चमोली: सीमांत जिला मुख्यालय चमोली में ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार कार्य कर रही हैं. महिलाएं फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर बेहतर आय प्राप्त कर रही हैं, जिससे महिलाएं अब घर के काम के साथ बेहतर आय प्राप्त कर रही हैं.
राज्य सरकार की ओर से साल 2021-22 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों की स्थापना कर ग्रामीणों की आय में वृद्धि करने के लिए ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना का संचालन शुरू किया था. जिसके तहत ग्रामीणों को उद्यम को स्थापित करने के लिए अनुदान के आधार पर आर्थिक मदद दी जा रही है. परियोजना में उद्यम स्थापित करने की कुल लागत का 50 प्रतिशत बैंक लोन, 20 प्रतिशत लाभार्थी अंशदान तथा 30 प्रतिशत रीप परियोजना की ओर से आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है. जिससे ग्रामीण कम लागत में सुगमता से घर पर ही स्वरोजगार प्राप्त कर रहे हैं. परियोजना के तहत जिले में 5 यूनिट स्थापित की गई हैं. जिनमें मैठाणा की अंजली डिमरी, रतूड़ा की प्रतिमा देवी और चटंग्याला की बिनीता देवी फूड प्रोसेसिंग यूनिट का संचालन कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रही हैं.
बीना तिवारी ने बताया कि ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत संचालित योजना के माध्यम से उन्होंने साल 2023 के मई माह में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की. जिसके बाद नमकीन, अचार और मसाला बनाने का काम कर रही हैं. जिससे घर के अन्य कामों के साथ ही यूनिट का संचालन कर करीब 10 हजार रुपये मासिक कमा रही हैं. मज्याणी सिमली निवासी गीता देवी कहती हैं कि ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत वर्ष 2023 में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए सरकारी सहायता लेने के लिए आवेदन किया था. परियोजना में चयन के बाद मिले आर्थिक सहयोग से मैने यूनिट की स्थापना कर वर्तमान तक 150 लीटर माल्टा व नींबू का जूस, 1 कुंतल आम, आंवला और मिक्स अचार का विपणन किया गया है. जिससे घर पर ही संचालित यूनिट से बेहतर आय प्राप्त हो रही है.