मनेंद्रगढ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने को लेकर सरकार बड़े बड़े दावे करती है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण व्यवस्था बेहाल है. हम बात कर रहे हैं मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भौंता की. जहां स्थित सरकारी स्कूल शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलता नजर आ रहा है.
एक ही कक्षा में पढ़ रहे सारे बच्चे : भौंता गांव के प्राथमिक स्कूल में न तो पर्याप्त कक्षाएं हैं और न ही बुनियादी सुविधाएं. भवन के अभाव में बच्चों को एक ही कमरे में बैठाकर पढ़ाया जाता है. स्थिति यह है कि पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चे एक ही कक्षा में बैठते हैं. शिक्षक जब एक कक्षा को पढ़ाते हैं तो बाकी कक्षा के बच्चे शिक्षक को देखते रहते हैं कि कब उन्हें पढ़ाने आएंगे. स्कूल के बच्चों ने बताया कि वे पढ़ाई में रुचि रखते हैं, लेकिन स्कूल की स्थिति खराब है और शिक्षकों की भी कमी है.
विद्यालय की स्थिति बहुत खराब है. भवन जर्जर है और अतिरिक्त कक्षाओं में पढ़ाई करानी पड़ रही है. हमने कई बार इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया : जवाहर सिंह, प्रधान पाठक, प्राथमिक स्कूल भौंता
नए भवन निर्माण का दिया भरोसा : जब इस मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र जायसवाल से बात की गई, तो उन्होंने जल्द ही नए भवन का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की बात कही है. हालांकि, उन्होंने इस 'जल्द' की कोई समय सीमा नहीं बताई है.
हमने विद्यालय भवन के लिए पत्राचार किया है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा : सुरेंद्र जायसवाल, बीईओ, मनेंद्रगढ़
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था की इस बदहाल स्थिति से प्रशासन और शिक्षा विभाग की उदासीनता उजागर हो गई है. ऐसी शिक्षा व्यवस्था में बच्चों का शैक्षणिक विकास कैसे होगा, यह सोचने का विषय है. अब देखना होगा कि भौंता गांव के प्राथमिक स्कूल में नए भवन का निर्माण कब शुरू होगा.