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जयपुर के प्रमुख टूरिस्ट रोड पर बनती है जल भराव की समस्या, नाला कचरे अटा, अब आरसीसी कलवर्ट बनाने की तैयारी - Water logging problem

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 25, 2024, 7:33 AM IST

राजधानी जयपुर में प्री मानसून ने दस्तक दी. लेकिन इस बारिश ने निगम प्रशासन से लेकर स्थानीय लोगों की चिंता भी बढ़ा दी है. निगम के दावों से इतर शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों के लिए नालों की सफाई में की गई औपचारिकता चिंता का सबब बनी हुई है.

अब आरसीसी कलवर्ट बनाने की तैयारी
अब आरसीसी कलवर्ट बनाने की तैयारी (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
टूरिस्ट रोड पर बनती है जल भराव की समस्या (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. भीषण गर्मी के बाद राजधानी में प्री मानसून ने दस्तक के बाद बारिश ने निगम प्रशासन से लेकर स्थानीय लोगों की चिंता भी बढ़ा दी है. निगम प्रशासन में मानसून को देखते हुए नालों की सफाई तो कराई लेकिन ये काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. आमेर रोड के बड़े नाले की सफाई के लिए मशीनें भी उतारी गई, लेकिन सफाई के नाम पर औपचारिकता निभाई गई. इस वजह से जरा सी बारिश में पूरे नाले का कचरा बहकर सामने आ गया और अब ये शहर की प्रमुख टूरिस्ट रोड को जल भराव के लिए आमंत्रित कर रहा है. हालांकि निगम प्रशासन ने यहां आरसीसी कलवर्ट बनाने की प्लानिंग जरूर की है.

नगर निगम की ओर से शहर में नालों की सफाई के दावे किए जा रहे हैं. दावा ये भी है इस बार शहर में जलभराव नहीं होगा और नालों के उफनने से आमजन के लिए कोई परेशानी खड़ी नहीं होगी. लेकिन निगम के दावों से इतर शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों के लिए नालों की सफाई में की गई औपचारिकता चिंता का सबब बनी हुई है. आमेर रोड निवासी हीरानंद ने बताया कि यहां नाले की सफाई नहीं होने की वजह से बारिश में पानी ओवरफ्लो हो जाता है. इससे राहगीरों और वाहन चालकों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

पढ़ें: ग्रेटर निगम जयपुर की अनूठी पहल, ट्रैफिक सिग्नल पर 'ग्रीन कॉरिडोर', वाहन चालकों को तेज धूप से मिलेगी राहत

व्यापारियों को चिंता: वहीं स्थानीय व्यापारी वीरेंद्र पुरोहित ने बताया कि बीते दिनों यहां मेयर ने दौरा किया उनके साथ कर्मचारी साथ आए थे. धरातल पर स्थिति देखने के बाद यहां नाले की सफाई के निर्देश दिए थे लेकिन काम जीरो प्रतिशत हुआ है. ये नाला जहां से गुजर रहा है वो टूरिस्ट रोड है. जल महल, कनक घाटी, आमेर महल जाने के लिए ये मुख्य मार्ग है. जयपुर आने वाला हर एक पर्यटक इसी मार्ग से गुजरता है. लेकिन बारिश के दौर में उन्हीं पर्यटकों का यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है.

नाला कचरे अटा
नाला कचरे अटा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

सुधार के लिए प्रयास जारी: वहीं स्थानीय पार्षद भूपेंद्र मीणा ने बताया कि हर वर्ष बारिश से पहले इस नाले की सफाई होती है. लेकिन ये नाला कॉलोनी के बीच से गुजरता है. जहां लोग ही इसमें कचरा डालते हैं और वही कचरा बहकर मुख्य मार्ग से दिखता है. इस कचरे की वजह से यहां रुकावट आ जाती है और पूरा पानी सड़क पर आ जाता है. उन्होंने बताया कि जल्द ही इस स्थिति में सुधार के लिए निगम एक टेंडर करने जा रहा है और ताकि इसका स्वरूप निखरे.

पढ़ें:पार्षदों का गांधीवादी तरीका : नगर निगम आयुक्त को चेंबर में किया दंडवत प्रणाम, लेकिन उठकर निकल गए

आरसीसी कलवर्ट बनाया जाएगा: इसे लेकर हवा महल जोन एक्सईएन महेंद्र सिंह ने बताया कि आमेर रोड पर रेनबो रेस्टोरेंट के पास ब्रह्मपुरी नाले में छोटे-छोटे बॉक्स डाले हुए हैं. जिसकी वजह से प्रॉपर पानी का निकास नहीं हो पता है. इन बॉक्स के सामने पीएचईडी और जेवीवीएनएल की लाइन जा रही है, जिसमें कचरा अटकता है. इसी वजह से पानी की निकासी सही रूप से नहीं हो पाती है. इसी समस्या के निदान के लिए यहां आरसीसी कलवर्ट बनाया जाएगा. इसका टेंडर करने जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में करीब ढाई करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

बहरहाल, दोनों निगमों ने पिछले साल करीब 17 करोड़ रुपए खर्च कर नालों की सफाई का काम किया था. बावजूद इसके सड़कों पर जगह-जगह बारिश का पानी भरा था. इस बार समय से पहले नालों की पूरी तरह सफाई के दावे जोर-शोर से किए गए हैं. लेकिन कुछ नालों की तस्वीरों ने इन दावों की भी पोल खोल दी है.

टूरिस्ट रोड पर बनती है जल भराव की समस्या (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. भीषण गर्मी के बाद राजधानी में प्री मानसून ने दस्तक के बाद बारिश ने निगम प्रशासन से लेकर स्थानीय लोगों की चिंता भी बढ़ा दी है. निगम प्रशासन में मानसून को देखते हुए नालों की सफाई तो कराई लेकिन ये काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. आमेर रोड के बड़े नाले की सफाई के लिए मशीनें भी उतारी गई, लेकिन सफाई के नाम पर औपचारिकता निभाई गई. इस वजह से जरा सी बारिश में पूरे नाले का कचरा बहकर सामने आ गया और अब ये शहर की प्रमुख टूरिस्ट रोड को जल भराव के लिए आमंत्रित कर रहा है. हालांकि निगम प्रशासन ने यहां आरसीसी कलवर्ट बनाने की प्लानिंग जरूर की है.

नगर निगम की ओर से शहर में नालों की सफाई के दावे किए जा रहे हैं. दावा ये भी है इस बार शहर में जलभराव नहीं होगा और नालों के उफनने से आमजन के लिए कोई परेशानी खड़ी नहीं होगी. लेकिन निगम के दावों से इतर शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों के लिए नालों की सफाई में की गई औपचारिकता चिंता का सबब बनी हुई है. आमेर रोड निवासी हीरानंद ने बताया कि यहां नाले की सफाई नहीं होने की वजह से बारिश में पानी ओवरफ्लो हो जाता है. इससे राहगीरों और वाहन चालकों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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व्यापारियों को चिंता: वहीं स्थानीय व्यापारी वीरेंद्र पुरोहित ने बताया कि बीते दिनों यहां मेयर ने दौरा किया उनके साथ कर्मचारी साथ आए थे. धरातल पर स्थिति देखने के बाद यहां नाले की सफाई के निर्देश दिए थे लेकिन काम जीरो प्रतिशत हुआ है. ये नाला जहां से गुजर रहा है वो टूरिस्ट रोड है. जल महल, कनक घाटी, आमेर महल जाने के लिए ये मुख्य मार्ग है. जयपुर आने वाला हर एक पर्यटक इसी मार्ग से गुजरता है. लेकिन बारिश के दौर में उन्हीं पर्यटकों का यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है.

नाला कचरे अटा
नाला कचरे अटा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

सुधार के लिए प्रयास जारी: वहीं स्थानीय पार्षद भूपेंद्र मीणा ने बताया कि हर वर्ष बारिश से पहले इस नाले की सफाई होती है. लेकिन ये नाला कॉलोनी के बीच से गुजरता है. जहां लोग ही इसमें कचरा डालते हैं और वही कचरा बहकर मुख्य मार्ग से दिखता है. इस कचरे की वजह से यहां रुकावट आ जाती है और पूरा पानी सड़क पर आ जाता है. उन्होंने बताया कि जल्द ही इस स्थिति में सुधार के लिए निगम एक टेंडर करने जा रहा है और ताकि इसका स्वरूप निखरे.

पढ़ें:पार्षदों का गांधीवादी तरीका : नगर निगम आयुक्त को चेंबर में किया दंडवत प्रणाम, लेकिन उठकर निकल गए

आरसीसी कलवर्ट बनाया जाएगा: इसे लेकर हवा महल जोन एक्सईएन महेंद्र सिंह ने बताया कि आमेर रोड पर रेनबो रेस्टोरेंट के पास ब्रह्मपुरी नाले में छोटे-छोटे बॉक्स डाले हुए हैं. जिसकी वजह से प्रॉपर पानी का निकास नहीं हो पता है. इन बॉक्स के सामने पीएचईडी और जेवीवीएनएल की लाइन जा रही है, जिसमें कचरा अटकता है. इसी वजह से पानी की निकासी सही रूप से नहीं हो पाती है. इसी समस्या के निदान के लिए यहां आरसीसी कलवर्ट बनाया जाएगा. इसका टेंडर करने जा रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में करीब ढाई करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

बहरहाल, दोनों निगमों ने पिछले साल करीब 17 करोड़ रुपए खर्च कर नालों की सफाई का काम किया था. बावजूद इसके सड़कों पर जगह-जगह बारिश का पानी भरा था. इस बार समय से पहले नालों की पूरी तरह सफाई के दावे जोर-शोर से किए गए हैं. लेकिन कुछ नालों की तस्वीरों ने इन दावों की भी पोल खोल दी है.

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