ETV Bharat / state

इमरजेंसी में मरीज की नस खोजने को बार-बार सुई चुभाने की समस्या खत्म, ऐसे होगा इलाज - Wave Winner torch - WAVE WINNER TORCH

वेन विवर से गुम नसों की पहचान आसानी से होगी. अल्ट्रावाइलेंट किरणों से नसों की सही स्थिति और स्थान का चलेगा पता.

Etv Bharat
वेन विवर से गुम नसों की होगी पहचान (photo credit- Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 9:30 AM IST

लखनऊ: अब इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीजों की नसों को खोजने के बार-बार निडिल चुभाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वेन विवर (खास तरह की टॉर्च) से गुम नसों की पहचान की जा सकेगी. नतीजतन एक बार में खून का नमूना लेने और ग्लूकोज समेत दूसरी दवाओं को चढ़ाई जा सकेंगी. यह जानकारी केजीएमयू इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. हैदर अब्बास ने दी.वह शुक्रवार को शताब्दी फ्रेज दो स्थित विभाग में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. हैदर अब्बास ने बताया, कि शनिवार से दो दिवसीय नैमीकॉन कान्फ्रेंस शुरू होगी. जिसमें दुनिया भर के 600 से अधिक डॉक्टर शिरकत करेंगे. अटल बिहारी वाजपेई सांइटिफिक कन्वेंशन सेंटर में कान्फ्रेंस का शुभारंभ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक करेंगे. डॉ. हैदर अब्बास ने बताया, कि स्ट्रोक समेत दूसरी गंभीर बीमारी में इमरजेंसी में लाए गए मरीज की हालत बेहद गंभीर होती है. मरीज की जिंदगी के लिए एक-एक मिनट अहम होता है. ऐसे मरीजों का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. कई बार मरीज शॉक में आ जाते हैं. इसकी वजह से वैस्कुलर सिस्टम प्रभावित होता है. ऐसे में नसें खोजना मुश्किल होता है.

इसे भी पढ़े-अब साउथ इंडिया की तरह लखनऊ में भी ट्रांसप्लांट होंगे लंग्स, केजीएमयू में हो रही तैयारी - Deputy CM Brajesh Pathak in KGMU

डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ खून का नमूना एकत्र करने और दवा चढ़ाने के लिए नसों को खोजते हैं. बार-बार निडिल चुभोनी पड़ती है. ऐसे में टॉर्च की तरह खास उपकरण से नसों की तलाश आसानी से की जा सकती है. वेन विवर से निकलने वाली अल्ट्रावाइलेंट किरण नसों की सही स्थिति और स्थान बता देती है.

ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. प्रेमराज ने बताया, कि स्ट्रोक के मरीजों की जिंदगी के लिए तीन से साढ़े चार घंटे अहम होते है. इस दौरान इलाज शुरू होने से मरीज की जान बचने की उम्मीद बढ़ जाती है. लेकिन, अभी भी लोग स्ट्रोक हुआ है इसे शुरूआत में नहीं मानते हैं. उन्होंने बताया कि कान्फ्रेंस में सात विषयों पर व्याख्यान होंगे.

इसमें ऑस्ट्रेलिया से इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. अमन आनंद, नेपाल से डॉ. अजय सिंह थापा, भूटान से डॉ. सोना प्रधान, हैदराबाद से डॉ. इमरान सुभान, एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह, एम्स गुवाहाटी के निदेशक डॉ. अशोक पुरानिक और रायबरेली एम्स के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी, डॉ. अहसान सिद्दीकी डॉ. मुकेश उपस्थित होंगे.

यह भी पढ़े-KGMU ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए नई कमेटी गठित, पुरानी टीम की छुट्टी - KGM Trauma Center

लखनऊ: अब इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीजों की नसों को खोजने के बार-बार निडिल चुभाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वेन विवर (खास तरह की टॉर्च) से गुम नसों की पहचान की जा सकेगी. नतीजतन एक बार में खून का नमूना लेने और ग्लूकोज समेत दूसरी दवाओं को चढ़ाई जा सकेंगी. यह जानकारी केजीएमयू इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. हैदर अब्बास ने दी.वह शुक्रवार को शताब्दी फ्रेज दो स्थित विभाग में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. हैदर अब्बास ने बताया, कि शनिवार से दो दिवसीय नैमीकॉन कान्फ्रेंस शुरू होगी. जिसमें दुनिया भर के 600 से अधिक डॉक्टर शिरकत करेंगे. अटल बिहारी वाजपेई सांइटिफिक कन्वेंशन सेंटर में कान्फ्रेंस का शुभारंभ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक करेंगे. डॉ. हैदर अब्बास ने बताया, कि स्ट्रोक समेत दूसरी गंभीर बीमारी में इमरजेंसी में लाए गए मरीज की हालत बेहद गंभीर होती है. मरीज की जिंदगी के लिए एक-एक मिनट अहम होता है. ऐसे मरीजों का ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. कई बार मरीज शॉक में आ जाते हैं. इसकी वजह से वैस्कुलर सिस्टम प्रभावित होता है. ऐसे में नसें खोजना मुश्किल होता है.

इसे भी पढ़े-अब साउथ इंडिया की तरह लखनऊ में भी ट्रांसप्लांट होंगे लंग्स, केजीएमयू में हो रही तैयारी - Deputy CM Brajesh Pathak in KGMU

डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ खून का नमूना एकत्र करने और दवा चढ़ाने के लिए नसों को खोजते हैं. बार-बार निडिल चुभोनी पड़ती है. ऐसे में टॉर्च की तरह खास उपकरण से नसों की तलाश आसानी से की जा सकती है. वेन विवर से निकलने वाली अल्ट्रावाइलेंट किरण नसों की सही स्थिति और स्थान बता देती है.

ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. प्रेमराज ने बताया, कि स्ट्रोक के मरीजों की जिंदगी के लिए तीन से साढ़े चार घंटे अहम होते है. इस दौरान इलाज शुरू होने से मरीज की जान बचने की उम्मीद बढ़ जाती है. लेकिन, अभी भी लोग स्ट्रोक हुआ है इसे शुरूआत में नहीं मानते हैं. उन्होंने बताया कि कान्फ्रेंस में सात विषयों पर व्याख्यान होंगे.

इसमें ऑस्ट्रेलिया से इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. अमन आनंद, नेपाल से डॉ. अजय सिंह थापा, भूटान से डॉ. सोना प्रधान, हैदराबाद से डॉ. इमरान सुभान, एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह, एम्स गुवाहाटी के निदेशक डॉ. अशोक पुरानिक और रायबरेली एम्स के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी, डॉ. अहसान सिद्दीकी डॉ. मुकेश उपस्थित होंगे.

यह भी पढ़े-KGMU ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए नई कमेटी गठित, पुरानी टीम की छुट्टी - KGM Trauma Center

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.