जयपुर. प्रदेश में वैशाख पूर्णिमा पर वन्यजीवों की गणना शुरू हो गई. भीषण गर्मी और तेज धूप के बीच में वनकर्मियों के साथ वन्यजीव प्रेमी वन्यजीवों की गणना कर रहे हैं. यह काम गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा से शुरू हो गया जो अगले चौबीस घंटे तक चलेगा. यह गणना वॉटर होल पद्धति से की जाएगी, यानी गणना करने वाले पानी के कुंडों पर बैठेंगे और वहां पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीवों की गिनती करेंगे. इसके बाद वन्यजीव गणना के आंकड़े एकत्रित करके वन मुख्यालय अरण्य भवन भेजे जाएंगे.
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पीके उपाध्याय के मुताबिक वन्यजीव गणना गुरुवार सुबह 8 बजे से 24 मई सुबह 8 बजे तक होगी. बाघ, बघेरे और अन्य वन्यजीवों की संख्या का आंकलन किया जाएगा. वन्यजीव गणना की वन मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जा रही है. जयपुर की बात की जाए तो झालाना में करीब 11 वाटर पॉइंट पर मचान बनाए गए हैं. गलता में करीब 9 मचान बनाए गए हैं. सूरजपोल में 4, नाहरगढ़ में 10, झोटवाड़ा, गोनेर और मोहना में एक-एक मचान बनाया गया है. मातृशक्ति भी मचान पर बैठकर वन्यजीव की गणना में सहयोग कर रही है. वन कर्मियों के साथ स्वयंसेवक भी गणना कर रहे हैं. पिछले वर्ष बेमौसम बरसात की वजह से वाटर होल पद्धति से वन्यजीव गणना नहीं हो पाई थी.
मिलेंगे वन्यजीवों के वास्तविक आंकड़े: वाटर होल पद्धति से वन्यजीव गणना से वन्यजीवों की संख्या के वास्तविक आंकड़े मिल पाएंगे. वाटर हॉल पद्धति पर जंगलों में मचान पर बैठकर वन्यजीवों की गिनती की जा रही है. वन्यजीवों की 24 से अधिक प्रजातियों की गणना की जा रही है. वॉटर प्वाइंट्स पर कई जगह कैमरे लगाए गए हैं. यहां पानी पीने आने वाले वन्यजीवों की फोटो एविडेंस के साथ कैमरे में कैद होगी. प्रदेश में रणथंभौर, सरिस्का, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की गणना एनटीसीए प्रोटोकॉल से की जाती है. ऐसे में इन टाइगर रिजर्व के अलावा 27 सेंचुरी क्षेत्र में वन्यजीवों को वाटर हॉल सेंसस के जरिए गिना जाता है.राजधानी जयपुर की बात की जाए तो झालाना वन, गलता- आमागढ़ वन क्षेत्र और नाहरगढ़ समेत अन्य वन क्षेत्र में गणना की जा रही है.
24 से अधिक प्रजातियों के वन्यजीवों की होगी गणना: झालाना के क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि वन्यजीव गणना में भालू, पैंथर, सियागोश, लकड़बग्घे, भेड़िए, सियार, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, लंगूर, जंगली सूअर, नीलगाय, सांभर, चीतल, काला हिरण, चिंकारा, नेवला, बिज्जू और सेही को गिना जाएगा. हालांकि, प्रदेश में वन्यजीवों की सैकड़ों प्रजातियां हैं, लेकिन इस बार 24 से अधिक प्रजातियों की गणना की जा रही है.
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विशेष इंतजाम किए: क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि भीषण गर्मी को देखते हुए वनकर्मी और वॉलिंटियर्स के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. खाने पीने की व्यवस्थाएं की गई है. निर्बाध गति से शुक्रवार सुबह 8 बजे तक वन्यजीव गणना जारी रहेगी. आंकड़े एकत्रित करने के बाद उच्च अधिकारियों के पास भेजे जाएंगे.