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पेट में पल रही है लड़की, पता चलने पर गर्भपात कराने पहुंची महिला, ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत - Woman died during abortion

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 4, 2024, 1:29 PM IST

Woman died during abortion in Hazaribag. हजारीबाग के नवाबगंज स्थित आशा किरण महिला अस्पताल में गर्भपात के दौरान एक महिला की मौत हो गई. भ्रूण जांच में गर्भ में लड़की होने का पता चलने के बाद परिजन महिला का गर्भपात करा रहे थे. इसी दौरान महिला की मौत हो गई.

Woman died during abortion in Hazaribag
अस्पताल में महिला के परिजन (ईटीवी भारत)

हजारीबाग: भ्रूण जांच और भ्रूण हत्या दोनों पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद चंद रुपयों के लालच में कुछ सहिया और डॉक्टर इसे करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला हजारीबाग के इचाक थाना क्षेत्र से सामने आया, जहां गर्भपात के दौरान एक महिला की मौत हो गई. मामले का खुलासा होने पर पता चला कि परिजनों के कहने पर सहिया ने भ्रूण जांच कराई थी, जिसमें पता चला कि महिला के गर्भ में लड़की है. जिसके बाद परिजन गर्भपात कराने पहुंच गए. पूरी घटना जिले के नवाबगंज स्थित आशा किरण महिला अस्पताल में घटी.

गर्भपात के दौरान महिला की मौत (ईटीवी भारत)

बेटी होने पर कराया जा रहा था गर्भपात

मृत महिला की पहचान इचाक थाना क्षेत्र निवासी लक्ष्मी देवी के रूप में हुई है. महिला के पति किटा कुमार ने बताया कि उन्होंने बरही स्थित अस्पताल में महिला के भ्रूण की जांच कराई थी. जहां बताया गया कि उसके गर्भ में लड़की है. सहिया की मदद से परिजन उसे हजारीबाग के नवाबगंज स्थित आशा किरण महिला अस्पताल ले गए, जहां महिला का गर्भपात कराया जाने लगा. लेकिन इस दौरान महिला की मौत हो गई. घटना बुधवार रात एक बजे की है. मृतका लक्ष्मी देवी के पति ने बताया कि सहिया की मदद से महिला को अस्पताल लाया गया था.

गोरतलब हो कि भ्रूण टेस्ट करना गैरकानूनी है, इसके बावजूद भ्रूण जांच की जा रही है. सरकार ने नियम बनाया है कि सहिया को गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल लाना है. लेकिन चंद पैसों के लालच में ग्रामीण क्षेत्र की सहिया मरीज को निजी अस्पताल ले जाती हैं.

सहिया ने भ्रूण जांच की बात से किया इनकार

इचाक में सेवा देने वाली सहिया मंजू देवी ने बताया कि महिला को सदर अस्पताल ले जाना था, लेकिन दर्द के कारण उसे निजी अस्पताल ले जाया गया. वह तीन महीने की गर्भवती थी. सहिया का कहना है कि उसने महिला के भ्रूण की जांच नहीं की है. महिला के परिजन झूठा आरोप लगा रहे हैं.

परिजनों ने किया हंगामा

मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. ऐसे में लोहसिघना थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों को आश्वासन दिया कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. सूचना मिलने पर ग्राम प्रधान भरत बिहारी महतो भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग की. मामला बेहद गंभीर है कि कैसे एक महिला का भ्रूण परीक्षण किया गया और फिर बेटे की लालच में नर्सिंग होम ने बेटी को जन्म से पहले ही मार डाला. बहरहाल, इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्रशासन चाहे जितना दावा करे, भ्रूण परीक्षण धड़ल्ले से हो रहा है.

यह भी पढ़ें: झुमरी तिलैया के अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर छापेमारी, भ्रूण जांच की शिकायत पर की गई कार्रवाई

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यह भी पढ़ें: हजारीबाग: कई नर्सिंग होम के ठिकानों पर प्रशासन की छापेमारी, जब्त हुई अल्ट्रासाउंड की मशीनें

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गर्भपात के दौरान महिला की मौत (ईटीवी भारत)

बेटी होने पर कराया जा रहा था गर्भपात

मृत महिला की पहचान इचाक थाना क्षेत्र निवासी लक्ष्मी देवी के रूप में हुई है. महिला के पति किटा कुमार ने बताया कि उन्होंने बरही स्थित अस्पताल में महिला के भ्रूण की जांच कराई थी. जहां बताया गया कि उसके गर्भ में लड़की है. सहिया की मदद से परिजन उसे हजारीबाग के नवाबगंज स्थित आशा किरण महिला अस्पताल ले गए, जहां महिला का गर्भपात कराया जाने लगा. लेकिन इस दौरान महिला की मौत हो गई. घटना बुधवार रात एक बजे की है. मृतका लक्ष्मी देवी के पति ने बताया कि सहिया की मदद से महिला को अस्पताल लाया गया था.

गोरतलब हो कि भ्रूण टेस्ट करना गैरकानूनी है, इसके बावजूद भ्रूण जांच की जा रही है. सरकार ने नियम बनाया है कि सहिया को गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल लाना है. लेकिन चंद पैसों के लालच में ग्रामीण क्षेत्र की सहिया मरीज को निजी अस्पताल ले जाती हैं.

सहिया ने भ्रूण जांच की बात से किया इनकार

इचाक में सेवा देने वाली सहिया मंजू देवी ने बताया कि महिला को सदर अस्पताल ले जाना था, लेकिन दर्द के कारण उसे निजी अस्पताल ले जाया गया. वह तीन महीने की गर्भवती थी. सहिया का कहना है कि उसने महिला के भ्रूण की जांच नहीं की है. महिला के परिजन झूठा आरोप लगा रहे हैं.

परिजनों ने किया हंगामा

मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. ऐसे में लोहसिघना थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों को आश्वासन दिया कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. सूचना मिलने पर ग्राम प्रधान भरत बिहारी महतो भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग की. मामला बेहद गंभीर है कि कैसे एक महिला का भ्रूण परीक्षण किया गया और फिर बेटे की लालच में नर्सिंग होम ने बेटी को जन्म से पहले ही मार डाला. बहरहाल, इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्रशासन चाहे जितना दावा करे, भ्रूण परीक्षण धड़ल्ले से हो रहा है.

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