मेरठ: आमतौर पर प्रदेश भर में माध्यमिक शिक्षा परिषद के कार्यालय पर ऐसे सैकड़ों लोगों को अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की अंक तालिकाओं में हुई त्रुटियों को दुरुस्त कराने के लिए चक्कर काटते हुए देखा जा सकता है. जबकि असलियत यह है कि किसी को भी चक्कर लगाने की जरूरत ही नहीं है. लेकिन, उसके बावजूद लोग हैं कि आधी-अधूरी जानकारी की वजह से एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर के चक्कर लगाते रहते हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत से माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि जहां से किसी भी बच्चे ने शिक्षा ग्रहण की होती है, उस वक्त जो अभिलेख दिए जाते हैं उसमें माता का नाम हो या पिता का नाम हो या जन्मतिथी ये चार बिंदु मुख्य आधार होते हैं. उसी के आधार पर आगे उसके एडमिशन होते हैं. उसी में चाहे वह प्राइमरी स्तर पर हो या जूनियर स्तर पर हो और हाइस्कूल स्तर पर हो कुछ त्रुटियां उनके रजिस्ट्रेशन में हो जाती हैं, वहां से समस्या पैदा हो जाती है.
अगर रजिस्ट्रेशन के वक्त हाइस्कूल या 12वीं वाले किसी भी छात्र के साथ कुछ त्रुटियां हो जाती हैं, तो जब रिजल्ट निकलता है तब वह पकड़ में आती है. ऐसे में रिजल्ट निकलने के तत्काल बाद एक ग्रीवेंस सेल बनाई जाती है, उसमें जो भी समस्या आती है, उसका तत्काल निराकरण कराया जाता है, जो भी स्कूलों के माध्यम से प्रकरण सामने आते हैं उनका तत्काल निराकरण कर दिया जाता है.
क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार कहते हैं कि अभी जो भी आने वाले लोग रहते हैं उनके आने के पीछे का जो कारण होता है उसमें एक वजह ये भी है कि ऐसे अधिकतर लोग न तो किसी विद्यालय में संपर्क करते हैं और ना ही जब परिणाम घोषित होते हैं तब अपने अभिलेख पर ध्यान देते हैं कि उसमें आखिर क्या-क्या लिखा हुआ है, लेकिन जिसकी जब उन्हें कभी आवश्यकता पड़ती है, उस वक्त माध्यमिक शिक्षा परिषद के अलग-अलग दफ्तरों में चक्कर लगाते हैं.
जबकि इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे आवेदक जिन्हें अपनी अंक तालिका या प्रमाणपत्र में किसी भी तरह की समस्या से संबंधित समाधान कराना है उन्हें जो प्रक्रिया है उसे अपनाना चाहिए. इससे आवेदक की समस्या का निदान भी हो जाएगा और व्यर्थ की भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ेगी.
जिस स्कूल से की है पढ़ाई, वहीं से होगा समाधान: क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि चाहे किसी भी प्रकार के संशोधन से संबंधित प्रकरण हो वे विद्यालय के माध्यम से ही आएंगे. इसलिए जरूरी यही है कि जिन्हें भी बदलाव कराना हो वे संबंधित स्कूल में सबसे पहले सम्पर्क करें. उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है. वहीं से जांचने परखने के लिए बोर्ड ऑफिस के लिए आवेदन सीधा भेजता है.
क्या है सही प्रक्रिया: आवेदन के साथ 10 रुपए कीमत का नोटरी एफिडेविट और जिस प्रमाण पत्र में विभाग से सम्पर्क करके सुधार कराना है, उसकी एक फोटो कॉपी के साथ एप्लिकेशन देनी होती है. अगर बदलाव कक्षा 12वीं के किसी सर्टिफिकेट में कराना है तो उसके साथ हाइस्कूल के प्रमाण-पत्र की छायाप्रति भी संलग्न करनी होती है. ये सभी जानकारी देते हुए सभी दस्तावेज विद्यालय के माध्यम से दिए जाते हैं.
सीयूजी नंबर पर भी कर सकते हैं सम्पर्क: माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार बताते हैं कि अगर किसी को भी कोई समस्या है तो ऐसे व्यक्ति या स्टूडेंट्स के लिए उनका सीयूजी नंबर जानकारी प्राप्त करने के लिए मौजूद रहता है, जिसका नंबर 9454457256 है. इस नंबर पर कॉल करके सम्पूर्ण प्रक्रिया और जानकारी का भी पता किया जा सकता है.
जन्मतिथि में कैसे होगा संशोधन: माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार ने बताया कि अगर किसी को अपनी जन्मतिथि में संशोधन कराना होता है तो उसके लिए कई अलग-अलग कक्षाओं की अंक तालिका की जरूरत होती है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि अगर किसी के प्रमाण-पत्र में जन्मतिथि संशोधन होना होता है तो वह तीन साल तक ही संशोधित किया जा सकता है. तीन साल से अगर अधिक समय हो जाता है तो ऐसी स्थिति में माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के द्वारा दिए गए गाइडलाइन के बाद ही संशोधन किया जा सकता है.
प्रदेश के चार मंडल आते हैं जिनमें मेरठ मंडल के समस्त जिले, आगरा मंडल के समस्त जिले, अलीगढ़ मंडल के समस्त जिले और सहारनपुर मंडल के सभी जिले आते हैं. इस प्रकार लगभग खल 17 जनपद के ऐसे लोग जो पूर्व में हाईस्कूल और 12वीं की पढ़ाई कर चुके हैं, लेकिन किसी न किसी कारण से कोई न कोई त्रुटि है तो वे कई बार तो समय से उसे दुरुस्त कराने को भागदौड़ करने लगते हैं, जबकि कई लोगों को पढ़ाई छोड़ने के वर्षों बाद याद आता है.
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