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कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी होंगे जे.पी.पटेल! पार्टी में शामिल होने के बाद नेताओं की बातचीत से मिले संकेत - JP Patel joins Congress

JP Patel joins Congress. विधायक जेपी भाई पटेल ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इसके बाद से ये कयास लग रहे हैं कि जेपी पटेल को कांग्रेस हजारीबाग सीट से अपना प्रत्याशी बना सकती है. कांग्रेस नेताओं की बातचीत से कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं.

JP Patel joins Congress
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 20, 2024, 2:16 PM IST

रांची: लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही नेताओं के पाला बदलने की होड़ दिखाई देने लगी है. इस कड़ी में झारखंड आंदोलनकारी के अग्रणी नेता रहे स्वर्गीय टेकलाल महतो के पुत्र और मांडू से भाजपा के विधायक रहे जे.पी. पटेल भी पार्टी बदलकर कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके कांग्रेस में जाने के बाद इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि क्या वे हजारीबाग से कांग्रेस प्रत्याशी बनने जा रहे हैं? कांग्रेस में शामिल होने पर मीडिया की ओर से यह सवाल पूछने पर उन्होंने जवाब दिया है.

"ऐसा सोचकर मैं कांग्रेस में नहीं आया हूं. मुझे सिर्फ इंडिया गठबंधन के लिए काम करना है. मैंने विधायक रहते हुए एनडीए में प्रचार किया था. मुझे लोकसभा का टिकट मिले या ना मिले, लेकिन मेरी प्राथमिकता है झारखंड में इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने की." - जेपी भाई पटेल, मांडू विधायक

प्रेस कांग्रेस के दौरान जे.पी.पटेल ने इस बात पर ज्यादा फोकस किया कि झारखंड के एक खास तबके में उनके परिवार का क्या प्रभाव है.

"2019 के लोकसभा चुनाव में हमने ना सिर्फ भाजपा बल्कि एनडीए गठबंधन के 11 लोकसभा क्षेत्र में प्रचार किया. समाज के लोगों के बीच जाकर टेकलाल जी के आदर्शों को बताया और पक्ष में वोट मांगा. झारखंड आंदोलन में बिनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन के बाद टेकलाल महतो जी का नाम सामने आता है. तब हमें लगा कि एनडीए जाकर हमें झारखंड के लोगों और पिता स्वर्गीय टेकलाल महतो के आदर्शों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. आज पूरे देश में राहुल गांधी ने जैसी पदयात्रा की, उससे झारखंड में उनके प्रति रूझान बढ़ा है. झारखंड ने ठान लिया है कि झारखंड की सभी 14 सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीताना है. हमने राजनीतिक दबाव में नहीं बल्कि राज्यहित में कांग्रेस में आने का फैसला लिया है." - जेपी भाई पटेल, मांडू विधायक

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने जे.पी. पटेल का पार्टी में स्वागत किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके संपर्क में भाजपा के कई नेता हैं. वहीं प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने जेपी पटेल के फैसले को बेहद ही सराहनीय बताया. कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने कहा कि जेपी पटेल के इस फैसले का परिणाम 2024 के चुनावों में दिखेगा.

"भाजपा के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं. कांग्रेस की नीति और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने जिस तरह का प्रभाव डाला है, उसी का असर है. जे.पी.पटेल के आने से झारखंड और खासकर कुर्मी समाज पर असर पड़ेगा. इन्होंने उसूलों की राजनीति की है. तीन बार विधायक रहे हैं." - गुलाम अहमद मीर, प्रदेश प्रभारी, कांग्रेस

"जे.पी.पटेल झारखंड के कद्दावर नेता है. इनसे भारत न्याय यात्रा के दौरान कई बार बातचीत हुई थी. इन्होंने कहा था कि राहुल गांधी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने की बात करते हैं, जिससे वह बेहद प्रभावित हैं. मांडू में जे.पी. पटेल के परिवार का ही दबदबा रहा है. लेकिन डर और लालच के कॉकटेल के आगे जब लोग नतमस्तक हो रहे हैं तो ऐसे माहौल में इनका यह फैसला बेहद सराहनीय है." - राजेश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

"जे.पी.पटेल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जब इनका राजनीतिक करियर शुरू नहीं हुआ था, तब से इनके पिता के साथ मेरा संबंध रहा है. जिस आशा के साथ ये कांग्रेस में आए हैं, उसका परिणाम 2024 के चुनाव में देखने को मिलेगा." - आलमगीर आलम, कांग्रेस विधायक दल के नेता

कौन हैं जे.पी. पटेल?

जे.पी. पटेल को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता स्वर्गीय टेकलाल महतो झामुमो के कद्दावर नेता थे. जे.पी. पटेल के ससुर मथुरा महतो वर्तमान में झामुमो के विधायक हैं. 2019 में इन्होंने झामुमो से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. उस वक्त रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री थे. तब जेपी पटेल के अलावा कांग्रेस विधायक रहे मनोज यादव, सुखदेव भगत और झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी भी भाजपा में शामिल हो गये थे. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले 23 अक्टूबर को झामुमो छोड़कर जे.पी. पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया था.

इसके बाद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर उन्होंने जीत भी हासिल की थी. बाद के दिनों में कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष की तलाश शुरू की. उस दौरान जे.पी. पटेल का नाम सुर्खियों में आया था. लेकिन बात नहीं बनने पर यह जिम्मेदारी अमर बाउरी को दे दी गई. जबकि जे.पी. पटेल को भाजपा ने सचेतक बना दिया. 2019 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने पर जे.पी. पटेल ने कहा था कि झामुमो अब परिवार वाली पार्टी बन गयी है. उन्होंने यह भी कहा था कि हेमंत सोरेन पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देते हैं.

यह भी पढ़ें: झारखंड भाजपा को झटका, मांडू विधायक जेपी पटेल कांग्रेस में शामिल, झामुमो छोड़कर आए थे भाजपा में

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रांची: लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही नेताओं के पाला बदलने की होड़ दिखाई देने लगी है. इस कड़ी में झारखंड आंदोलनकारी के अग्रणी नेता रहे स्वर्गीय टेकलाल महतो के पुत्र और मांडू से भाजपा के विधायक रहे जे.पी. पटेल भी पार्टी बदलकर कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके कांग्रेस में जाने के बाद इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि क्या वे हजारीबाग से कांग्रेस प्रत्याशी बनने जा रहे हैं? कांग्रेस में शामिल होने पर मीडिया की ओर से यह सवाल पूछने पर उन्होंने जवाब दिया है.

"ऐसा सोचकर मैं कांग्रेस में नहीं आया हूं. मुझे सिर्फ इंडिया गठबंधन के लिए काम करना है. मैंने विधायक रहते हुए एनडीए में प्रचार किया था. मुझे लोकसभा का टिकट मिले या ना मिले, लेकिन मेरी प्राथमिकता है झारखंड में इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने की." - जेपी भाई पटेल, मांडू विधायक

प्रेस कांग्रेस के दौरान जे.पी.पटेल ने इस बात पर ज्यादा फोकस किया कि झारखंड के एक खास तबके में उनके परिवार का क्या प्रभाव है.

"2019 के लोकसभा चुनाव में हमने ना सिर्फ भाजपा बल्कि एनडीए गठबंधन के 11 लोकसभा क्षेत्र में प्रचार किया. समाज के लोगों के बीच जाकर टेकलाल जी के आदर्शों को बताया और पक्ष में वोट मांगा. झारखंड आंदोलन में बिनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन के बाद टेकलाल महतो जी का नाम सामने आता है. तब हमें लगा कि एनडीए जाकर हमें झारखंड के लोगों और पिता स्वर्गीय टेकलाल महतो के आदर्शों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. आज पूरे देश में राहुल गांधी ने जैसी पदयात्रा की, उससे झारखंड में उनके प्रति रूझान बढ़ा है. झारखंड ने ठान लिया है कि झारखंड की सभी 14 सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीताना है. हमने राजनीतिक दबाव में नहीं बल्कि राज्यहित में कांग्रेस में आने का फैसला लिया है." - जेपी भाई पटेल, मांडू विधायक

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने जे.पी. पटेल का पार्टी में स्वागत किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके संपर्क में भाजपा के कई नेता हैं. वहीं प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने जेपी पटेल के फैसले को बेहद ही सराहनीय बताया. कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने कहा कि जेपी पटेल के इस फैसले का परिणाम 2024 के चुनावों में दिखेगा.

"भाजपा के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं. कांग्रेस की नीति और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने जिस तरह का प्रभाव डाला है, उसी का असर है. जे.पी.पटेल के आने से झारखंड और खासकर कुर्मी समाज पर असर पड़ेगा. इन्होंने उसूलों की राजनीति की है. तीन बार विधायक रहे हैं." - गुलाम अहमद मीर, प्रदेश प्रभारी, कांग्रेस

"जे.पी.पटेल झारखंड के कद्दावर नेता है. इनसे भारत न्याय यात्रा के दौरान कई बार बातचीत हुई थी. इन्होंने कहा था कि राहुल गांधी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने की बात करते हैं, जिससे वह बेहद प्रभावित हैं. मांडू में जे.पी. पटेल के परिवार का ही दबदबा रहा है. लेकिन डर और लालच के कॉकटेल के आगे जब लोग नतमस्तक हो रहे हैं तो ऐसे माहौल में इनका यह फैसला बेहद सराहनीय है." - राजेश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

"जे.पी.पटेल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि जब इनका राजनीतिक करियर शुरू नहीं हुआ था, तब से इनके पिता के साथ मेरा संबंध रहा है. जिस आशा के साथ ये कांग्रेस में आए हैं, उसका परिणाम 2024 के चुनाव में देखने को मिलेगा." - आलमगीर आलम, कांग्रेस विधायक दल के नेता

कौन हैं जे.पी. पटेल?

जे.पी. पटेल को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता स्वर्गीय टेकलाल महतो झामुमो के कद्दावर नेता थे. जे.पी. पटेल के ससुर मथुरा महतो वर्तमान में झामुमो के विधायक हैं. 2019 में इन्होंने झामुमो से नाता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. उस वक्त रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री थे. तब जेपी पटेल के अलावा कांग्रेस विधायक रहे मनोज यादव, सुखदेव भगत और झामुमो विधायक कुणाल षाडंगी भी भाजपा में शामिल हो गये थे. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले 23 अक्टूबर को झामुमो छोड़कर जे.पी. पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया था.

इसके बाद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर उन्होंने जीत भी हासिल की थी. बाद के दिनों में कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष की तलाश शुरू की. उस दौरान जे.पी. पटेल का नाम सुर्खियों में आया था. लेकिन बात नहीं बनने पर यह जिम्मेदारी अमर बाउरी को दे दी गई. जबकि जे.पी. पटेल को भाजपा ने सचेतक बना दिया. 2019 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने पर जे.पी. पटेल ने कहा था कि झामुमो अब परिवार वाली पार्टी बन गयी है. उन्होंने यह भी कहा था कि हेमंत सोरेन पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देते हैं.

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