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दुल्हनिया हम ले जाएंगे..! देखिए बिहार के बाढ़ में नाव वाली शादी का नजारा - Flood in bihar

Flood in Raghopur Diara किसी के भी जीवन में सबसे उत्साह का पल उसकी शादी का होता है. दुल्हनिया लाने का उत्साह बेहद खास होता है. लेकिन जब इसी उत्साह पर डर हावी हो जाए तो क्या कहेंगे. कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में जहां नाव से दूल्हे को बाराती समेत दुल्हनिया लाने जाना पड़ा. कह सकते हैं कि...शादी की खुशियों की लहरें, बाढ़ के पानी से भी ऊंची हैं. पढ़ें, विस्तार से.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 15, 2024, 10:56 PM IST

नाव से जाती बारात.
नाव से जाती बारात. (ETV Bharat)
नाव से बारात ले जाना मजबूरी है. (ETV Bharat)

वैशालीः बिहार के वैशाली में नाव पर बारातियों को ले जाया जा रहा है. यह बिहार के विकास की पोल खोलती तस्वीर है. यह इलाका वीआईपी नेताओं का क्षेत्र रहा है. दरअसल, यहां के विधायक पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. इनसे पहले लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी भी यहां से विधायक रह चुकीं हैं. लालू और राबड़ी तो मुख्यमंत्री भी रहे थे. इसके बाद भी यह इलाका टापू की तरह है. यहां नाव पर लोग शादी के लिए जाने को मजबूर हैं.

क्या है मामलाः राघोपुर के रहने वाले गजेंद्र कुमार की शादी वैशाली के महनार स्थित गांव में तय की गई है. नदी में पानी बढ़ने के कारण पीपा पुल खोल दिया गया. फिर बारातियों को नाव से बारात जाना पड़ा. नाव पर ही दूल्हे की गाड़ी और दूल्हा समेत बड़ी संख्या में बाराती सवार हुए. इस बाबत पूछे जाने पर गजेंद्र ने कहा कि दुल्हन लाने का उत्साह तो भरपूर है, लेकिन नाव से बारात जाने की मजबूरी भी है. जिससे डर भी लग रहा है, लेकिन उपाय भी क्या है. शादी करनी है तो बारात ले जाना पड़ेगा और इसके लिए मध्यम सिर्फ नाव ही है.

"दुल्हन लाने का उत्साह तो भरपूर है लेकिन साथ ही नाव से बारात जाने की मजबूरी भी है. जिससे डर का माहौल बना हुआ है. लेकिन उपाय भी क्या है शादी करनी है तो बरात ले जाना पड़ेगा और इसके लिए मध्यम सिर्फ नाव ही है" - गजेंद्र कुमार दूल्हा, राघोपुर

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसाः पीपा पुल खुलने के बाद कच्ची दरगाह से लेकर राघोपुर जाने का जो रास्ता है उसके लिए एकमात्र माध्यम नाव ही है. जिसके सहारे लोगों का आना जाना होता है. लेकिन इन दिनों जितनी भी नाव यहां चल रही है सभी पर ओवरलोडिंग है. वीडियो में साथ तौर से देखा जा सकता है कि क्षमता से कहीं ज्यादा लोग नाव पर सवारी कर रहे हैं, जबकि नदी की धारा बेहद तेज है. ऐसे में कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है.

टापू की तरह है राघोपुरः दरअसल वैशाली जिला में पड़ने वाला राघोपुर विधानसभा क्षेत्र किसी टापू से काम नहीं है. इसके एक और बिहार की राजधानी पटना है दूसरी ओर वैशाली. इसका एक छोड़ सारण जिले से मिलता है तो दूसरा सिरा समस्तीपुर जिले से. राघोपुर के चारों तरफ गंगा नदी बहती है. यही कारण है कि राघोपुर एक टापू की तरह बन जाता है, जो आज भी विकास की वाट जोह रहा है.

इसे भी पढ़ेंः इनकी मार्केट में जोरदार डिमांड, अब तक करा चुके हैं 1000 दहेज मुक्त शादी, मिलिए बिहार के 'शादीराम' से - Shadiram of Bihar

इसे भी पढ़ेंः भागलपुर की शादी में फायरिंग, दूल्हा बोला- 'सेहरा बांध कर आए थे, कंधे पर मौसा जी का लाश लेकर जा रहे हैं' - Firing In Bhagalpur

नाव से बारात ले जाना मजबूरी है. (ETV Bharat)

वैशालीः बिहार के वैशाली में नाव पर बारातियों को ले जाया जा रहा है. यह बिहार के विकास की पोल खोलती तस्वीर है. यह इलाका वीआईपी नेताओं का क्षेत्र रहा है. दरअसल, यहां के विधायक पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं. इनसे पहले लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी भी यहां से विधायक रह चुकीं हैं. लालू और राबड़ी तो मुख्यमंत्री भी रहे थे. इसके बाद भी यह इलाका टापू की तरह है. यहां नाव पर लोग शादी के लिए जाने को मजबूर हैं.

क्या है मामलाः राघोपुर के रहने वाले गजेंद्र कुमार की शादी वैशाली के महनार स्थित गांव में तय की गई है. नदी में पानी बढ़ने के कारण पीपा पुल खोल दिया गया. फिर बारातियों को नाव से बारात जाना पड़ा. नाव पर ही दूल्हे की गाड़ी और दूल्हा समेत बड़ी संख्या में बाराती सवार हुए. इस बाबत पूछे जाने पर गजेंद्र ने कहा कि दुल्हन लाने का उत्साह तो भरपूर है, लेकिन नाव से बारात जाने की मजबूरी भी है. जिससे डर भी लग रहा है, लेकिन उपाय भी क्या है. शादी करनी है तो बारात ले जाना पड़ेगा और इसके लिए मध्यम सिर्फ नाव ही है.

"दुल्हन लाने का उत्साह तो भरपूर है लेकिन साथ ही नाव से बारात जाने की मजबूरी भी है. जिससे डर का माहौल बना हुआ है. लेकिन उपाय भी क्या है शादी करनी है तो बरात ले जाना पड़ेगा और इसके लिए मध्यम सिर्फ नाव ही है" - गजेंद्र कुमार दूल्हा, राघोपुर

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसाः पीपा पुल खुलने के बाद कच्ची दरगाह से लेकर राघोपुर जाने का जो रास्ता है उसके लिए एकमात्र माध्यम नाव ही है. जिसके सहारे लोगों का आना जाना होता है. लेकिन इन दिनों जितनी भी नाव यहां चल रही है सभी पर ओवरलोडिंग है. वीडियो में साथ तौर से देखा जा सकता है कि क्षमता से कहीं ज्यादा लोग नाव पर सवारी कर रहे हैं, जबकि नदी की धारा बेहद तेज है. ऐसे में कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है.

टापू की तरह है राघोपुरः दरअसल वैशाली जिला में पड़ने वाला राघोपुर विधानसभा क्षेत्र किसी टापू से काम नहीं है. इसके एक और बिहार की राजधानी पटना है दूसरी ओर वैशाली. इसका एक छोड़ सारण जिले से मिलता है तो दूसरा सिरा समस्तीपुर जिले से. राघोपुर के चारों तरफ गंगा नदी बहती है. यही कारण है कि राघोपुर एक टापू की तरह बन जाता है, जो आज भी विकास की वाट जोह रहा है.

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