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पश्चिम यूपी में सियासी रार; भाजपा में संजीव बालियान Vs संगीत सोम के बाद सपा में अतुल प्रधान Vs योगेश वर्मा - Atul Pradhan vs Yogesh Verma - ATUL PRADHAN VS YOGESH VERMA

पश्चिमी यूपी में चुनाव बाद भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है. जहां भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं की आपसी रार और खींचतान अभी जहां थमी भी नहीं है कि पश्चिमी यूपी के दो सपा के नेताओं के बीच चल रहा शीतयुद्ध भी सामने आ गया है.आईये जानते हैं कौन हैं ये नेता.

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संजीव बालियान Vs संगीत सोम के बाद अतुल प्रधान Vs योगेश वर्मा. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 11:49 AM IST

Updated : Jun 27, 2024, 3:57 PM IST

मेरठ: भाजपा के दो नेताओं की आपसी रार और खींचतान अभी जहां थमी भी नहीं है कि पश्चिमी यूपी के दो सपा के नेताओं के बीच चल रहा शीतयुद्ध भी सामने आ गया है. बीजेपी के नेता संजीव बालियान और संगीत सोम के बाद अब सपा के नेता पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने मेरठ लोकसभा क्षेत्र से पत्नि सुनीता वर्मा के चुनाव हारने के बाद सपा के सरधना से विधायक अतुल प्रधान पर बड़ा हमला बोला है, जिसके बाद मुजफ्फरनगर के बाद मेरठ में सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

संजीव बालियान और संगीत सोम एक दूसरे पर बोल रहे हमला: जब से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं तब से पश्चिमी यूपी की सियासत में बीजेपी के दो ऐसे नेता जिनका 2014 के दंगों के बाद राजनीति में उदय हुआ, वह एक ही दल में होने के बावजूद एक दूसरे पर हमले बोलते आ रहे हैं. भाजपा में ही यह आपसी तकरार हो ऐसा भी नहीं है, अब तो पश्चिमी यूपी में सपा के भी दो नेताओं की आपसी तकरार भी सार्वजनिक होती दिखाई दे रही है.

यहां हम सबसे पहले बात करेंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर से भाजपा से दो बार सांसद रहे डॉ. संजीव बालियान की, जबकि दूसरे नेता हैं भाजपा के ही दो बार के सरधना से दो बार के विधायक संगीत सोम के बारे में.

अक्सर एक दूसरे पर दोनों नेता कभी इशारों में तो कभी सीधे तौर पर जुबानी हमले बोलते हुए देखे जाते रहे हैं. हाल ही में पिछले दिनों जिस तरह से दोनों नेताओं की चर्चा हो रही थी, वह सभी के सामने है. माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान पूरे मामले पर नजर रखे हुए है.

सपा ने टिकट बदलकर योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता को मैदान में उतारा था: अब बात करते हैं सपा के दो नेताओं की. यह दोनों ही नेता खुद को प्रभावशाली मानकर जनता के लीडर होने का हवाला देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के दरबार में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपनी अपनी दावेदारी को लेकर लखनऊ में डेरा जमाए थे.

यहां खास बात यह है कि दोनों ही नेताओं को नजरअंदाज करके पार्टी हाईकमान ने पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील भानुप्रताप को प्रत्याशी बनाया था. जिसके बाद उनका मेरठ के सभी सपाइयों ने विरोध किया. इस पर पार्टी को प्रत्याशी बदलना पड़ा. एक दूसरे से बड़ा नेता दिखाने में लगे सपा के इन दोनों नेताओं में से अतुल प्रधान का पलड़ा भारी रहा और अपनी पत्नि को मेरठ से लोकसभा प्रत्याशी बनवाने में कामयाब रहे.

अतुल प्रधान ने अपनी पत्नी का पर्चा दाखिल करा दिया था: अगले दिन सपा के सरधना से विधायक अतुल प्रधान ने तब आनन फानन में अपनी पत्नि का पर्चा भी दाखिल करा दिया था. उसके बाद फिर एक घटनाक्रम हुआ और पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नि को नामांकन के जब कुछ ही घंटे शेष बचे थे, प्रत्याशी बना दिया गया. यहां जो खास बात है वह यह है कि पहली बार इन चुनाव में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन सपा ने किया. सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नि सुनीता वर्मा दूसरे नंबर पर रहीं.

सपा गुटबाजी चरम पर: नतीजे आने के बाद से ही सपा में भी फिर एक बार गुटबाजी चरम पर है. पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने अतुल प्रधान का नाम लिए बिना सोशल मीडिया पर फेसबुक पेज पर लाइव आकर बड़े आरोप लगाए हैं. योगेश वर्मा ने कहा है कि "चुनाव में एक सवा लाख वोट ही ले पाए और तीसरे नंबर पर आ गए, जबकि योगेश वर्मा यानी उनकी पत्नी को लोकसभा चुनाव में करीब पांच लाख 36 हजार वोट मिले हैं. मैं इतने लोगों के दिलों पर राज करता हूं, जबकि वो अपनी स्थिति देखें."

मेयर चुनाव में भी हार गई थीं सीमा प्रधान: काबिलेगौर है कि सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को निकाय चुनावों में मेरठ से सपा ने महापौर का प्रत्याशी बनाया था. तब भी पार्टी में खूब कलह थी. कोई भी पार्टी का विधायक और पूर्व विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मेयर का टिकट मिलने से खुश नहीं था. तब हश्र यह हुआ कि सपा से ज्यादा वोट AIMIM की पार्टी के प्रत्याशी को प्राप्त हुए थे.

बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया चुनाव जीत गए थे. उनका मुकाबला एआईएमआईएम के मोहम्मद अनस से ही यहां तब हुआ था. सपा नेता योगेश वर्मा ने सोशल मीडिया पर फेसबुक लाइव आकर सीधे तौर पर बिना नाम लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जो किसी भी सभ्य समाज में बोलने से परहेज किया जाता है.

सुर्खियों में संजीव बालियान और संगीत सोम: फिलहाल जहां अभी संजीव बालियान और संगीत सोम सुर्खियों में थे वहीं अब सपा के मेरठ जिले के दो नेताओं के बीच की खींचतान भी साफ दिखाई दे रही है. इस बारे में अतुल प्रधान से बात करने की कोशिश की तो उनका कहना है कि वह सपा के साथ हैं और 2027 में पार्टी की सरकार हो, उसी को लेकर जनता के बीच रहकर काम कर रहे हैं. अतुल प्रधान ने अपने लिए कहा कि वह सपा के पुराने कार्यकर्ता हैं.

योगेश वर्मा बसपा से सपा में आए: बता दें कि योगेश वर्मा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर हस्तिनापुर से विधायक रहे थे, जबकि बसपा के टिकट पर ही योगेश वर्मा की पत्नि सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर चुनी गई थीं. उसके बाद जब 2022 में विधानसभा के चुनाव होने थे, उससे ठीक पहले अपनी मेयर पत्नि के साथ बसपा को झटका देते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को इस बार सपा के प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने जीत की हैट्रिक से रोक दिया था. हरेंद्र मलिक कड़े मुकाबले में चुनाव जीत गए और सांसद बन गए, जबकि संजीव बालियान को यहां हार का सामना करना पड़ा था. जिस पर संजीव बालियान ने हार के लिए अपनी पार्टी के नेता संगीत सोम को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने संगीत सोम पर आरोप लगाया था कि संगीत सोम ने सपा के प्रत्याशी को चुनाव लड़वाया था.

इसके बाद फिर अगले दिन इन आरोपों को निराधार बताते हुए संगीत सोम ने सफाई दी थी, जिस वक्त वह अपने घर पर संजीव बालियान के आरोपों पर अपनी बात रख रहे थे. उसी वक्त एक दो पन्ने का प्रेस नोट भी वहां वितरित किया गया था, जिसमें संजीव बालियान पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. बाद में संगीत सोम ने उनके लेटर हेड पर संजीव बालियान पर लगाए गंभीर आरोपों के मामले में मीडिया को कहा था कि उन्हें नहीं पता की उनके लेटर हेड पर जो आरोप लगाए गए हैं किसने लगाए हैं और किसने वह प्रपत्र बांटे हैं.

संजीव बालियान ने खुद पर लगे गंभीर आरोपों की जांच की मांग भी की हुई है. संगीत सोम ने उनकी प्रेसवार्ता में बांटे गए लेटर हेड को लेकर अपना बचाव करते हुए लालकुर्ती थाने में तहरीर भी दी है. यहां कमाल की बात यह है कि संगीत सोम मेरठ के सबसे सुरक्षित जोन में रहते हैं. ऐसे में उनकी कोठी में किसी और के द्वारा संजीव बालियान के ऊपर गंभीर आरोप लगाने का प्रेस नोट बांटना किसी के भी गले नहीं उतर रहा है.

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मेरठ: भाजपा के दो नेताओं की आपसी रार और खींचतान अभी जहां थमी भी नहीं है कि पश्चिमी यूपी के दो सपा के नेताओं के बीच चल रहा शीतयुद्ध भी सामने आ गया है. बीजेपी के नेता संजीव बालियान और संगीत सोम के बाद अब सपा के नेता पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने मेरठ लोकसभा क्षेत्र से पत्नि सुनीता वर्मा के चुनाव हारने के बाद सपा के सरधना से विधायक अतुल प्रधान पर बड़ा हमला बोला है, जिसके बाद मुजफ्फरनगर के बाद मेरठ में सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

संजीव बालियान और संगीत सोम एक दूसरे पर बोल रहे हमला: जब से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं तब से पश्चिमी यूपी की सियासत में बीजेपी के दो ऐसे नेता जिनका 2014 के दंगों के बाद राजनीति में उदय हुआ, वह एक ही दल में होने के बावजूद एक दूसरे पर हमले बोलते आ रहे हैं. भाजपा में ही यह आपसी तकरार हो ऐसा भी नहीं है, अब तो पश्चिमी यूपी में सपा के भी दो नेताओं की आपसी तकरार भी सार्वजनिक होती दिखाई दे रही है.

यहां हम सबसे पहले बात करेंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर से भाजपा से दो बार सांसद रहे डॉ. संजीव बालियान की, जबकि दूसरे नेता हैं भाजपा के ही दो बार के सरधना से दो बार के विधायक संगीत सोम के बारे में.

अक्सर एक दूसरे पर दोनों नेता कभी इशारों में तो कभी सीधे तौर पर जुबानी हमले बोलते हुए देखे जाते रहे हैं. हाल ही में पिछले दिनों जिस तरह से दोनों नेताओं की चर्चा हो रही थी, वह सभी के सामने है. माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान पूरे मामले पर नजर रखे हुए है.

सपा ने टिकट बदलकर योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता को मैदान में उतारा था: अब बात करते हैं सपा के दो नेताओं की. यह दोनों ही नेता खुद को प्रभावशाली मानकर जनता के लीडर होने का हवाला देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के दरबार में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपनी अपनी दावेदारी को लेकर लखनऊ में डेरा जमाए थे.

यहां खास बात यह है कि दोनों ही नेताओं को नजरअंदाज करके पार्टी हाईकमान ने पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील भानुप्रताप को प्रत्याशी बनाया था. जिसके बाद उनका मेरठ के सभी सपाइयों ने विरोध किया. इस पर पार्टी को प्रत्याशी बदलना पड़ा. एक दूसरे से बड़ा नेता दिखाने में लगे सपा के इन दोनों नेताओं में से अतुल प्रधान का पलड़ा भारी रहा और अपनी पत्नि को मेरठ से लोकसभा प्रत्याशी बनवाने में कामयाब रहे.

अतुल प्रधान ने अपनी पत्नी का पर्चा दाखिल करा दिया था: अगले दिन सपा के सरधना से विधायक अतुल प्रधान ने तब आनन फानन में अपनी पत्नि का पर्चा भी दाखिल करा दिया था. उसके बाद फिर एक घटनाक्रम हुआ और पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नि को नामांकन के जब कुछ ही घंटे शेष बचे थे, प्रत्याशी बना दिया गया. यहां जो खास बात है वह यह है कि पहली बार इन चुनाव में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन सपा ने किया. सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नि सुनीता वर्मा दूसरे नंबर पर रहीं.

सपा गुटबाजी चरम पर: नतीजे आने के बाद से ही सपा में भी फिर एक बार गुटबाजी चरम पर है. पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने अतुल प्रधान का नाम लिए बिना सोशल मीडिया पर फेसबुक पेज पर लाइव आकर बड़े आरोप लगाए हैं. योगेश वर्मा ने कहा है कि "चुनाव में एक सवा लाख वोट ही ले पाए और तीसरे नंबर पर आ गए, जबकि योगेश वर्मा यानी उनकी पत्नी को लोकसभा चुनाव में करीब पांच लाख 36 हजार वोट मिले हैं. मैं इतने लोगों के दिलों पर राज करता हूं, जबकि वो अपनी स्थिति देखें."

मेयर चुनाव में भी हार गई थीं सीमा प्रधान: काबिलेगौर है कि सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को निकाय चुनावों में मेरठ से सपा ने महापौर का प्रत्याशी बनाया था. तब भी पार्टी में खूब कलह थी. कोई भी पार्टी का विधायक और पूर्व विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मेयर का टिकट मिलने से खुश नहीं था. तब हश्र यह हुआ कि सपा से ज्यादा वोट AIMIM की पार्टी के प्रत्याशी को प्राप्त हुए थे.

बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया चुनाव जीत गए थे. उनका मुकाबला एआईएमआईएम के मोहम्मद अनस से ही यहां तब हुआ था. सपा नेता योगेश वर्मा ने सोशल मीडिया पर फेसबुक लाइव आकर सीधे तौर पर बिना नाम लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जो किसी भी सभ्य समाज में बोलने से परहेज किया जाता है.

सुर्खियों में संजीव बालियान और संगीत सोम: फिलहाल जहां अभी संजीव बालियान और संगीत सोम सुर्खियों में थे वहीं अब सपा के मेरठ जिले के दो नेताओं के बीच की खींचतान भी साफ दिखाई दे रही है. इस बारे में अतुल प्रधान से बात करने की कोशिश की तो उनका कहना है कि वह सपा के साथ हैं और 2027 में पार्टी की सरकार हो, उसी को लेकर जनता के बीच रहकर काम कर रहे हैं. अतुल प्रधान ने अपने लिए कहा कि वह सपा के पुराने कार्यकर्ता हैं.

योगेश वर्मा बसपा से सपा में आए: बता दें कि योगेश वर्मा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर हस्तिनापुर से विधायक रहे थे, जबकि बसपा के टिकट पर ही योगेश वर्मा की पत्नि सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर चुनी गई थीं. उसके बाद जब 2022 में विधानसभा के चुनाव होने थे, उससे ठीक पहले अपनी मेयर पत्नि के साथ बसपा को झटका देते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को इस बार सपा के प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने जीत की हैट्रिक से रोक दिया था. हरेंद्र मलिक कड़े मुकाबले में चुनाव जीत गए और सांसद बन गए, जबकि संजीव बालियान को यहां हार का सामना करना पड़ा था. जिस पर संजीव बालियान ने हार के लिए अपनी पार्टी के नेता संगीत सोम को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने संगीत सोम पर आरोप लगाया था कि संगीत सोम ने सपा के प्रत्याशी को चुनाव लड़वाया था.

इसके बाद फिर अगले दिन इन आरोपों को निराधार बताते हुए संगीत सोम ने सफाई दी थी, जिस वक्त वह अपने घर पर संजीव बालियान के आरोपों पर अपनी बात रख रहे थे. उसी वक्त एक दो पन्ने का प्रेस नोट भी वहां वितरित किया गया था, जिसमें संजीव बालियान पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. बाद में संगीत सोम ने उनके लेटर हेड पर संजीव बालियान पर लगाए गंभीर आरोपों के मामले में मीडिया को कहा था कि उन्हें नहीं पता की उनके लेटर हेड पर जो आरोप लगाए गए हैं किसने लगाए हैं और किसने वह प्रपत्र बांटे हैं.

संजीव बालियान ने खुद पर लगे गंभीर आरोपों की जांच की मांग भी की हुई है. संगीत सोम ने उनकी प्रेसवार्ता में बांटे गए लेटर हेड को लेकर अपना बचाव करते हुए लालकुर्ती थाने में तहरीर भी दी है. यहां कमाल की बात यह है कि संगीत सोम मेरठ के सबसे सुरक्षित जोन में रहते हैं. ऐसे में उनकी कोठी में किसी और के द्वारा संजीव बालियान के ऊपर गंभीर आरोप लगाने का प्रेस नोट बांटना किसी के भी गले नहीं उतर रहा है.

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Last Updated : Jun 27, 2024, 3:57 PM IST
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