पिथौरागढ़: सीमांत पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी तहसील क्षेत्र में एक महिला काफल तोड़ते समय अचानक पेड़ से सीधे खाई में जा गिरी. जिसे देख अन्य महिलाओं के होश फाख्ता हो गए. घबराए महिलाओं ने आनन-फानन में इसकी सूचना स्थानीय लोगों और ग्रामीणों को दी. जिसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और महिला को खाई से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. महिला की मौत के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं.
जानकारी के मुताबिक, रविवार शाम को बंगापानी तहसील के ग्राम पंचायत जारा जिबली की नीमा देवी गांव की अन्य महिलाओं के साथ काफल तोड़ने जंगल गई थी. काफल तोड़ते समय अचानक पेड़ की टहनी टूट गई. जिससे नीमा कई फीट नीचे पथरीली जगह पर जा गिरी. जिससे नीमा देवी की मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि नीमा देवी के दो छोटे बच्चे हैं. जबकि, पति पुष्कर सिंह प्राइवेट नौकरी करते हैं.
घटना के बाद नीमा के परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. प्रत्यक्षदर्शी महिलाओं का कहना है कि नीमा देवी पेड़ पर चढ़कर काफल तोड़ने की कोशिश कर रही थी. तभी हाथ से पकड़ी टहनी टूट गई. जिससे वो सीधे खाई में पत्थरों पर जा गिरी. नीमा देवी की गिरने की सूचना महिलाओं ने आसपास के लोगों को दी, जहां लोगों ने काफी मशक्कत के बाद नीमा को खाई से बाहर निकाला, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
क्या होता है काफल: काफल की बात करें तो यह एक जंगली फलदार पेड़ होता है. जिसके फल हल्के खट्टे-मीठे के साथ ही काफी रसीले होते हैं. कुमाऊं के पहाड़ों में काफल के पेड़ों की भरमार है. मार्च की शुरुआत में इस पर फूल आते हैं, जो मई-जून तक तैयार हो जाते हैं. इसके बाद इन्हें खाने के लिए तोड़ा जाता है. स्थानीय लोग इसे पीसे हुए नमक के साथ बड़े चाव से खाते हैं.
पर्यटकों को भी काफल काफी आकर्षित करता है. काफल का फल औषधि गुण से भरपूर होता है. लाल-हरा-पीला रंग का यह फल पेट की बीमारियों का रामबाण माना जाता है. पेट से जुड़ी कई बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी इसे खाने से फायदा मिलता है. इसी वजह से लोग पूरे साल इस फल का इंतजार करते हैं, लेकिन काफल तोड़ने के दौरान कई लोग जान गंवा देते हैं.
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