ETV Bharat / state

क्या है बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, इस कैंपेन की क्यों जरूरत पड़ी ?

Child Marriage Free Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में बाल विवाह मुक्त अभियान का आगाज हो गया. छत्तीसगढ़ में आखिर क्यों बाल विवाह मुक्त अभियान चलाने की जरुरत सरकार को पड़ी . CM Vishnu Dev Sai

Child Marriage Free Chhattisgarh Campaign
बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 10, 2024, 7:36 PM IST

Updated : Mar 10, 2024, 8:06 PM IST

रायपुर: महतारी वंदन योजना के मंच से आज एक पंथ दो काज हुए. पहला तो ये हुआ कि पीएम मोदी ने 70 लाख से ज्यादा हितग्राहियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए. दूसरा काम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया. सीएम ने रायपुर के साइंस कालेज ग्राउंड से छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने के अभियान का आगाज किया. सीएम साय ने जैसे ही छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने के अभियान का ऐलान किया तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा रायपुर गूंज उठा.

क्या है बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान: छत्तीसगढ़ बाल विवाह मुक्त अभियान में लोगों को कम उम्र में बेटियों की शादी कराने के नुकसान बताए जाएंगे. लोगों को जागरूक किया जाएगा. प्रचार प्रसार के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि ये अपराध है, पकड़े जाने पर कड़ी सजा मिलेगा. कम उम्र में बेटे बेटियों की शादी करने से उनका मानसिक विकास रुक जाएगा. कम उम्र में मां बनने वाली लड़कियों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. जन्म लेने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है. बस्तर और सरगुजा संभाग में ज्यादातर आदिवासी समाज के लोग रहते हैं. इन संभागों में रहने वाले गरीब घरों में आज भी कम उम्र में बेटे बेटियों की शादी कर दी जाती है. सरकार की कोशिश है कि परिवार को बढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए जो उम्र सीमा तय की गई है उसी सीमा में लोग अपने बेटे बेटियों की शादी करें.

क्यों पड़ी इस कैंपेन की जरूरत: बाल विवाह मुक्त अभियान चलाने के सबसे बड़ा मकसद है बेटियों के भविष्य को बचाना. छत्तीसगढ़ के ट्राइबल बेल्ट वाले इलाकों में आज भी बड़े पैमाने पर छोटी उम्र में बेटियों का का विवाह कर दिया जाता है. कम उम्र में विवाह करने से लड़कियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. कम उम्र में मां बनने के दौरान बेटियों की मौत और नवजात की मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता है. सरकार ये चाहती है कि कम उम्र में होने वाली शादियों के इन दुष्प्रभावों से बेटियों को बचाया जाए. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़ों के अनुसार 20-24 आयु वर्ग की 23.3% महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई.

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आगाज: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाल विवाह रोकने के लिए संकल्प पत्र पर दस्तखत किए. सरकार के इस महत्वाकांक्षी अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के नेतृत्व में किया जाएगा. सरकार को मदद देने के लिए यूनिसेफ सहयोग करेगी. महतारी वंदन योजना के मंच से विष्णु देव साय ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की पत्रिका का विमोचन भी किया. साय ने इस मौके पर मौजूद लोगों को शपथ भी दिलाई. सीएम समेत महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी मौजूद रहीं. सभी ने मंच से एक सुर में बाल विवाह रोकने और लोगों को जागरुक करने की प्रतिज्ञा ली.

सीएम ने किए संकल्प पत्र पर दस्तखत: सीएम सहित कई लोगों ने बाल विवाह रोकने के लिए संकल्प पत्र पर दख्तखत भी किए. दस्तखत करने वाले जनप्रतिनिधियों ने बाल विवाह रोकने, समाज में बाल विवाह की बुराईयों का अंत करने और लोगों को जागरुक करने का प्रण लिया गया.

क्या कहती है राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पांचवी रिपोर्ट: आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ में करीब 12.1 फीसदी लड़कियों का विवाह 18 साल की आयु से पहले हो जाता है. अकेले सूरजपुर में बाल विवाह का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. सूरजपुर जिले में ये आंकड़ा 34.28 फीसदी है. बलरामपुर में बाल विवाह का आंकड़ा 24.60 फीसदी आंकड़ों में है. कोरिया जिले में बाल विवाह का आंकड़ा 22.89 फीसदी है. जशपुर में 21.90 फीसदी है. इन तमाम जिलों में बाल विवाह के चौंकाने वाले आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया. सरकार की इस योजना से बाल विवाह पर प्रतिबंध तो लगेगा ही साथ ही साथ लोग जागरुक भी होंगे.

भारत में अभी भी 5 में से 1 लड़की और 6 में से 1 लड़के की शादी बचपन में ही हो जाती है : लैंसेट
Child Marriage बाल विवाह रोकने महिला बाल विकास की टीम ने गांवों में दी दबिश
Kawardha Bal Vivah: कवर्धा में नाबालिग चढ़ने जा रहा था बाल विवाह की भेंट, प्रशासन ने रोका

रायपुर: महतारी वंदन योजना के मंच से आज एक पंथ दो काज हुए. पहला तो ये हुआ कि पीएम मोदी ने 70 लाख से ज्यादा हितग्राहियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए. दूसरा काम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया. सीएम ने रायपुर के साइंस कालेज ग्राउंड से छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने के अभियान का आगाज किया. सीएम साय ने जैसे ही छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने के अभियान का ऐलान किया तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा रायपुर गूंज उठा.

क्या है बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान: छत्तीसगढ़ बाल विवाह मुक्त अभियान में लोगों को कम उम्र में बेटियों की शादी कराने के नुकसान बताए जाएंगे. लोगों को जागरूक किया जाएगा. प्रचार प्रसार के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि ये अपराध है, पकड़े जाने पर कड़ी सजा मिलेगा. कम उम्र में बेटे बेटियों की शादी करने से उनका मानसिक विकास रुक जाएगा. कम उम्र में मां बनने वाली लड़कियों की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. जन्म लेने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है. बस्तर और सरगुजा संभाग में ज्यादातर आदिवासी समाज के लोग रहते हैं. इन संभागों में रहने वाले गरीब घरों में आज भी कम उम्र में बेटे बेटियों की शादी कर दी जाती है. सरकार की कोशिश है कि परिवार को बढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए जो उम्र सीमा तय की गई है उसी सीमा में लोग अपने बेटे बेटियों की शादी करें.

क्यों पड़ी इस कैंपेन की जरूरत: बाल विवाह मुक्त अभियान चलाने के सबसे बड़ा मकसद है बेटियों के भविष्य को बचाना. छत्तीसगढ़ के ट्राइबल बेल्ट वाले इलाकों में आज भी बड़े पैमाने पर छोटी उम्र में बेटियों का का विवाह कर दिया जाता है. कम उम्र में विवाह करने से लड़कियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है. कम उम्र में मां बनने के दौरान बेटियों की मौत और नवजात की मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता है. सरकार ये चाहती है कि कम उम्र में होने वाली शादियों के इन दुष्प्रभावों से बेटियों को बचाया जाए. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आंकड़ों के अनुसार 20-24 आयु वर्ग की 23.3% महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई.

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आगाज: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाल विवाह रोकने के लिए संकल्प पत्र पर दस्तखत किए. सरकार के इस महत्वाकांक्षी अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के नेतृत्व में किया जाएगा. सरकार को मदद देने के लिए यूनिसेफ सहयोग करेगी. महतारी वंदन योजना के मंच से विष्णु देव साय ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की पत्रिका का विमोचन भी किया. साय ने इस मौके पर मौजूद लोगों को शपथ भी दिलाई. सीएम समेत महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी मौजूद रहीं. सभी ने मंच से एक सुर में बाल विवाह रोकने और लोगों को जागरुक करने की प्रतिज्ञा ली.

सीएम ने किए संकल्प पत्र पर दस्तखत: सीएम सहित कई लोगों ने बाल विवाह रोकने के लिए संकल्प पत्र पर दख्तखत भी किए. दस्तखत करने वाले जनप्रतिनिधियों ने बाल विवाह रोकने, समाज में बाल विवाह की बुराईयों का अंत करने और लोगों को जागरुक करने का प्रण लिया गया.

क्या कहती है राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पांचवी रिपोर्ट: आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ में करीब 12.1 फीसदी लड़कियों का विवाह 18 साल की आयु से पहले हो जाता है. अकेले सूरजपुर में बाल विवाह का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. सूरजपुर जिले में ये आंकड़ा 34.28 फीसदी है. बलरामपुर में बाल विवाह का आंकड़ा 24.60 फीसदी आंकड़ों में है. कोरिया जिले में बाल विवाह का आंकड़ा 22.89 फीसदी है. जशपुर में 21.90 फीसदी है. इन तमाम जिलों में बाल विवाह के चौंकाने वाले आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया. सरकार की इस योजना से बाल विवाह पर प्रतिबंध तो लगेगा ही साथ ही साथ लोग जागरुक भी होंगे.

भारत में अभी भी 5 में से 1 लड़की और 6 में से 1 लड़के की शादी बचपन में ही हो जाती है : लैंसेट
Child Marriage बाल विवाह रोकने महिला बाल विकास की टीम ने गांवों में दी दबिश
Kawardha Bal Vivah: कवर्धा में नाबालिग चढ़ने जा रहा था बाल विवाह की भेंट, प्रशासन ने रोका
Last Updated : Mar 10, 2024, 8:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.