालीन राजधानी के चिन्ह खोजने जाऊंगा.
इधर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि 22 अगस्त को कांग्रेस की महिलाएं कुछ मुद्दों के साथ गैरसैंण में प्रदर्शन करने जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पर्वतीय जिलों में लचर स्वास्थ्य सुविधाएं हैं. पर्वतीय जिलों के प्राइमरी और कंबाइंड हेल्थ सेंटरों में एक्सरे, ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. कई अस्पतालों में स्त्री रोग विशेषज्ञ तक उपलब्ध नहीं है. इससे गर्भवती को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
ज्योति रौतेला का कहना है कि महिला कांग्रेस गैरसैंण जाकर लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का मुद्दा प्रमुखता से उठाने जा रही है. इसके अलावा कांग्रेस की महिलाएं गैरसैंण में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, अग्निपथ योजना, बेरोजगारी, युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति जैसे विषयों को पुरजोर तरीके से उठाएगी.
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