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क्या दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आएगी BJP? जानिए क्या है रणनीति - Delhi Assembly Elections 2025

दिल्ली विधानसभा से 27 साल का बनवास खत्म करने के लिए इस बार बीजेपी 50 फीसद नए चेहरों को टिकट देगी, आइए जानते हैं...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2024, 3:30 PM IST

नई दिल्ली: आज हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है, जो न केवल हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका प्रभाव पड़ोसी राज्य दिल्ली पर भी पड़ेगा. दिल्ली से सटे होने के कारण, हरियाणा के चुनाव परिणाम दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों पर सीधे असर डालने की संभावना है. इसीलिए, हाल के दिनों में दिल्ली के कई बीजेपी नेता हरियाणा में जुटे हुए हैं. दिल्ली में फरवरी 2025 में चुनाव होने वाले हैं, जहां बीजेपी को आम आदमी पार्टी (आप) से कड़ी चुनौती मिल रही है.

आम आदमी पार्टी में बदलाव: नए चेहरे और नई रणनीतिया: आम आदमी पार्टी के भीतर अब काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी अब राज्य की बागडोर संभाल रही हैं. उनके नेतृत्व में आप आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रही है. अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में यह कहा है कि अगर दिल्ली की जनता उन्हें समर्थन देती है, तो वह अपने को निर्दोष मानेंगे, लेकिन चुनावी जनमत के आधार पर वह फिर से मुख्यमंत्री बनने का निर्णय लेंगे.

बीजेपी की रणनीति: नया नेतृत्व और नए चेहरे: बीजेपी भी इस बार दिल्ली में केजरीवाल के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए कई नई रणनीतियों पर काम कर रही है. पार्टी के पदाधिकारी इस बार उन नेताओं को टिकट देने पर विचार कर रहे हैं, जिनका अपने क्षेत्रों में अच्छा जनाधार है. बीजेपी ने यह तय किया है कि पार्टी 70 विधानसभा सीटों में से 50 प्रतिशत पर नए उम्मीदवारों को अवसर देगी. इसके अलावा, पार्टी के ऐसे नेता जो दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, इस बार भाजपा के लिए चुनाव जीतना 'करो या मरो' जैसी स्थिति बन गई है.

दिल्ली में 27 वर्षों से सत्ता से दूर बीजेपी: दिल्ली में अगले साल फरवरी के पहले सप्ताह तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. पिछले 10 वर्षों से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जबकि इसके पहले 15 वर्षों तक कांग्रेस का शासन रहा है. इस बीच, राष्ट्रपति शासन भी लागू हुआ. ऐसे में, बीजेपी के लिए यह चुनाव जीतना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि पार्टी पिछले 27 वर्षों से दिल्ली की सत्ता से दूर है.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में मतदान के दौरान बवाल, नूंह में हुई पत्थरबाजी, महेंद्रगढ़ में बूथ कैप्चरिंग की कोशिश, हिसार में कांग्रेस-बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूंसे

आम आदमी पार्टी की हैट्रिक बनाने की तैयारियां: आम आदमी पार्टी पिछले दो चुनावों में प्रचंड बहुमत से सरकार में बैठी हुई है, और इस बार वह पूर्ण बहुमत से हैट्रिक बनाने के लिए जोरशोर से तैयारियों में जुटी है. चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी की ताकत और उनकी रणनीतियों को देखकर यह साफ है कि बीजेपी के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा.

दिल्ली में सदस्य बनाने में जुटी है बीजेपी: दिल्ली में करीब 13.5 हज़ार पोलिंग बूथ पर वोटिंग होती है. बीजेपी ने पप्रत्येक बूथ पर चार-चार सौ सदस्य तैयार करने का रणनीति बनाई है. 2 सितंबर से शुरू सदस्यता अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा, ऐसे में इस अभियान को भी सफल बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को दी गई है. पार्टी के नेता मानते हैं कि अगर प्रत्येक बूथ पर उनके 400 सदस्य बन गए तो फिर उनकी सीट सुनिश्चित है. इसी दिशा में तैयारी की जा रही है.

बता दें कि जब पहली बार आम आदमी पार्टी बनी थी और उसने चुनाव लड़ा था तो वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थी. बीजेपी को 32 सीटें मिली थी. बीजेपी सरकार बनने से चूक गई. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई. लेकिन वह सरकार 49 दिन ही चल सकी थी. उसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया था. वर्ष 2015 में दोबारा विधानसभा चुनाव हुए तब बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें ही मिली, 67 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती जो एक रिकॉर्ड बन गया. उसके बाद वर्ष 2020 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी 8 सीटें जीती और आम आदमी पार्टी 62 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत से दिल्ली में सरकार बनाई.

यह भी पढ़ें- क्या सांसद के सरकारी बंगले में कोई और रह सकता है? जानिए एक्सपर्ट्स की राय - Arvind Kejriwal New Residence

नई दिल्ली: आज हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है, जो न केवल हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका प्रभाव पड़ोसी राज्य दिल्ली पर भी पड़ेगा. दिल्ली से सटे होने के कारण, हरियाणा के चुनाव परिणाम दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों पर सीधे असर डालने की संभावना है. इसीलिए, हाल के दिनों में दिल्ली के कई बीजेपी नेता हरियाणा में जुटे हुए हैं. दिल्ली में फरवरी 2025 में चुनाव होने वाले हैं, जहां बीजेपी को आम आदमी पार्टी (आप) से कड़ी चुनौती मिल रही है.

आम आदमी पार्टी में बदलाव: नए चेहरे और नई रणनीतिया: आम आदमी पार्टी के भीतर अब काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी अब राज्य की बागडोर संभाल रही हैं. उनके नेतृत्व में आप आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रही है. अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में यह कहा है कि अगर दिल्ली की जनता उन्हें समर्थन देती है, तो वह अपने को निर्दोष मानेंगे, लेकिन चुनावी जनमत के आधार पर वह फिर से मुख्यमंत्री बनने का निर्णय लेंगे.

बीजेपी की रणनीति: नया नेतृत्व और नए चेहरे: बीजेपी भी इस बार दिल्ली में केजरीवाल के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए कई नई रणनीतियों पर काम कर रही है. पार्टी के पदाधिकारी इस बार उन नेताओं को टिकट देने पर विचार कर रहे हैं, जिनका अपने क्षेत्रों में अच्छा जनाधार है. बीजेपी ने यह तय किया है कि पार्टी 70 विधानसभा सीटों में से 50 प्रतिशत पर नए उम्मीदवारों को अवसर देगी. इसके अलावा, पार्टी के ऐसे नेता जो दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, इस बार भाजपा के लिए चुनाव जीतना 'करो या मरो' जैसी स्थिति बन गई है.

दिल्ली में 27 वर्षों से सत्ता से दूर बीजेपी: दिल्ली में अगले साल फरवरी के पहले सप्ताह तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. पिछले 10 वर्षों से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जबकि इसके पहले 15 वर्षों तक कांग्रेस का शासन रहा है. इस बीच, राष्ट्रपति शासन भी लागू हुआ. ऐसे में, बीजेपी के लिए यह चुनाव जीतना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि पार्टी पिछले 27 वर्षों से दिल्ली की सत्ता से दूर है.

यह भी पढ़ें-हरियाणा में मतदान के दौरान बवाल, नूंह में हुई पत्थरबाजी, महेंद्रगढ़ में बूथ कैप्चरिंग की कोशिश, हिसार में कांग्रेस-बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूंसे

आम आदमी पार्टी की हैट्रिक बनाने की तैयारियां: आम आदमी पार्टी पिछले दो चुनावों में प्रचंड बहुमत से सरकार में बैठी हुई है, और इस बार वह पूर्ण बहुमत से हैट्रिक बनाने के लिए जोरशोर से तैयारियों में जुटी है. चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी की ताकत और उनकी रणनीतियों को देखकर यह साफ है कि बीजेपी के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा.

दिल्ली में सदस्य बनाने में जुटी है बीजेपी: दिल्ली में करीब 13.5 हज़ार पोलिंग बूथ पर वोटिंग होती है. बीजेपी ने पप्रत्येक बूथ पर चार-चार सौ सदस्य तैयार करने का रणनीति बनाई है. 2 सितंबर से शुरू सदस्यता अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा, ऐसे में इस अभियान को भी सफल बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को दी गई है. पार्टी के नेता मानते हैं कि अगर प्रत्येक बूथ पर उनके 400 सदस्य बन गए तो फिर उनकी सीट सुनिश्चित है. इसी दिशा में तैयारी की जा रही है.

बता दें कि जब पहली बार आम आदमी पार्टी बनी थी और उसने चुनाव लड़ा था तो वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थी. बीजेपी को 32 सीटें मिली थी. बीजेपी सरकार बनने से चूक गई. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई. लेकिन वह सरकार 49 दिन ही चल सकी थी. उसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग गया था. वर्ष 2015 में दोबारा विधानसभा चुनाव हुए तब बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें ही मिली, 67 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती जो एक रिकॉर्ड बन गया. उसके बाद वर्ष 2020 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो बीजेपी 8 सीटें जीती और आम आदमी पार्टी 62 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत से दिल्ली में सरकार बनाई.

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