रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के बाद षष्ठम विधानसभा का गठन हो गया है. इंडिया ब्लॉक के नेता के रूप में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बन चुके हैं और कैबिनेट ने भी पदभार संभाल लिया है, लेकिन विधानसभा में 16 विधायक वाली पार्टी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता कौन होगा? यह सवाल आज भी राज्य की राजनीति में बना हुआ है. यही हाल राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा का भी है. 21 सीट जीतने वाली पार्टी भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता कौन होंगे, यह सवाल भी अभी बना हुआ है.
भाजपा बताए कि बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता क्यों नहीं बना रहेः जगदीश साहू
छठे विधानसभा का विशेष सत्र आहूत हो रहा है बावजूद इसके अभी तक कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने विधायक दल का नेता नहीं चुन सकी है. ईटीवी भारत ने जब झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता से यह सवाल किया कि आखिर विधायक दल के नेता की घोषणा क्यों नहीं हो रही है? तो इस सवाल के जवाब में जगदीश साहू ने कहा कि यही सवाल आप भाजपा के नेताओं से क्यों नहीं करते. उन्होंने कहा कि विधानसभा में भाजपा मुख्य विपक्षी है और उनके विधायक दल के नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष बनेंगे. इसलिए भाजपा की ओर से विधायक दल का नेता बनाया जाना बहुत जरूरी है.
जल्द घोषित हो जाएगा कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि जहां तक कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन का सवाल है, सभी विधायकों ने इसके लिए आलाकमान को अधिकृत कर दिया है. उन्होंने जल्द कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर दिए जाने की उम्मीद जताई है, साथ ही कहा कि किसी अनुभवी और पुराने नेता को ही यह दायित्व मिलेगा.
मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं कांग्रेसी नेताः भाजपा
कांग्रेस विधायक दल का नेता कौन? इस सवाल के जवाब पर, भाजपा से भी यही सवाल पूछने वाले वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि दरअसल मानसिक रूप से कांग्रेस के नेता दिवालिया हो गए हैं, यही वजह है कि जब भी उनसे कोई सवाल पूछा जाता है तब वह बीच में भाजपा को ले आते हैं. जबकि उन्हें अपने बारे में सोचना चाहिए.
शिवपूजन पाठक ने कहा कि दरअसल कांग्रेस के नेता भाजपा से भयभीत रहते हैं. उन्होंने कहा कि पिछली विधानसभा में पूरे चार साल हमारे विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं देने वालों को अब इस मामले में टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है.
क्या रामेश्वर उरांव को कांग्रेस बनाएगी विधायक दल का नेता
पिछली विधानसभा में आलमगीर आलम के जेल चले जाने के बाद कांग्रेस ने रामेश्वर उरांव को विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन इस बार उन्हें मंत्री बनने का भी मौका नहीं मिला है, ऐसे में क्या उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया जाएगा, यह सवाल बना हुआ है.
क्या, बाबूलाल मरांडी को मिलेगा षष्ठम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने का मौका
भाजपा ने 2020 में बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना था लेकिन उन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं मिली थी. उस समय जेवीएम के भाजपा में विलय और दल बदल के स्पीकर न्यायाधिकरण में चल रहे मामले की वजह से वह नेता प्रतिपक्ष नहीं बन पाए थे. बाद में भाजपा ने अमर बाउरी को विधायक दल का नेता बनाया था. इस बार अमर बाउरी चुनाव हार गए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बाबूलाल को इस बार नेता प्रतिपक्ष बनने का मौका मिलेगा.
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