पटनाः लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है. बिहार में 7 चरणों में चुनाव होंगे. एनडीए में अब तक सीटों की घोषणा नहीं हुई है. बिहार की वीआईपी सीटों में से एक नालंदा जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है. नीतीश कुमार के चेहरे पर ही जदयू के उम्मीदवार यहां से चुनाव जीतते रहे हैं. नीतीश कुमार का प्रभाव ही रहा की जॉर्ज फर्नांडीज यहां से तीन बार सांसद रहे हैं. नीतीश कुमार भी 2004 में यहां से सांसद बने. इसके बाद 2009 से कौशलेंद्र कुमार लगातार सांसद रहे हैं.
तीन टर्म सांसद रहे हैं कौशलेंद्रः कौशलेंद्र कुमार जनता दल यू के टिकट पर 2009 से सांसद बनते रहे हैं. 2014 में भी सांसद तब बने जब नीतीश कुमार एनडीए से बाहर थे. अकेले लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन दो सीट पर ही जीत मिली थी. दो सीट में एक नालंदा थी. नीतीश कुमार के एनडीए में आने के बाद 2019 में कौशलेंद्र कुमार फिर से नालंदा से सांसद बने. इसबार 2024 में भी टिकट के बड़े दावेदार हैं. चुनाव की घोषणा होने के बाद ईटीवी भारत ने कौशलेंद्र कुमार से खास बातचीत की.
रिपोर्टरः पांच साल के कार्यकाल में उपलब्धि क्या रही?
कौशलेंद्र कुमार: मेरा जिला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है इसलिए काम तो हुआ ही है. सड़क की बात हो या बिजली की बात हो या कोई भी विकास का काम हो, मुख्यमंत्री खुद इंटरेस्ट लेते रहे हैं. जू सफारी और ग्लास ब्रिज जो देश में कहीं नहीं है. यह सब काम सांसद निधि से नहीं हो सकता है. मुख्यमंत्री जी का जो प्रयास रहा है, इसके लिए उन्हें हम बधाई देते हैं. मुख्यमंत्री नालंदा के लिए ही नहीं पूरे बिहार के लिए विकास का काम करते हैं.
रिपोर्टरः नीतीश कुमार नालंदा से आते हैं. आपके लिए कितनी बड़ी बात है?
कौशलेंद्र कुमार: मुख्यमंत्री नालंदा से हैं यह मेरे लिए बड़ी बात नहीं बल्कि बहुत बड़ी बात है. हम लगातार जनता के बीच रहते हैं. उनके लिए विकास का काम करते हैं. उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं. हमारी पूरी कोशिश होती है कि जनता की शिकायत को दूर कर सकें.
रिपोर्टरः आखिर क्या वजह है कि नीतीश कुमार लगातार आप पर विश्वास कर रहे हैं?
कौशलेंद्र कुमार: यह तो मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं. लेकिन उन्होंने जो भी कहा है उस पर हम काम करते हैं. मुख्यमंत्री कहते हैं जनता के बीच रहो इधर-उधर रहोगे तो गड़बड़ हो जाएगा तो हम जनता के बीच ही रहते हैं. मेरा प्रयास होता है कि मुख्यमंत्री की बातों का सही ढंग से अमली जामा पहनाना. एकदम नीतीश कुमार की बातों को पूरा करते हैं.
रिपोर्टरः 5 साल के सांसद फंड में अपने कौन सा विकास कार्य किया?
कौशलेंद्र कुमार: 5 साल में 2 साल कोरोना के कारण सांसदों को फंड नहीं मिला लेकिन 3 साल के फंड में अपने क्षेत्र में कई योजनाओं को पूरा किया है. चाहे वह छोटे-मोटे सड़क निर्माण का मामला हो या नाली का निर्माण हो. जिम का निर्माण किया गया है. इसी तरह के कई कार्य जनता की मांग पर कराया गया है.
रिपोर्टरः 5 साल में ऐसी कोई योजना जो अधूरी रह गई?
कौशलेंद्र कुमार: नालंदा में एयरपोर्ट की मांग लंबे समय से रही है. केंद्र सरकार के सामने हमने उसे कई बार उठाया है. संसद में भी इसे उठाया है. इसके अलावा नालंदा विश्वविद्यालय में एक बड़ा पुस्तकालय बनाने की मांग भी है. इसको लेकर भी केंद्र सरकार से हमने कई बार कहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसके लिए लगातार प्रयासरत रहे हैं, लेकिन इसमें कुछ काम हुआ नहीं है. अगली बार आएंगे इसे पूरा करने की कोशिश करेंगे.
रिपोर्टरः तेजस्वी यादव कितनी बड़ी चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं?
कौशलेंद्र कुमार: राजनीति में किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए. जहां तक नौकरी और रोजगार की बात है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास से ही दिया गया है. पहले भी मुख्यमंत्री नौकरी और रोजगार देते रहे हैं. पुलिस बहाली या शिक्षक बहाली हो हर क्षेत्र में नौकरी रोजगार मुख्यमंत्री ने दिया है. बिहार में जो काम हो रहे हैं, दूसरे प्रदेशों में भी उसे अपनाया जा रहा है. 60 साल से ऊपर सभी को बिहार में पेंशन मिलता है. दूसरे राज्यों में जब हम लोग कमेटी में जाते हैं तो इसके बारे में जानकारी ली जाती है.
रिपोर्टरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा कितना मददगार होगा?
कौशलेंद्र कुमार: दो बार तो हम एनडीए से ही चुनाव जीते थे. 2014 में हम लोग अकेले लड़े थे और नालंदा से चुनाव जीते थे. प्रधानमंत्री ने 400 के पार जो कहा है. मुझे तो लगता है इस बार उससे भी अधिक जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेबल का विपक्ष में कोई नेता ही नहीं है.
रिपोर्टरः क्या इस बार नालंदा से रिकॉर्ड बनेगा?
कौशलेंद्र कुमार: पहले भी दो बार एनडीए से लड़े तो रिकॉर्ड बना. रिकॉर्ड तो बनते ही जा रहा है. जीत के वोट का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
नालंदा में आयुध कारखानाः नालंदा की बात करें तो जॉर्ज फर्नांडीज और नीतीश कुमार भी सांसद रह चुके हैं. रक्षा मंत्री रहते जॉर्ज फर्नांडिस ने नालंदा में आयुध कारखाना और सैनिक स्कूल की स्थापना की थी. रेल मंत्री रहते नीतीश कुमार ने हरनौत में सवारी रेल डिब्बा कारखाना की स्थापना की. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास में और गति आई.
शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा जिलाः जिले में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, खेल विश्वविद्यालय, पावापुरी मेडिकल कॉलेज, रहुई डेंटल कॉलेज, नूरसराय उद्यान महाविद्यालय, बिहार पुलिस अकादमी, क्रिकेट स्टेडियम, कन्वेंशन हॉल, पावापुरी आयुर्वेद शोध संस्थान, कल्याण बिगहा में शूटिंग रेंज की स्थापना की गयी.
राजगीर में ग्लास ब्रिजः राजगीर में सीआरपीएफ कैंप बना. इसके अलावा जू सफारी और ग्लास ब्रिज की स्थापना भी की. कुल मिलाकर देखें तो नालंदा बिहार की वीआईपी सीट इसलिए है क्योंकि नीतीश कुमार इस जिले के सांसद रह चुके हैं. उनकी खास नजर इस जिले पर रहती है. नीतीश कुमार के नाम पर ही कौशलेंद्र यहां से चुनाव जीतते रहे हैं. इस बार भी उन्हें उम्मीद है कि नीतीश कुमार टिकट देंगे.
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