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खुशखबरी! पुरानी पेंशन स्कीम का दायरा बढ़ा; 50 हजार कर्मचारियों को होगा फायदा - Pension Scheme

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 2:10 PM IST

Updated : Jun 27, 2024, 2:38 PM IST

अब प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि नई पेंशन प्रणाली (NPS) लागू किए जाने की अधिसूचना जारी होने से पूर्व नौकरियों के लिए निकले विज्ञापनों पर भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का ऑप्शन चुनने का मौका मिल सकेगा.

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पुरानी पेंशन स्कीम का दायरा बढ़ा. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा. चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली भी एक बड़ा मुद्दा रहा. जिसके चलते कर्मचारियों की नाराजगी का भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. अब राज्य सरकार ने अपनी तैयारी को आगे बढ़ते हुए और चुनाव परिणाम से सबक लेकर पुरानी पेंशन को लेकर नया अपडेट जारी किया है.

वित्त विभाग की तरफ से विस्तृत शासनादेश जारी करके 2005 से पहले विज्ञापित नौकरी लेने वाले कमर्चारियों को इसका लाभ मिल सकेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन देने के ऑप्शन को मंजूरी प्रदान की गई है.

अब प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि नई पेंशन प्रणाली (NPS) लागू किए जाने की अधिसूचना जारी होने से पूर्व नौकरियों के लिए निकले विज्ञापनों पर भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का ऑप्शन चुनने का मौका मिल सकेगा.

वित्त विभाग के स्तर पर बनाए गए जिस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है, उसके अनुसार ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 को तथा उसके बाद हुई है, परंतु उस नियुक्ति का विज्ञापन पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद होने और नई पेंशन योजना लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना लागू होने से पहले की होगी.

इसमें महत्वपूर्ण है कि ऐसे विज्ञापन जो 28 मार्च 2005 के पहले नौकरी के लिए प्रकाशित हो चुका था और बाद में नौकरी मिली है, उनको पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का ऑप्शन सरकार देकर उन्हें बड़ी सहूलियत देने जा रही है.

नई और पुरानी पेंशन व्यवस्था में क्या है अंतर

  • पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का अधिकार दिया जाता है.
  • पुरानी पेंशन सेवानिवृत्त होने वाले वाले कमर्चारी के सेवा के अंतिम महीने की मूल सैलरी का 50 फीसद होती है.
  • पुरानी पेंशन व्यवस्था में ग्रैच्युटी का भी प्रावधान है.
  • सेवारत कमर्चारी की तरह ही महंगाई भत्ते समेत अन्य भत्ते का लाभ पुरानी पेंशन व्यवस्था में मिलता है.
  • पुरानी पेंशन में सरकार कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती के बिना पूरी पेंशन राशि देती थी.
  • नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 10 फीसद हिस्सा पेंशन योगदान के लिए काटा जाता है.
  • अंशदान अतिरिक्त 14 फीसद का योगदान देने का ही नियम है.
  • नई पेंशन योजना में कोई ग्रैच्युटी शामिल नहीं है.
  • अंतिम पेंशन राशि पूर्व फार्मूले के 50 फीसद मिलने का नियम भी निर्धारित नहीं है.
  • नई पेंशन योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहती है.

इस नियम में आने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के कमर्चारी, परिषदीय विद्यालयों, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं तथा राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं के कमर्चारी पुरानी पेंशन चुनकर उसका लाभ ले सकेंगे.

यह भी उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सहूलियत देते हुए इससे सम्बंधित आदेश तीन मार्च 2023 को जारी कर दिया था. जिसके बाद यूपी सरकार ने यह सुविधा देने का फैसला करके कमर्चारियों को कुछ हद तक सन्तुष्ट करने की कोशिश की है. हालांकि इस फैसले से करीब 50 हजार के आसपास कमर्चारियों को ही लाभ मिल सकेगा.

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी बताते हैं कि हम उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को भी नई पेंशन नीति में निरंतर सुधार किए जाने तथा पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं. मुख्य सचिव स्तर पर 24 फरवरी 2023 को इस पर सहमति बन गई थी, लेकिन वित्त विभाग के कारण प्रकरण में विलंब हुआ.

11 जून को जब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला था, तो पुरानी पेंशन में आने के लिए विकल्प खोले जाने तथा आउटसोर्स कर्मचारी का न्यूनतम वेतन निर्धारण करने पर विस्तार से चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वह संयुक्त परिषद की इस मांग जल्दी ही निर्णय करेंगे. जिसके बाद यह फैसला किया गया है.

क्या है पुरानी पेंशन व्यवस्था: पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का अधिकार दिया जाता है. पुरानी पेंशन सेवानिवृत्त होने वाले वाले कमर्चारी के सेवा के अंतिम महीने की मूल सैलरी का 50 फीसद होती है. यह एक निश्चित फार्मूले के आधार पर होती है. साथ ही ग्रैच्युटी मिलाकर पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्त होने के बाद कमर्चारी सेवारत कमर्चारी की तरह ही महंगाई भत्ते समेत अन्य भत्ते भी पेंशन के साथ जुड़कर मिलते हैं. अगर सरकार महंगाई भत्ता, महंगाई राहत जैसे भत्ते में वृद्धि करती है तो उसका लाभ भी पेंशन भोगी को उसी के अनुसार प्राप्त होगा. पुरानी पेंशन में सरकार कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती के बिना पूरी पेंशन राशि देती थी.

क्या है नई पेंशन व्यवस्था: नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 10 फीसद हिस्सा पेंशन योगदान के लिए काटा जाता है, जिसमें सरकार द्वारा अतिरिक्त 14 फीसद का योगदान देने का ही नियम है. वहीं पुरानी पेंशन योजना के विपरीत नई पेंशन योजना में कोई ग्रैच्युटी शामिल नहीं है. अंतिम पेंशन राशि पूर्व फार्मूले के 50 फीसद मिलने का नियम भी निर्धारित नहीं है. क्योंकि यह शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहती है. कहने का आशय है कि सरकार कमर्चारियों के वेतन से काटी गई धनराशि का कुछ हिस्सा निवेश करती है और फिर उसी से आए रिटर्न के अनुसार देने का प्रावधान है.

किसको मिल रहा पुरानी पेंशन योजना का लाभ: पुरानी पेंशन योजना का लाभ उन्ही कमर्चारियों को मिल रहा है, जिनकी नियुक्ति मार्च 2005 तक हुई है. प्रदेश में ऐसे कमर्चारियों की संख्या करीब 11 लाख है जिन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है.

कैबिनेट के फैसले से किसको होगा फायदा: अब जब योगी सरकार ने 28 मार्च 2005 तक या उससे पहले विज्ञापित नौकरियों वाले कमर्चारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने का आदेश किया है तो इसका लाभ अक्टूबर 2009 तक भर्ती हुए कमर्चारियों को मिलेगा. कई विभागों की नियुक्तियों की प्रक्रिया लंबी चली और वह अक्टूबर 2009 तक पूरी हुई. ऐसे कमर्चारियों की संख्या करीब 50 हजार के आसपास है.

ये भी पढ़ेंः योगी कैबिनेट का पेंशन नीति पर बड़ा फैसला; पुरानी पेंशन सिस्टम का ऑप्शन खुला, गैंगस्टर मामलों में बेल नहीं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा. चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली भी एक बड़ा मुद्दा रहा. जिसके चलते कर्मचारियों की नाराजगी का भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. साथ ही विपक्षी पार्टियों ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. अब राज्य सरकार ने अपनी तैयारी को आगे बढ़ते हुए और चुनाव परिणाम से सबक लेकर पुरानी पेंशन को लेकर नया अपडेट जारी किया है.

वित्त विभाग की तरफ से विस्तृत शासनादेश जारी करके 2005 से पहले विज्ञापित नौकरी लेने वाले कमर्चारियों को इसका लाभ मिल सकेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन देने के ऑप्शन को मंजूरी प्रदान की गई है.

अब प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि नई पेंशन प्रणाली (NPS) लागू किए जाने की अधिसूचना जारी होने से पूर्व नौकरियों के लिए निकले विज्ञापनों पर भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का ऑप्शन चुनने का मौका मिल सकेगा.

वित्त विभाग के स्तर पर बनाए गए जिस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है, उसके अनुसार ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 को तथा उसके बाद हुई है, परंतु उस नियुक्ति का विज्ञापन पुरानी पेंशन व्यवस्था बंद होने और नई पेंशन योजना लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना लागू होने से पहले की होगी.

इसमें महत्वपूर्ण है कि ऐसे विज्ञापन जो 28 मार्च 2005 के पहले नौकरी के लिए प्रकाशित हो चुका था और बाद में नौकरी मिली है, उनको पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का ऑप्शन सरकार देकर उन्हें बड़ी सहूलियत देने जा रही है.

नई और पुरानी पेंशन व्यवस्था में क्या है अंतर

  • पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का अधिकार दिया जाता है.
  • पुरानी पेंशन सेवानिवृत्त होने वाले वाले कमर्चारी के सेवा के अंतिम महीने की मूल सैलरी का 50 फीसद होती है.
  • पुरानी पेंशन व्यवस्था में ग्रैच्युटी का भी प्रावधान है.
  • सेवारत कमर्चारी की तरह ही महंगाई भत्ते समेत अन्य भत्ते का लाभ पुरानी पेंशन व्यवस्था में मिलता है.
  • पुरानी पेंशन में सरकार कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती के बिना पूरी पेंशन राशि देती थी.
  • नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 10 फीसद हिस्सा पेंशन योगदान के लिए काटा जाता है.
  • अंशदान अतिरिक्त 14 फीसद का योगदान देने का ही नियम है.
  • नई पेंशन योजना में कोई ग्रैच्युटी शामिल नहीं है.
  • अंतिम पेंशन राशि पूर्व फार्मूले के 50 फीसद मिलने का नियम भी निर्धारित नहीं है.
  • नई पेंशन योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहती है.

इस नियम में आने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के कमर्चारी, परिषदीय विद्यालयों, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं तथा राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं के कमर्चारी पुरानी पेंशन चुनकर उसका लाभ ले सकेंगे.

यह भी उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए सहूलियत देते हुए इससे सम्बंधित आदेश तीन मार्च 2023 को जारी कर दिया था. जिसके बाद यूपी सरकार ने यह सुविधा देने का फैसला करके कमर्चारियों को कुछ हद तक सन्तुष्ट करने की कोशिश की है. हालांकि इस फैसले से करीब 50 हजार के आसपास कमर्चारियों को ही लाभ मिल सकेगा.

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी बताते हैं कि हम उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को भी नई पेंशन नीति में निरंतर सुधार किए जाने तथा पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने की मांग कर रहे हैं. मुख्य सचिव स्तर पर 24 फरवरी 2023 को इस पर सहमति बन गई थी, लेकिन वित्त विभाग के कारण प्रकरण में विलंब हुआ.

11 जून को जब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला था, तो पुरानी पेंशन में आने के लिए विकल्प खोले जाने तथा आउटसोर्स कर्मचारी का न्यूनतम वेतन निर्धारण करने पर विस्तार से चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वह संयुक्त परिषद की इस मांग जल्दी ही निर्णय करेंगे. जिसके बाद यह फैसला किया गया है.

क्या है पुरानी पेंशन व्यवस्था: पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का अधिकार दिया जाता है. पुरानी पेंशन सेवानिवृत्त होने वाले वाले कमर्चारी के सेवा के अंतिम महीने की मूल सैलरी का 50 फीसद होती है. यह एक निश्चित फार्मूले के आधार पर होती है. साथ ही ग्रैच्युटी मिलाकर पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्त होने के बाद कमर्चारी सेवारत कमर्चारी की तरह ही महंगाई भत्ते समेत अन्य भत्ते भी पेंशन के साथ जुड़कर मिलते हैं. अगर सरकार महंगाई भत्ता, महंगाई राहत जैसे भत्ते में वृद्धि करती है तो उसका लाभ भी पेंशन भोगी को उसी के अनुसार प्राप्त होगा. पुरानी पेंशन में सरकार कर्मचारी के वेतन से किसी भी प्रकार की कटौती के बिना पूरी पेंशन राशि देती थी.

क्या है नई पेंशन व्यवस्था: नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन का 10 फीसद हिस्सा पेंशन योगदान के लिए काटा जाता है, जिसमें सरकार द्वारा अतिरिक्त 14 फीसद का योगदान देने का ही नियम है. वहीं पुरानी पेंशन योजना के विपरीत नई पेंशन योजना में कोई ग्रैच्युटी शामिल नहीं है. अंतिम पेंशन राशि पूर्व फार्मूले के 50 फीसद मिलने का नियम भी निर्धारित नहीं है. क्योंकि यह शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर रहती है. कहने का आशय है कि सरकार कमर्चारियों के वेतन से काटी गई धनराशि का कुछ हिस्सा निवेश करती है और फिर उसी से आए रिटर्न के अनुसार देने का प्रावधान है.

किसको मिल रहा पुरानी पेंशन योजना का लाभ: पुरानी पेंशन योजना का लाभ उन्ही कमर्चारियों को मिल रहा है, जिनकी नियुक्ति मार्च 2005 तक हुई है. प्रदेश में ऐसे कमर्चारियों की संख्या करीब 11 लाख है जिन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है.

कैबिनेट के फैसले से किसको होगा फायदा: अब जब योगी सरकार ने 28 मार्च 2005 तक या उससे पहले विज्ञापित नौकरियों वाले कमर्चारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिए जाने का आदेश किया है तो इसका लाभ अक्टूबर 2009 तक भर्ती हुए कमर्चारियों को मिलेगा. कई विभागों की नियुक्तियों की प्रक्रिया लंबी चली और वह अक्टूबर 2009 तक पूरी हुई. ऐसे कमर्चारियों की संख्या करीब 50 हजार के आसपास है.

ये भी पढ़ेंः योगी कैबिनेट का पेंशन नीति पर बड़ा फैसला; पुरानी पेंशन सिस्टम का ऑप्शन खुला, गैंगस्टर मामलों में बेल नहीं

Last Updated : Jun 27, 2024, 2:38 PM IST
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