रायपुर : इस दुनिया में आने वाले हर जातक का भविष्य निर्धारित होता है.ठीक उसी तरह कारोबार और करियर को लेकर भी ज्योतिषशास्त्र में गणना की जाती है. सामान्य जातकों का भविष्य और राजनीतिक भविष्यवाणी में बहुत बड़ा अंतर होता है.कई बार ऐसा देखा गया है कि जातक की कुंडली में यदि राजयोग है तो भी उसका फल जातक को नहीं मिलता है. यदि जातक की कुंडली में समय कमजोर है,लेकिन नेता और दल की कुंडली राजयोग कारक है तो कमजोर कुंडली वाला प्रत्याशी भी चुनाव जीत जाता है. ऐसे लोग मंत्री और मुख्यमंत्री तक बन जाते हैं. यदि उसकी कुंडली में राहु केतु शनि उस समय अच्छी अवस्था में हो राजयोग देने वाले हो तो वह मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रधानमंत्री आदि भी बन सकता है. राष्ट्रपति और राज्यपाल जैसे पदों पर भी यही नियम लागू होता है.
कैसे कुंडली के ग्रह आपको दिलाते हैं सफलता : ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "राजनीतिक भविष्यवाणी में दल नेता, दल एवं जातक की कुंडली में दशांश, अष्टक वर्ग, महादशा, अंतर्दशा, सूक्ष्मदशा, प्रत्यंतर दशा आदि के साथ ही चुनाव के समय के गोचर के ग्रहों का विशेष रूप से अध्ययन किया जाना चाहिए. शनि राहु एवं केतु का इस दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यदि अन्य ग्रह कमजोर है लेकिन शनि एवं राहु की स्थिति मजबूत है तो जातक और दल सत्ता में आ जाता है. मतदान के दिन के साथ ही मतगणना का दिन भी अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उस दिन कौन सी पार्टी अधिक महत्वपूर्ण है."
राजनीतिक और सामान्य भविष्यवाणी में अंतर : ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर की माने तो सूक्ष्म गणना में ग्रहों की स्थिति और षोडश वर्ग में क्या स्थिति है, यह देखकर ही तुलना की जानी चाहिए. चंद्रमा की स्थिति का विशेष रूप से ध्यान रखकर निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए. तभी भविष्यवाणी सही होती है. इस संदर्भ में प्रश्न कुंडली भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. प्रश्न कुंडली के आधार पर भी निर्णय की जांच कर लेनी चाहिए. प्रश्न कुंडली भी इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि राजनीतिक दलों के जन्म का समय विवादास्पद होता है. उस समय पहली बार जब उसे दल के नाम की घोषणा की गई वह समय पूर्णता सही जान पाना कठिन है. जातक की कुंडली भी जानना कठिन है. क्योंकि राजनेताओं की कुंडली जो गूगल नेट या बाजार में उपलब्ध होती है वह त्रुटि पूर्ण भी होती है. यह जानबूझकर गलत बतलाई जाती है. इसका जन्म प्रमाण पत्र से कोई संबंध नहीं होता है. वास्तविक जन्म का दिन एवं समय ही सही आकलन करने में सफल होता है.
नोट : उपरोक्त लिखे विचार ज्योतिष और ज्ञानियों के अपने विचार हैं,इसे लेकर ईटीवी भारत किसी भी तरह की पुष्टि नहीं करता है.