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Delhi: वाशिंग मशीन में कट गई थी महिला की उंगली, 12 घंटे बाद सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने किया ट्रांसप्लांट

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने एक महिला की कटी हुई उंगली को 12 घंटे बाद ट्रांसप्लांट कर उसमें दोबारा जान डाल दी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 1 hours ago

दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल
दिल्ली का सफदरजंग अस्पताल (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने एक महिला की कटी हुई उंगली को 15 घंटे में प्रत्यारोपित कर ठीक कर दिया है. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार 9 अक्टूबर को एक मरीज पूजा(काल्पनिक नाम) अपने 4 साल के बच्चे को गोद में लेने की कोशिश करते समय घायल हो गई. उसका हाथ वॉशिंग मशीन में चला गया, जहां उसकी दाहिनी तर्जनी उंगली बुरी तरह कुचल गई और पूरी त्वचा उखड़ गई. 28 वर्षीय यह महिला पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके के सोनिया विहार सब्जी मंडी के पास रहती है.

महिला की कटी हुई उंगली केवल थोड़ी सी जुड़ी हुई थी और उंगली के बीच की हड्डी भी टूट गई थी. मरीज रात 10 बजे सफदरजंग अस्पताल पहुंची, जहां मेडिकल ऑफिसर ने शुरुआती जांच और एक्स-रे किया. इसके बाद मरीज को अस्पताल के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया.

ये भी पढ़ें: गंगाराम हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने जोड़ा मजदूर का कटा हाथ

अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांडा ने बताया कि किसी कारण से महिला अस्पताल से चली गई और 10 अक्टूबर 2024 को सुबह 7 बजे इमरजेंसी में फिर से आई. वहां से उन्हें फिर से अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया. डॉ शलभ कुमार, डॉ राकेश कैन, डॉ उपेंद्र शर्मा और डॉ ध्रुति व डॉ नूपुर की पांच सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की. लगभग 12 घंटे बीत जाने की वजह से यह संदेह था कि क्या उंगली को फिर से जोड़ा जा सकेगा और उसमें रक्त की आपूर्ति को बहाल हो पाएगा. अंत में, उंगली को ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया गया. मरीज को तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और सर्जरी शुरू हुई.

डॉक्टरों ने बताया कि लगभग 3 घंटे की सर्जिकल प्रक्रियाओं के बाद रक्त वाहिकाओं, एक धमनी और एक नस को जोड़ने में सफलता मिली. फिर उंगली में खून की आपूर्ति शुरू हुई और उंगली गुलाबी दिखने लगी. एक स्टील के तार से हड्डी को ठीक किया गया. अब 3 दिनों के बाद मरीज वार्ड में है और उंगली जुड़ गई है और उसमें खून की आपूर्ति सुचारू रूप से हो रही है.

वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ शलभ कुमार ने कहा कि ये रक्त वाहिकाएं बहुत छोटी होती हैं. सामान्य तौर पर उंगली कटने के 6-8 घंटे के अंदर ही दोबारा प्रत्यारोपण कर दिया जाता है. कटे हुए हिस्से को बर्फ की दो थैलियों में सुरक्षित रखना पड़ता है. विभागाध्यक्ष डॉ. सुजाता सरबही ने बताया कि इस तरह की सर्जरी माइक्रोस्कोप की मदद से संभव है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में युवक के पेट से निकला जिंदा कॉकरोच! फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने 10 मिनट में की सर्जरी

नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने एक महिला की कटी हुई उंगली को 15 घंटे में प्रत्यारोपित कर ठीक कर दिया है. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार 9 अक्टूबर को एक मरीज पूजा(काल्पनिक नाम) अपने 4 साल के बच्चे को गोद में लेने की कोशिश करते समय घायल हो गई. उसका हाथ वॉशिंग मशीन में चला गया, जहां उसकी दाहिनी तर्जनी उंगली बुरी तरह कुचल गई और पूरी त्वचा उखड़ गई. 28 वर्षीय यह महिला पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके के सोनिया विहार सब्जी मंडी के पास रहती है.

महिला की कटी हुई उंगली केवल थोड़ी सी जुड़ी हुई थी और उंगली के बीच की हड्डी भी टूट गई थी. मरीज रात 10 बजे सफदरजंग अस्पताल पहुंची, जहां मेडिकल ऑफिसर ने शुरुआती जांच और एक्स-रे किया. इसके बाद मरीज को अस्पताल के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया.

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अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांडा ने बताया कि किसी कारण से महिला अस्पताल से चली गई और 10 अक्टूबर 2024 को सुबह 7 बजे इमरजेंसी में फिर से आई. वहां से उन्हें फिर से अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया. डॉ शलभ कुमार, डॉ राकेश कैन, डॉ उपेंद्र शर्मा और डॉ ध्रुति व डॉ नूपुर की पांच सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की. लगभग 12 घंटे बीत जाने की वजह से यह संदेह था कि क्या उंगली को फिर से जोड़ा जा सकेगा और उसमें रक्त की आपूर्ति को बहाल हो पाएगा. अंत में, उंगली को ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया गया. मरीज को तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और सर्जरी शुरू हुई.

डॉक्टरों ने बताया कि लगभग 3 घंटे की सर्जिकल प्रक्रियाओं के बाद रक्त वाहिकाओं, एक धमनी और एक नस को जोड़ने में सफलता मिली. फिर उंगली में खून की आपूर्ति शुरू हुई और उंगली गुलाबी दिखने लगी. एक स्टील के तार से हड्डी को ठीक किया गया. अब 3 दिनों के बाद मरीज वार्ड में है और उंगली जुड़ गई है और उसमें खून की आपूर्ति सुचारू रूप से हो रही है.

वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ शलभ कुमार ने कहा कि ये रक्त वाहिकाएं बहुत छोटी होती हैं. सामान्य तौर पर उंगली कटने के 6-8 घंटे के अंदर ही दोबारा प्रत्यारोपण कर दिया जाता है. कटे हुए हिस्से को बर्फ की दो थैलियों में सुरक्षित रखना पड़ता है. विभागाध्यक्ष डॉ. सुजाता सरबही ने बताया कि इस तरह की सर्जरी माइक्रोस्कोप की मदद से संभव है.

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