कोटा. प्रदेश में सर्दी का सितम दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है और आज भीषण कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड पड़ रही है. हालात ऐसे हैं कि ओस की बूंदे पेड़ पर जाले की तरह जमकर बर्फ में बदल गई है. दूसरी तरफ विजिबिलिटी भी 30 मीटर से कम हो गई है. ऐसे में वाहन चालकों को खासी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
गुरुवार को जहां मैक्सिमम विजिबिलिटी 100 मीटर के आसपास थी, यह गिरकर शुक्रवार सुबह 30 मीटर से कम रह गई है. इसके चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है. गुरुवार को जहां पर न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस था, इसमें गिरावट के साथ यह 8.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. इसमें 0.6 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है.
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बादल छाए रहने से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी जरूर हुई है, गुरुवार को जहां पर अधिकतम तापमान 13.7 डिग्री सेल्सियस था, इसमें 4.8 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ यह 18.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. भीषण ठंड के चलते लोगों की धूजणी छूट रही है और अलाव तापने को वह मजबूर हो रहे हैं. कोहरे के चलते रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है. करीब एक दर्जन ट्रेनें तय समय से देरी से चल रही है. इनमें अवध एक्सप्रेस बरौनी से बांद्रा 4 घंटे, नई दिल्ली इंदौर 12416 ट्रेन 2 घंटे 20 मिनट, ट्रेन नंबर 15668 कामाख्या -गांधीधाम एक घंटा 50 मिनट, ट्रेन नंबर 12904 अमृतसर- मुंबई सेंट्रल गोल्डन टेंपल मेल एक घंटा, देहरादून -कोटा -नंदा देवी 2 घंटे, पटना -कोटा 3 घंटे, 12964 उदयपुर- निजामुद्दीन मेवाड़ एक्सप्रेस ढाई घंटे देरी से चल रही है. नई दिल्ली सोगरिया 20452 ट्रेन को नई दिल्ली से 2 घंटे 50 मिनट रीशेड्यूल किया गया है.
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वहीं, वाहन चालक हाईवे और अन्य सड़कों पर भी धीमी गति से गाड़ी चला रहे हैं, क्योंकि कोहरे के कारण विजिबिलिटी कम हो गई है और दुर्घटना का खतरा बना हुआ है. अधिकांश चालक हेडलाइट जलाकर ही गाड़ी चला रहे हैं ताकि दुर्घटना से बचा जा सके. खासकर सुबह के वक्त सफाई कर्मी, दूध सप्लायर और अखबार वितरकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लगातार दो दिनों से कोहरा छा रहा है. ऐसे में पाला पढ़ने का भी खतरा बना हुआ है. इससे गेहूं, चने और आलू की फसल को नुकसान की संभावना बनी हुई है.