रायपुर: घर में कचरा या कबाड़ होने पर लक्ष्मी नाराज हो जाती है. ऐसे में घर को साफ सुथरा रखना वास्तु के नियम के मुताबिक बहुत जरूरी है. कई बार घर के स्टोर रूम में या छत पर कबाड़ का सामान रखकर हम उसे निकालना भूल जाते हैं और वह सालों तक वहीं पड़ा रहता है. जिसका सीधा असर घर-परिवार के सदस्यों के मन और मस्तिष्क पर नकारात्मक असर पड़ता है. इसके साथ ही पितृ दोष भी लगता है.
कबाड़ का विसर्जन क्यों है जरूरी? : ज्योतिष एवं वास्तुविद पं प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया, "घर में रखे कबाड़ एक कचरा होता है, जिसे हम अलक्ष्मी मानते हैं. शास्त्रों में अलक्ष्मी के विसर्जन की बात कही गई है. ब्रह्म मुहूर्त में सुबह उठकर अलक्ष्मी यानी कचरा का विसर्जन करना चाहिए, महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए, ऐसा शास्त्रों में लिखा गया है."
"अडार तंत्र में समृद्धि के लिए किसी भी अमावस्या में घर के कूड़े-करकट, कचरा या कबाड़ के साथ पुराने झाडू को साफ करके घर के हर कोने में दीया जलाएं और रात्रि में महालक्ष्मी का पूजन करना चाहिए. अगले दिन सुबह में नए सूपा में कचरे का विसर्जन करना चाहिए. इससे सारे कष्टों की निवृत्ति होती है." - पं प्रिया शरण त्रिपाठी, ज्योतिष और वास्तुविद
कबाड़ होने से मां लक्ष्मी घर में वास नहीं करती : दीपावली के त्यौहार को लोग सफाई का त्योहार भी मानते हैं. इस समय घर के सभी कूड़ा-करकट और कबाड़ को साफ करके घर के बाहर विसर्जन किया जाता है. शास्त्रों में यह भी लिखा है कि लक्ष्मी उस घर में ठहरती है, जहां पर साफ-सफाई और सुंदरता का वास होता है. अगर घर के दिशाओं की बात करें तो उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम. किसी भी हिस्से में कूड़ा-करकट या कबाड़ का सामान बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो लक्ष्मी उस घर में वास नहीं करती. यानी कि लक्ष्मी उस घर से चली जाती है. ऐसे में लोगों के जीवन से कष्ट समाप्त नहीं होते. ऐसे में समय-समय पर कबाड़ इकट्ठा होने पर उसे घर के बाहर फेंक देना चाहिए.
नोट: यहां प्रस्तुत सारी बातें पंडित जी की तरफ से बताई गई बातें हैं. इसकी पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.