मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: भले ही छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री हो गई हो, लेकिन गर्मी अभी भी कम नहीं हुई है. इस बीच कई क्षेत्रों में भीषण गर्मी के कारण पेयजल की संकट हो रही है. लोग पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं. भीषण गर्मी में छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले का एक गांव पेयजल के संकट से जूझ रहा है. यहां के लोग जनप्रतिनिधियों के आश्वासन और प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हो रहे हैं. ग्रामीण शुद्ध पेयजल की आस लगाए बैठे हैं.
गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण: दरअसल, हम बात कर रहे हैं एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत फुनगा की. यहां के ग्रामीणों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है. ये लोग नदी के गंदे और प्रदूषित पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच से लेकर जनप्रतिनिधि तक महज आश्वासन दे देते हैं, लेकिन समस्याओं को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं करते हैं. यही कारण है कि आज भी यहां के लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
सरपंच ने दिया आश्वासन: यहां के ग्रामीणों की मानें तो गर्मी हो या बारिश, हर मौसम में ग्राम पंचायत फुनगा की कई बस्तियां नदी के गंदे पानी को पीकर रहते हैं. पेयजल संकट को लेकर ग्राम पंचायत फुनगा की सरपंच कविता मरावी से बातचीत का प्रयास किया गया तो पता चला कि वो सिर्फ नाम की सरपंच हैं, उनका काम उनके पति देखते हैं. इस समस्या पर सरपंच से बात करने पर सरपंच ने कहा, "नया हैंडपंप आ गया है. जहां हैंडपंप लगना है, वहां जमीन भी खोद दिया गया है, जल्द ही समस्या का निपटान कर लिया जाएगा.
भाजपा के शासनकाल में मेंटनेंस में हो रही देरी: इस पूरे मामले में एमसीबी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा, "फुनगा ग्राम पंचायत का कुछ हिस्सा ऊंचे में है. पानी का स्तर भी कम होता जा रहा है. वहीं, उस क्षेत्र में जल की समस्या तो है. ऐसे में थोड़ी परेशानी हो रही है. वहीं, सत्ता परिवर्तन के बाद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. जहां हैंडपंप खराब था, वो वैसे ही पड़ा हुआ है. वहीं, सड़क मरम्मत सहित अन्य काम भी पड़े हुए हैं. जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई है मेंटनेंस का काम सही से किसी भी क्षेत्र में नहीं हो रहा है."
आखिर कब होगा समस्या का निपटारा: जहां एक ओर ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सरपंच जल्द समस्या निपटान की बात कह रही है. वहीं, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने बीजेपी शासन काल में मेंटनेंस पर ध्यान न देने की बात कही है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिरकार ग्राम पंचायत फुनगा के लोगों को शुद्ध जल मिलेगा या नहीं. क्या आगे भी यहां के लोग ऐसे ही पेयजल के लिए जद्दोजहद करते रहेंगे?