बेतियाः बिहार में बाढ़ आने का सिलसिला शुरू हो गया है. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से छोड़ा गया पानी अब ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही मचा रखा है. बेतिया जिले के नौतन प्रखंड के कई गांव इसकी चपेट में आ गए हैं. गांव टापू में बदल गया है. गांव के चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. जिस कारण लोग गांव में ही फंसे हुए हैं.
घर छोड़कर जा रहे लोगः जिस तरह से गंडक बराज से आज पानी छोड़ा गया है. ऐसे में स्थिति विकराल होती जा रही है. 24 घंटे के अंदर गांव के लोग अपना घर छोड़कर पलायन कर जाएंगे. नौतन प्रखंड का भगवानपुर पंचायत का विशंभरपुर गांव का वार्ड नंबर 4 पूरी तरह से टापू बन गया है. ग्रामीण राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं लेकिन अभी तक जिला प्रशासन ने राहत सामग्री नहीं भेजी है.
पुल और सड़क नहींः हर साल बाढ़ की समस्या झेल रहे ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. अब खाने पीने की भी समस्या हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि दशकों से इस तरह की समस्या है. सरकार एक पुल या रोड़ नहीं बनवा रही है. गांव में किसी की तबियत बिगड़ जाये तो वह भगवान भरोसे है. ऊपर से बाढ़ के समय काफी समस्या होती है.
1500 आबादी प्रभावितः बता दें की नौतन प्रखंड का भगवानपुर पंचायत का यह विशंभरपुर गांव हर साल बाढ़ के समय टापू में तब्दील हो जाता है. लेकिन आज तक इसका स्थाई समाधान नहीं निकला गया. जिस कारण हर साल इन गांव वालों को इसकी मार झेलनी पड़ती है. गांव में करीब तीन सौ घर है और पंद्रह सौ आबादी है. सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गए है. इन ग्रामीणों का हाल जानने अभी तक कोई पदाधिकारी गांव नहीं पहुंचे हैं.
4 महीने गांव में बाढ़ का असरः लोगों ने जिला प्रशासन से राहत कार्य कराने की मांग की है. इसके साथ ही नाव उपलब्ध कराने की मांग की है. गांव की महिलाओं का कहना है कि एक दिन पहले ही पानी आना शुरू हो गया था. अब तो धीरे-धीरे पानी बढ़ता जा रहा. उन्होंने बताया कि यह पानी करीब 4 महीने गांव में फैला रहेगा.
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