नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि वह मुस्लिम महिलाओं का गुजारा भत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा. बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि इसके अलावा मुस्लिम बोर्ड उत्तराखंड में पारित समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को भी चुनौती देगा. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज रविवार को हुई कार्यसमिति की बैठक में आठ प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.
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बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, वह शरिया कानून से कॉन्फ्लिक्ट करता है. मुसलमानों में शरिया कानून मानने की पाबंदी है. वह ऐसा कोई भी काम नहीं कर सकता, जो शरिया से कॉन्फ्लिक्ट करता हो. हमने ये महसूस किया है कि हिंदुओं के लिए हिंदू कोड बिल है, मुसलमानों के लिए शरिया लॉ है. संविधान में मजहब के तहत जिंदगी गुजारे का मौलिक अधिकार है. इस जजमेंट से औरतों को नुकसान होगा. प्रस्ताव में ये बात आई है कि बोर्ड इसकी कोशिश करेगा कि कैसे इस फैसले को रोल बैक किया जाए.
उत्तराखंड के UCC को करेंगे चैलेंज
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(AIMPLB) की बैठक में उत्तराखंड में लागू हुए UCC को लेकर भी प्रस्ताव लाया गया है. बोर्ड के प्रवक्ता का कहना है कि UCC भारत की विविधता को खत्म करता है. उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड के UCC को बहुत जल्द चैलेंज करेंगे. बोर्ड का कहना है कि UCC के सिलसिले में अगर केंद्र या कोई राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ती है तो इससे बचना चाहिए.
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