चंडीगढ़/नई दिल्ली : हरियाणा का नया सीएम चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पर्यवेक्षक बनाया गया है. जानिए कि आखिरकार क्यों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को हरियाणा सीएम चुनने के लिए चंडीगढ़ आना पड़ रहा है.
अमित शाह चुनेंगे हरियाणा का सीएम : हरियाणा का नया सीएम चुनने के लिए अमित शाह के ऑब्जर्वर बनने से हर कोई हैरान है और हरियाणा के सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है कि जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दोबारा मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है तो आखिरकार अमित शाह जैसे बड़े नेता को पर्यवेक्षक बनाकर बीजेपी चंडीगढ़ क्यों भेज रही है. इसके पीछे आखिरकार क्या वजह है.
अनिल विज की चुनौती ? : हरियाणा की राजनीति के जानकारों का मानना है कि इसके पीछे बड़ी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के कई नेताओं के सीएम पद पर दावा ठोंकना भी है. इसमें सबसे पहला नाम आता है हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री और अंबाला कैंट से 7 बार के विधायक अनिल विज का जो खुलेआम चुनाव से पहले हरियाणा के सीएम पद के लिए दावेदारी ठोंक चुके हैं और कह चुके हैं कि हरियाणा में सीनियर नेता होने के चलते वे सीएम पद के दावेदार हैं. यहां तक कि नतीजों के दिन भी कह चुके हैं कि अगर उन्हें सीएम बनने का ऑफर मिलेगा तो वे मना नहीं करेंगे. जब मनोहर लाल खट्टर को हटाकर पिछली बार नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया तो अनिल विज बैठक छोड़कर बाहर निकल आए थे और अंबाला चले गए थे. ऐसे में अगर अनिल विज विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम को लेकर कोई आपत्ति जताते हैं तो उन्हें संभालने के लिए पार्टी को वहां अमित शाह जैसा कद्दावर नेता चाहिए जो उन्हें ठीक से हैंडल कर सके.
अहीरवाल बेल्ट की चुनौती : वहीं अमित शाह के आने की दूसरी वजह के पीछे राजनीति के जानकार अहीरवाल बेल्ट को मानते हैं. यहां से बीजेपी ने 11 में से 10 सीटें जीती है और चुनाव से पहले यहां से सांसद राव इंद्रजीत सिंह रैली में कह चुके थे कि वे चाहते हैं कि बीजेपी यहां से सभी सीटें जीते और यहां की जनता चाहती है कि वे भी हरियाणा के सीएम बने. ऐसे में इस बेल्ट के विधायकों ने अगर ऐसी कोई मांग विधायक दल की बैठक में रख डाली तो उनको भी संभालने के लिए शाह जैसा बड़ा चेहरा होना चाहिए जिसके आगे कोई और नेता कुछ ना बोल सके.
मंत्रिमंडल चुनने की चुनौती : इसके अलावा हरियाणा के नए मंत्रिमंडल को भी इसकी वजह माना जा रहा है. बीजेपी ने 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है, ऐसे में कई विधायकों की अपेक्षा मंत्री बनने की है. ऊपर से बीजेपी को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर समर्थन देने वाली सावित्री जिंदल जैसे चेहरों को भी मंत्रिमंडल में एडजस्ट करने की चुनौती बीजेपी के सामने है. साथ ही कहा जा रहा है कि 17 अक्टूबर को नए सीएम के साथ कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल का फाइनल खाका तैयार करने के लिए शाह खुद चंडीगढ़ पर्यवेक्षक के तौर पर आ रहे हैं.
भाजपा के संसदीय बोर्ड ने हरियाणा में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव हेतु केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को केन्द्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया। pic.twitter.com/XNZB8iyk0E
— BJP (@BJP4India) October 13, 2024
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