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गोड्डा लोकसभा सीट से आखिर क्यों कटा दीपिका पांडे का टिकट, प्रदीप यादव कैसे बन गए विनर! जानिए इनसाइड स्टोरी - Godda Lok Sabha seat inside story

गोड्डा लोकसभा सीट पर आखिर दीपिका पांडे सिंह के साथ खेल कैसे हो गया. आखिर क्या हुआ कि उनसे टिकट लेकर प्रदीप यादव को दे दिया गया. जिनए इस रिपोर्ट में.

GODDA LOK SABHA SEAT INSIDE STORY
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 21, 2024, 10:36 PM IST

गोड्डा: लोकसभा सीट गोड्डा से कांग्रेस ने पहले दीपिका पांडे सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन फिर उसे बदलकर प्रदीप यादव को टिकट दिया गया है. घोषित उम्मीदवार का टिकट आखिरकार पार्टी ने क्यों बदल दिया है और उनकी जगह पर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाने का फैसला क्यों लिया गया यह अहम सवाल है.

दरअसल दीपिका पांडेय को जब से टिकट की घोषणा हुई थी इसका विरोध प्रदीप यादव समर्थको द्वारा जगह जगह विरोध हो रहा था. इसे लेकर कांग्रेस युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव विकास सिंह के नेतृत्व गोड्डा अग्रसेन भवन में बड़ी बैठक हुई थी. जिसमे खुलकर ये बात कही गयीं थीं कि पार्टी नेता राहुल गांधी लगातार ये बात कर रहे हैं कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी, तो फिर ओबीसी के सर्वाधिक आबादी के बावजूद दीपिका पांडेय सिंह को टिकट देना अनुचित है. इसके साथ ही कार्यकर्ता प्रदीप यादव को हर हाल में उम्मीदवार बनाने के पक्ष में थे. ये भी कहा गया था कि उन्हें राहुल गांधी की तरफ से पुनर्विचार का आश्वासन भी मिला है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार एक दिन पहले ही देवघर हवाई अड्डे पर राहुल गांधी ने दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और इरफान अंसारी को राहुल गांधी ने कहा था कि गोड्डा की हर तरह की गतिविधि पर हमारी नजर है. इशारा साफ था कि विरोध प्रदर्शन को लेकर था. कमोबेश उसी वक्त संकेत मिल गए थे कि कुछ खेला होने वाला है.

उलगुलान रैली को लेकर सभी बड़े नेता रांची में मौजूद थे, इसी दौरान खेला हो गया और गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह की प्रदीप यादव को टिकट की घोषणा कर दी गई. इसके साथ ही रांची से सीनियर कांग्रेस लीडर सुबोधकांत सहाय की जगह उनकी बेटी यशश्विनी सहाय को टिकट दे दिया गया.

गोड्डा: लोकसभा सीट गोड्डा से कांग्रेस ने पहले दीपिका पांडे सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन फिर उसे बदलकर प्रदीप यादव को टिकट दिया गया है. घोषित उम्मीदवार का टिकट आखिरकार पार्टी ने क्यों बदल दिया है और उनकी जगह पर प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाने का फैसला क्यों लिया गया यह अहम सवाल है.

दरअसल दीपिका पांडेय को जब से टिकट की घोषणा हुई थी इसका विरोध प्रदीप यादव समर्थको द्वारा जगह जगह विरोध हो रहा था. इसे लेकर कांग्रेस युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव विकास सिंह के नेतृत्व गोड्डा अग्रसेन भवन में बड़ी बैठक हुई थी. जिसमे खुलकर ये बात कही गयीं थीं कि पार्टी नेता राहुल गांधी लगातार ये बात कर रहे हैं कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी, तो फिर ओबीसी के सर्वाधिक आबादी के बावजूद दीपिका पांडेय सिंह को टिकट देना अनुचित है. इसके साथ ही कार्यकर्ता प्रदीप यादव को हर हाल में उम्मीदवार बनाने के पक्ष में थे. ये भी कहा गया था कि उन्हें राहुल गांधी की तरफ से पुनर्विचार का आश्वासन भी मिला है.

पार्टी सूत्रों के अनुसार एक दिन पहले ही देवघर हवाई अड्डे पर राहुल गांधी ने दीपिका पांडेय सिंह, प्रदीप यादव और इरफान अंसारी को राहुल गांधी ने कहा था कि गोड्डा की हर तरह की गतिविधि पर हमारी नजर है. इशारा साफ था कि विरोध प्रदर्शन को लेकर था. कमोबेश उसी वक्त संकेत मिल गए थे कि कुछ खेला होने वाला है.

उलगुलान रैली को लेकर सभी बड़े नेता रांची में मौजूद थे, इसी दौरान खेला हो गया और गोड्डा से दीपिका पांडेय सिंह की प्रदीप यादव को टिकट की घोषणा कर दी गई. इसके साथ ही रांची से सीनियर कांग्रेस लीडर सुबोधकांत सहाय की जगह उनकी बेटी यशश्विनी सहाय को टिकट दे दिया गया.

अब निशिकांत दुबे के सामने के प्रदीप यादव चौथी बार चुनावी मैदान में होंगे. वही गोड्डा लोकसभा से छठी बार भाग्य आजमाएंगे. जिनमे एक बार 2002 मे उन्हें उपचुनाव में जीत मिली है.

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