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भाजपा के लिए गले की हड्डी बनी मधुपुर विधानसभा सीट, आपसी सामंजस्य की कमी पार्टी के लिए बन सकती है मुसीबत - Jharkhand Assembly Election 2024

BJP election strategy in Jharkhand.देवघर में तीन विधानसभा सीट हैं, पर मधुपुर विधानसभा सीट पर भाजपा और जेएमएम दोनों का फोकस है. भाजपा के लिए यह सीट गले की हड्डी बन गई है. आपसी सामंजस्य की कमी पार्टी की लुटिया डूबो सकती है. हालांकि जीत दर्ज करने के लिए भाजपा अभी से रणनीति बनाने में जुटी है.

MADHUPUR ASSEMBLY SEAT
देवघर में बैठक करते भाजपा नेता और कार्यकर्ता. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 4, 2024, 7:25 PM IST

देवघर: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. देवघर की बात करें तो भाजपा जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए रणनीति बनाने में जुटी है. खासकर भाजपा के लिए मधुपुर विधानसभा सीट बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

बयान देते बीजेपी नेता सह मधुपुर विधानसभा प्रभारी भरत यादव और भाजपा जिलाध्यक्ष सचिन रवानी. (वीडियो-ईटीवी भारत)


मधुपुर सीट पर भाजपा का फोकस

मधुपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं की बैठक लगातार जारी है. मालूम हो कि मधुपुर सीट से भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन आपसी सामंजस्य के अभाव में वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा को गंवानी पड़ी थी.

मधुपुर विधानसभा का इतिहास

झारखंड गठन के बाद से मधुपुर सीट कभी वर्तमान के सत्तारूढ़ दलों की झोली में रही तो कभी एनडीए गठबंधन के खाते में रही है. वर्ष 2000 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाजी हुसैन अंसारी मधुपुर से विधायक चुने गए तो वर्ष 2005 में भाजपा के राज पलिवार ने बाजी मारी थी. वर्ष 2009 में फिर झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी ने जीत प्राप्त की, लेकिन वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा के राज पलिवार फिर मधुपुर से विधायक चुने गए थे.
वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को फिर मधुपुर से करारी शिकस्त मिली और हाजी हुसैन अंसारी यहां से विधायक बने, लेकिन 2021 के उपचुनाव में हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल हसन ने इस सीट से जीत प्राप्त की. हफीजुल वर्तमान में झारखंड सरकार में मंत्री हैं.

बीजेपी और जेएमएम के लिए प्रतिष्ठा की सीट

मधुपुर सीट बीजेपी और जेएमएम दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट मानी जा रही है. दोनों ने ही क्रमशः तीन-तीन बार मधुपुर से विजेता रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करने में सफल होती है या एक बार फिर मधुपुर सीट बीजेपी को गंवानी पड़ती है.

बीजेपी को इस बार जीत का भरोसा

इस संबंध में बीजेपी नेता सह मधुपुर विधानसभा के चुनाव प्रभारी भरत यादव बताते हैं कि वर्ष 2019 के चुनाव में मधुपुर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी कुछ ही अंतर से हारी थी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव में उस अंतर को पाट कर जीत में तब्दील किया जाएगा.

हालांकि मधुपुर के पूर्व विधायक राज पलिवार की नाराजगी को लेकर कुछ भी कहने से भरत यादव बचते नजर आए, लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कमल फूल कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ता है और कोई भी व्यक्ति मधुपुर विधानसभा से खड़ा होगा तो पार्टी उसे जीत दिलाने के लिए दिलो जान से मेहनत करेगी.

राज पलिवार की नाराजगी दूर करना जरूरी

बता दें कि मधुपुर से तीन बार विधायक रहे राज पलिवार और उनके गुट के लोगों ने 2014 के चुनाव में अपनी नाराजगी जाहिर की थी. जिसका खामियाजा 2019 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा था.

मधुपुर के लिए बनाई जा रही रणनीतिः सचिन

वहीं देवघर बीजेपी के जिलाध्यक्ष सचिन रवानी ने कहा कि मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए लगातार बैठक की जा रही है. पार्टी की कोशिश है कि विधानसभा स्तरीय पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से समन्वय बनाकर इस बार के चुनाव में मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करना. इसके लिए बूथ स्तर पर पार्टी काम कर रही है और हम जनता के बीच जाकर भाजपा की नीतियों से अवगत करा रहे हैं.

बीजेपी से मधुपुर सीट के कई दावेदार

वहीं भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार भारतीय जनता पार्टी की तरफ से गंगा नारायण सिंह और राज पलिवार के अलावा भी कई लोग अपना दावा पेश कर रहे हैं. लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय जनता पार्टी मधुपुर विधानसभा सीट से कैंडिडेट के रूप में किसे चुनावी मैदान में उतारती है.

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देवघर भाजपा की अंदरूनी कलह विधानसभा चुनाव में पहुंचा सकता है नुकसान, डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू - Internal Conflict In BJP

देवघर में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मंत्र, कहा- झारखंड को बचाने के लिए भाजपा की सरकार जरूरी - Shivraj Singh Chauhan

मधुपुर का महामुकाबलाः जीत के बाद हफीजुल अंसारी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

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बयान देते बीजेपी नेता सह मधुपुर विधानसभा प्रभारी भरत यादव और भाजपा जिलाध्यक्ष सचिन रवानी. (वीडियो-ईटीवी भारत)


मधुपुर सीट पर भाजपा का फोकस

मधुपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं की बैठक लगातार जारी है. मालूम हो कि मधुपुर सीट से भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन आपसी सामंजस्य के अभाव में वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा को गंवानी पड़ी थी.

मधुपुर विधानसभा का इतिहास

झारखंड गठन के बाद से मधुपुर सीट कभी वर्तमान के सत्तारूढ़ दलों की झोली में रही तो कभी एनडीए गठबंधन के खाते में रही है. वर्ष 2000 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाजी हुसैन अंसारी मधुपुर से विधायक चुने गए तो वर्ष 2005 में भाजपा के राज पलिवार ने बाजी मारी थी. वर्ष 2009 में फिर झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी ने जीत प्राप्त की, लेकिन वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा के राज पलिवार फिर मधुपुर से विधायक चुने गए थे.
वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को फिर मधुपुर से करारी शिकस्त मिली और हाजी हुसैन अंसारी यहां से विधायक बने, लेकिन 2021 के उपचुनाव में हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल हसन ने इस सीट से जीत प्राप्त की. हफीजुल वर्तमान में झारखंड सरकार में मंत्री हैं.

बीजेपी और जेएमएम के लिए प्रतिष्ठा की सीट

मधुपुर सीट बीजेपी और जेएमएम दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट मानी जा रही है. दोनों ने ही क्रमशः तीन-तीन बार मधुपुर से विजेता रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करने में सफल होती है या एक बार फिर मधुपुर सीट बीजेपी को गंवानी पड़ती है.

बीजेपी को इस बार जीत का भरोसा

इस संबंध में बीजेपी नेता सह मधुपुर विधानसभा के चुनाव प्रभारी भरत यादव बताते हैं कि वर्ष 2019 के चुनाव में मधुपुर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी कुछ ही अंतर से हारी थी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव में उस अंतर को पाट कर जीत में तब्दील किया जाएगा.

हालांकि मधुपुर के पूर्व विधायक राज पलिवार की नाराजगी को लेकर कुछ भी कहने से भरत यादव बचते नजर आए, लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कमल फूल कैंडिडेट के रूप में चुनाव लड़ता है और कोई भी व्यक्ति मधुपुर विधानसभा से खड़ा होगा तो पार्टी उसे जीत दिलाने के लिए दिलो जान से मेहनत करेगी.

राज पलिवार की नाराजगी दूर करना जरूरी

बता दें कि मधुपुर से तीन बार विधायक रहे राज पलिवार और उनके गुट के लोगों ने 2014 के चुनाव में अपनी नाराजगी जाहिर की थी. जिसका खामियाजा 2019 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा था.

मधुपुर के लिए बनाई जा रही रणनीतिः सचिन

वहीं देवघर बीजेपी के जिलाध्यक्ष सचिन रवानी ने कहा कि मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करने के लिए लगातार बैठक की जा रही है. पार्टी की कोशिश है कि विधानसभा स्तरीय पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से समन्वय बनाकर इस बार के चुनाव में मधुपुर सीट पर जीत दर्ज करना. इसके लिए बूथ स्तर पर पार्टी काम कर रही है और हम जनता के बीच जाकर भाजपा की नीतियों से अवगत करा रहे हैं.

बीजेपी से मधुपुर सीट के कई दावेदार

वहीं भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार भारतीय जनता पार्टी की तरफ से गंगा नारायण सिंह और राज पलिवार के अलावा भी कई लोग अपना दावा पेश कर रहे हैं. लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय जनता पार्टी मधुपुर विधानसभा सीट से कैंडिडेट के रूप में किसे चुनावी मैदान में उतारती है.

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