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लू के लॉकडाउन और नौतपा में कहीं जल न जाए आपका घर, फायर विभाग इन गाइडलाइन को जरूर मानें - Heat Wave Fire Incident

कहीं चलते एसी में ब्लास्ट हो जा रहा है तो कहीं पंखे में आग लग रही है. मई में आसमान से बरसती आग और तापमान में हुई अचानक बढ़ोतरी ने आग लगने की घटनाओं में इजाफा किया है. इस मौसम में हर घर में आग लगने का अंदेशा है. यही वजह है कि फायर विभाग इसको लेकर सतर्क है और आग पर काबू पाने के साथ ही लोगों को सतर्क भी कर रहा है कि कैसे आग न लगे. आइए जानते है कि आप अपने घर और व्यवसायिक भवन में क्या क्या एहतिहात बरतें?

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गर्मी में आग क्यों और कैसे लगती है. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 7:43 PM IST

Updated : May 28, 2024, 7:54 PM IST

गर्मी में आग क्यों और कैसे लगती है पर संवाददाता गगनदीप मिश्रा की खास रिपोर्ट. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते एक वर्ष में 33 हजार से अधिक आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. इसके अलावा मई में तो हर दिन 50 से अधिक आग लगने की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने घर या व्यवसायिक इमारतों में कई सावधानियां बरतकर बड़ी घटना को रोक सकते हैं.

एसी को आराम देना जरूरी: लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार बताते हैं कि, लगातार बढ़ते तापमान के चलते हर घर में एसी और कूलर चल रहे हैं. हर माह की अपेक्षा इन दिनों इनके चलने का टाइम बढ़ा है और ये बिना रुके लोगों के घरों में चल रहे हैं. यही वजह है कि एक तो बढ़ता तापमान और दूसरा बिना रुके बिजली उपकरणों का चलना, आग लगने की घटनाओं को बढ़ा रहे हैं.

सीएफओ के मुताबिक, दिन में यदि बिजली उपकरण ब्लास्ट होते हैं या फिर उनमें आग लगती है तो हम कुछ हद तक उसे रोक सकते हैं. लेकिन, यदि यही घटना रात के समय हो तो यह विकराल रूप ले लेगी. ऐसे में बहुत जरूरी है कि सबसे पहले हम बिजली उपकरणों, खासकर एसी, कूलर को थोड़ा आराम दें. क्योंकि, सबसे अधिक हादसे एसी ब्लास्ट होने या उसके चलते तारों में शॉर्ट सर्किट होने से ही होते हैं.

शॉर्ट सर्किट से सबसे अधिक अग्निकांड, इलेक्ट्रिकल ऑडिट जरूर करवाएं: मंगेश कुमार के मुताबिक, जितना तापमान बढ़ेगा आग लगने की उतनी ही संभावनाएं होती हैं. बीते कुछ वर्षों में गर्मी के महीनों में अधिकांश अग्निकांड शॉर्ट सर्किट के कारण से ही हुए हैं.

सीएफओ बताते हैं कि लोगों के पुराने घरों में हुई बिजली की वायरिंग उस समय के अनुसार ही होती है. पहले लोग पंखे इस्तेमाल करते थे फिर कूलर और अब हर कमरे में एसी होता है. ऐसे में तार लोड उठा नहीं पाते हैं और शॉर्ट सर्किट विकराल अग्निकांड का रूप ले लेता है. ऐसे में जरूरी है कि हर दो वर्ष में एक बार इलेक्ट्रिकल ऑडिट जरूर करवाएं, फिर चाहे आवासीय भवन हो या फिर व्यवसायिक.

आगजनी से बचने के उपाय

  • वॉटर टैंक में हर समय पानी भरा हो, जिससे आग लगने की स्थिति में उसे बुझाया जा सके.
  • फायर सेफ्टी यंत्रों में गैस है या नहीं, इसकी जांच करते रहें.
  • फायर एग्जिट गेट की जानकारी सभी को हो, जिससे आपात स्थिति में सब उसका उपयोग कर सकें.
  • फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर सही कंडीशन में हों.

घरों में आगजनी से बचने के उपाय

  • घर से बाहर निकलते समय लाइट और पंखों को बंद कर दें.
  • बीच-बीच में कुछ देर के लिए पंखे, एसी या बिजली के अन्य उपकरण बंद करते रहें.
  • मोबाइल और लैपटॉप को चार्जर पर लगाकर ज्यादा देर तक न छोड़ें.
  • मकान में बिजली की फिटिंग पुरानी है, तो उसे पहले से चेक करा लें.
  • बीड़ी, सिगरेट का इस्तेमाल करके उसे अच्छे से बुझा कर फेंके.
  • पुरानी वायरिंग में कट होने पर उसे तुरंत बदल दें

आग लगने पर क्या करें

  • सबसे पहले 112 पर कॉल करें. लोकेशन के साथ जानकारी दें. इमरजेंसी नंबर 112 पर सूचना देने से आप अपनी और दूसरों की रक्षा कर सकते हैं.
  • फायर अलार्म बजाएं या चिल्लाएं, जिस बिल्डिंग में आग लगी हो और आप वहीं मौजूद हो तो तत्काल वहां पर लगे फायर अलार्म को दबा दें, यदि अलार्म न लगा हो तो आग-आग चिल्लाकर भी लोगों को बता सकते हैं.
  • आग लगी हो और बाहर धुआं फैल रहा हो तो आप उसे अपने रूम के अंदर न आने दें. इसके लिए आप रूम के दरवाजे को बंद कर दें और सभी सुराखों में गीले तौलिये या चादरों को लगा दें, ताकि धुआं कहीं से भी अंदर न आ सके.
  • आग लगने पर तुरंत जानकारी मिले इसके लिए संस्थान प्रतिष्ठान में स्मॉक डिटेक्टर जरूर लगाएं. इसकी मदद से जैसे ही धुआं फैलेगा पता लग जाएगा.
  • आग लगने पर लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, केवल सीढ़ियों का ही इस्तमाल करें. क्योंकि आग लगने की स्थिति में सबसे पहले इलेक्ट्रिसिटी ही बाधित होती है.
  • आग लगने के समय लपटों से अपने चेहरे और धुएं में दम घुटने से बचने के लिए चेहरे पर गीला कपड़ा ढक सकते हैं.
  • यदि खुद के कपड़ो में आग लग गई है तो तुरंत जमीन पर लेट जाएं, जिससे आग और नहीं फैलेगी.

ये भी पढ़ेंः यूपी में इस दिन एंट्री करेगा मानसून; पूरे सीजन जोरदार बरसात होगी, पिछली बार से 20% ज्यादा

ये भी पढ़ेंः तंदूर बना यूपी; झांसी में पारा 50 के पास, मुरादाबाद में हांफे ट्रांसफार्मर पर डाल रहे पानी, आगरा में बिलबिलाए विदेशी टूरिस्ट

ये भी पढ़ेंः यूपी में लू का लॉकडाउन: 49 डिग्री में झुलसा आगरा, झांसी 132 साल में सबसे गर्म; फुंक रहे ट्रांसफार्मर, रेल पटरियां टेढ़ी

गर्मी में आग क्यों और कैसे लगती है पर संवाददाता गगनदीप मिश्रा की खास रिपोर्ट. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीते एक वर्ष में 33 हजार से अधिक आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. इसके अलावा मई में तो हर दिन 50 से अधिक आग लगने की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने घर या व्यवसायिक इमारतों में कई सावधानियां बरतकर बड़ी घटना को रोक सकते हैं.

एसी को आराम देना जरूरी: लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार बताते हैं कि, लगातार बढ़ते तापमान के चलते हर घर में एसी और कूलर चल रहे हैं. हर माह की अपेक्षा इन दिनों इनके चलने का टाइम बढ़ा है और ये बिना रुके लोगों के घरों में चल रहे हैं. यही वजह है कि एक तो बढ़ता तापमान और दूसरा बिना रुके बिजली उपकरणों का चलना, आग लगने की घटनाओं को बढ़ा रहे हैं.

सीएफओ के मुताबिक, दिन में यदि बिजली उपकरण ब्लास्ट होते हैं या फिर उनमें आग लगती है तो हम कुछ हद तक उसे रोक सकते हैं. लेकिन, यदि यही घटना रात के समय हो तो यह विकराल रूप ले लेगी. ऐसे में बहुत जरूरी है कि सबसे पहले हम बिजली उपकरणों, खासकर एसी, कूलर को थोड़ा आराम दें. क्योंकि, सबसे अधिक हादसे एसी ब्लास्ट होने या उसके चलते तारों में शॉर्ट सर्किट होने से ही होते हैं.

शॉर्ट सर्किट से सबसे अधिक अग्निकांड, इलेक्ट्रिकल ऑडिट जरूर करवाएं: मंगेश कुमार के मुताबिक, जितना तापमान बढ़ेगा आग लगने की उतनी ही संभावनाएं होती हैं. बीते कुछ वर्षों में गर्मी के महीनों में अधिकांश अग्निकांड शॉर्ट सर्किट के कारण से ही हुए हैं.

सीएफओ बताते हैं कि लोगों के पुराने घरों में हुई बिजली की वायरिंग उस समय के अनुसार ही होती है. पहले लोग पंखे इस्तेमाल करते थे फिर कूलर और अब हर कमरे में एसी होता है. ऐसे में तार लोड उठा नहीं पाते हैं और शॉर्ट सर्किट विकराल अग्निकांड का रूप ले लेता है. ऐसे में जरूरी है कि हर दो वर्ष में एक बार इलेक्ट्रिकल ऑडिट जरूर करवाएं, फिर चाहे आवासीय भवन हो या फिर व्यवसायिक.

आगजनी से बचने के उपाय

  • वॉटर टैंक में हर समय पानी भरा हो, जिससे आग लगने की स्थिति में उसे बुझाया जा सके.
  • फायर सेफ्टी यंत्रों में गैस है या नहीं, इसकी जांच करते रहें.
  • फायर एग्जिट गेट की जानकारी सभी को हो, जिससे आपात स्थिति में सब उसका उपयोग कर सकें.
  • फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर सही कंडीशन में हों.

घरों में आगजनी से बचने के उपाय

  • घर से बाहर निकलते समय लाइट और पंखों को बंद कर दें.
  • बीच-बीच में कुछ देर के लिए पंखे, एसी या बिजली के अन्य उपकरण बंद करते रहें.
  • मोबाइल और लैपटॉप को चार्जर पर लगाकर ज्यादा देर तक न छोड़ें.
  • मकान में बिजली की फिटिंग पुरानी है, तो उसे पहले से चेक करा लें.
  • बीड़ी, सिगरेट का इस्तेमाल करके उसे अच्छे से बुझा कर फेंके.
  • पुरानी वायरिंग में कट होने पर उसे तुरंत बदल दें

आग लगने पर क्या करें

  • सबसे पहले 112 पर कॉल करें. लोकेशन के साथ जानकारी दें. इमरजेंसी नंबर 112 पर सूचना देने से आप अपनी और दूसरों की रक्षा कर सकते हैं.
  • फायर अलार्म बजाएं या चिल्लाएं, जिस बिल्डिंग में आग लगी हो और आप वहीं मौजूद हो तो तत्काल वहां पर लगे फायर अलार्म को दबा दें, यदि अलार्म न लगा हो तो आग-आग चिल्लाकर भी लोगों को बता सकते हैं.
  • आग लगी हो और बाहर धुआं फैल रहा हो तो आप उसे अपने रूम के अंदर न आने दें. इसके लिए आप रूम के दरवाजे को बंद कर दें और सभी सुराखों में गीले तौलिये या चादरों को लगा दें, ताकि धुआं कहीं से भी अंदर न आ सके.
  • आग लगने पर तुरंत जानकारी मिले इसके लिए संस्थान प्रतिष्ठान में स्मॉक डिटेक्टर जरूर लगाएं. इसकी मदद से जैसे ही धुआं फैलेगा पता लग जाएगा.
  • आग लगने पर लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, केवल सीढ़ियों का ही इस्तमाल करें. क्योंकि आग लगने की स्थिति में सबसे पहले इलेक्ट्रिसिटी ही बाधित होती है.
  • आग लगने के समय लपटों से अपने चेहरे और धुएं में दम घुटने से बचने के लिए चेहरे पर गीला कपड़ा ढक सकते हैं.
  • यदि खुद के कपड़ो में आग लग गई है तो तुरंत जमीन पर लेट जाएं, जिससे आग और नहीं फैलेगी.

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Last Updated : May 28, 2024, 7:54 PM IST
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