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सिकराय में अनोखी शादी: 17 मिनट में मंत्र सुनाकर पूरी होती है शादी की रस्म, दहेज और फिजूलखर्ची रोकना है उद्देश्य - marriage in 17 minutes sans dowry - MARRIAGE IN 17 MINUTES SANS DOWRY

दौसा के सिकराय में महज 17 मिनट में मंत्र सुनाकर शादी संपन्न हुई है. इस दौरान दूल्हे पक्ष की ओर से दहेज नहीं लिया गया और ना ही दुल्हन पक्ष ने किसी प्रकार का अतिरिक्त खर्चा किया.

marriage in 17 minutes sans dowry
सिकराय में सिर्फ 17 मिनट में हुई शादी (ETV Bharat Dausa)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 23, 2024, 4:34 PM IST

दौसा. जिला लगातार शादी की अनोखी रश्मों के लिए लगातार चर्चा में बना रहता है. पिछले दिनों जिले में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी में घर आए बाराती और अन्य मेहमानों को पौधे वितरित किए थे. वहीं गत दिनों दौसा जिले में एक ओर अनोखी शादी का मामला सामने आया है. इस दौरान महज 17 मिनट में शादी की रश्मों को पूरा कर दूल्हा और दुल्हन शादी के बंधन में बंध जाते हैं. दरअसल, मामला दौसा जिले के सिकराय उपखंड में 19 मई है. दूल्हा और दुल्हन के परिजनों ने बताया कि इस शादी का प्रमुख उद्देश्य समाज से दहेज प्रथा को समाप्त करना और फिजूलखर्ची रोककर समाज को एक नई दिशा प्रदान करना है.

पढ़ें: प्यार के लिए तोड़ी मजहब की दीवार, विधवा प्रेमिका के लिए सईद ने अपनाया हिंदू धर्म, सतीश बन लिए फेरे

साधारण तरीके से बारात लेकर पहुंचे: बता दें कि जिले के सिकराय उपखंड के रहने वाले महेश योगी की दो बेटी हिना और निशा का विवाह खेड़ली निवासी कमल योगी के पुत्र सचिन और सौरभ के साथ तय हुआ था. दोनों ही परिवार दहेज प्रथा और फिजूलखर्ची के खिलाफ थे. इसके चलते दोनों पक्षों की सहमति के बाद इस अनोखी शादी का फैसला दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोगों ने लिया. यहां दूल्हा पक्ष के लोग साधारण तरीके से दुल्हन पक्ष के यहां पहुंचे. दुल्हन पक्ष की ओर से भी फिजुलकर्ची नहीं की गई.

पढ़ें: Rajasthan : बांसवाड़ा में अनोखी शादी ! मंडप एक, दूल्हा एक पर पत्नियां दो, जानें पूरा मामला

एक दुल्हन का पति सरकारी शिक्षक: इस शादी के बारे में संत रामपाल का कहना है कि एक पिता बेटी के जन्म से ही पाई-पाई जोड़कर उसकी शादी के लिए पैसे जमा करने में लग जाता है. ताकि वह दहेज देकर अपनी बेटी को अच्छे घर में भेज सके. लेकिन आज के युग में बेटा-बेटी एक समान है. उन्हें दहेज की कोई जरूरत नहीं हैं. दूल्हों के पिता कमल बताते हैं कि सिकराय निवासी महेश की दो बेटियों हिना और निशा हैं. जिनका विवाह मेरे बेटे सचिन और सौरभ के साथ में हुआ है. सौरभ सरकारी शिक्षक है और तिजारा में शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दे रहा है. ऐसे में सरकारी शिक्षक होने के बावजूद भी उन्होंने किसी भी प्रकार का दहेज नहीं लिया है.

पढ़ें: Rajasthan : किसान के बेटे की बारात निकली 51 ट्रैक्टर पर

17 मिनट में ऐसे होती है शादी: इस अनोखी शादी के बारे में परिवारजनों ने बताया कि शादी के रस्मों के दौरान संत रामपाल के मंत्र दूल्हा-दुल्हन को सुनाए जाते हैं. साथ ही 36 कोटि देवी-देवताओं के मंत्र भी दूल्हा-दुल्हन को सुनाए जाते हैं. मंत्र संपन्न होने के साथी ही शादी भी संपन्न होती जाती है. इस शादी में दुल्हन और दूल्हा सज धज कर नहीं पहुंचते हैं. इस दौरान शादी समारोह में दूल्हा और दुल्हन पक्ष के अधिकतम 50 लोग शामिल होते हैं. जिससे शादी में किसी भी प्रकार का खर्चा नहीं हो और सुख शांति से शादी संपन्न हो.

दौसा. जिला लगातार शादी की अनोखी रश्मों के लिए लगातार चर्चा में बना रहता है. पिछले दिनों जिले में एक पिता ने अपनी बेटी की शादी में घर आए बाराती और अन्य मेहमानों को पौधे वितरित किए थे. वहीं गत दिनों दौसा जिले में एक ओर अनोखी शादी का मामला सामने आया है. इस दौरान महज 17 मिनट में शादी की रश्मों को पूरा कर दूल्हा और दुल्हन शादी के बंधन में बंध जाते हैं. दरअसल, मामला दौसा जिले के सिकराय उपखंड में 19 मई है. दूल्हा और दुल्हन के परिजनों ने बताया कि इस शादी का प्रमुख उद्देश्य समाज से दहेज प्रथा को समाप्त करना और फिजूलखर्ची रोककर समाज को एक नई दिशा प्रदान करना है.

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साधारण तरीके से बारात लेकर पहुंचे: बता दें कि जिले के सिकराय उपखंड के रहने वाले महेश योगी की दो बेटी हिना और निशा का विवाह खेड़ली निवासी कमल योगी के पुत्र सचिन और सौरभ के साथ तय हुआ था. दोनों ही परिवार दहेज प्रथा और फिजूलखर्ची के खिलाफ थे. इसके चलते दोनों पक्षों की सहमति के बाद इस अनोखी शादी का फैसला दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोगों ने लिया. यहां दूल्हा पक्ष के लोग साधारण तरीके से दुल्हन पक्ष के यहां पहुंचे. दुल्हन पक्ष की ओर से भी फिजुलकर्ची नहीं की गई.

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एक दुल्हन का पति सरकारी शिक्षक: इस शादी के बारे में संत रामपाल का कहना है कि एक पिता बेटी के जन्म से ही पाई-पाई जोड़कर उसकी शादी के लिए पैसे जमा करने में लग जाता है. ताकि वह दहेज देकर अपनी बेटी को अच्छे घर में भेज सके. लेकिन आज के युग में बेटा-बेटी एक समान है. उन्हें दहेज की कोई जरूरत नहीं हैं. दूल्हों के पिता कमल बताते हैं कि सिकराय निवासी महेश की दो बेटियों हिना और निशा हैं. जिनका विवाह मेरे बेटे सचिन और सौरभ के साथ में हुआ है. सौरभ सरकारी शिक्षक है और तिजारा में शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दे रहा है. ऐसे में सरकारी शिक्षक होने के बावजूद भी उन्होंने किसी भी प्रकार का दहेज नहीं लिया है.

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17 मिनट में ऐसे होती है शादी: इस अनोखी शादी के बारे में परिवारजनों ने बताया कि शादी के रस्मों के दौरान संत रामपाल के मंत्र दूल्हा-दुल्हन को सुनाए जाते हैं. साथ ही 36 कोटि देवी-देवताओं के मंत्र भी दूल्हा-दुल्हन को सुनाए जाते हैं. मंत्र संपन्न होने के साथी ही शादी भी संपन्न होती जाती है. इस शादी में दुल्हन और दूल्हा सज धज कर नहीं पहुंचते हैं. इस दौरान शादी समारोह में दूल्हा और दुल्हन पक्ष के अधिकतम 50 लोग शामिल होते हैं. जिससे शादी में किसी भी प्रकार का खर्चा नहीं हो और सुख शांति से शादी संपन्न हो.

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