पटनाः छात्र राजनीति में सक्रिय हर्ष की हत्या के बाद पटना की सड़कों पर बवाल मच गया. छात्रों ने इस हत्याकांड के खिलाफ जमकर अपनी नाराजगी जाहिर की और हत्याकांड से जुड़े सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. वहीं इस हत्याकांड के बाद ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या पटना यूनिवर्सिटी एक बार फिर से वर्चस्व की लड़ाई का अखाड़ा बनता जा रहा है और क्या हर्ष की हत्या उसी वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है ?
कैंपस में कैसे घुस आए बाहरी लोग ?: हर्ष हत्याकांड ने पटना की पुलिस के साथ-साथ पूरे शहर की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. पटना लॉ कॉलेज कैंपस में कॉलेज की गेट पर परीक्षा देकर निकालने के बाद जिस प्रकार से 12 से भी अधिक अपराधी चेहरा छुपाए आते हैं और बेरहमी से पीट-पीटकर हर्ष की हत्या कर फरार हो जाते हैं, पुलिस-प्रशासन की लापरवाही का जीता-जागता नमूना है.
मिलीभगत की आ रही है बू !: लॉ कॉलेज में परीक्षा के दौरान पुलिस की ड्यूटी लगाई गई थी. बावजूद इसके इतनी बड़ी घटना हो गई.पुलिस पर सवाल उठना लाजिमी है. छात्र से इस हत्याकांड के पीछे पुलिस की मिलीभगत का आरोप भी लगा रहे हैं. छात्रों के आरोपों गलत भी हो सकते हैं लेकिन ये साफ दिखता है कि पुलिस अगर मुस्तैद रहती तो शायद हर्ष की जान बच जाती.
क्या वर्चस्व की लड़ाई में गई हर्ष की जान ?: इन सब के बीच हर्ष की हत्या आपसी वर्चस्व का भी संकेत दे रही है. हर्ष राजनीति में काफी सक्रिय था. वह विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में सक्रिय भूमिका में रहता था. विश्वविद्यालय के छात्रों में भी अच्छी पकड़ थी और जरूरत पड़ने पर 100 से 200 छात्रों के साथ वह कहीं भी पहुंच जाता था. हर्ष विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष पद की चुनाव लड़ने की तैयारी में भी था.
हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त गिरफ्तारः वहीं हर्ष की हत्या का राज खोलने में पटना पुलिस जुट गई है और हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त चंदन यादव को गिरफ्तार किया है. पटना ईस्ट के सिटी एसपी के मुताबिक "चंदन यादव ने लाइनर का काम किया था और आगे की जांच में हत्याकांड से जुड़े राज खुलेंगे."
"प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अक्टूबर 2023 में हर्ष ने मिलर हाई स्कूल में डांडिया नाइट करवाई थी. वहीं पर पटेल और जैक्सन हॉस्टल के छात्रों में भिड़ंत हुई थी. एक गुट के एक छात्र का सिर फटा था और कहीं ना कहीं यह भी एक मामला हो सकता है क्योंकि उसे गुट के छात्रों की हर्ष से खुन्नस थी." सिटी एसपी, पटना ईस्ट
जनवरी में भी हुआ था हर्ष पर हमलाः विश्वविद्यालय के छात्र ये भी बताते हैं कि इस साल जनवरी महीने में भी एक विशेष गुट के छात्रों ने हर्ष पर हमला किया था. इस हमले में हर्ष को चोटें भी आई थीं, जिसके बाग छात्र संघ ने विश्वविद्यालय कैंपस में विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ-साथ निजी सुरक्षा गार्ड की तैनाती की भी मांग की थी लेकिन यह सब हुआ नहीं.
क्या फिर वर्चस्व की लड़ाई की गिरफ्त में है पटना यूनिवर्सिटी ?: तीन दशक पहले पटना विश्वविद्यालय में वर्चस्व की लड़ाई में कई हत्याएं हुईं.1983 में छात्र नेता सत्येंद्र सिंह की हत्या हुई थी और इसके पीछे छात्र गुटों के बीच वर्चस्व की बात सामने आई थी. इसके बाद साल 1998 में भी विश्वविद्यालय के छात्र अविनाश की हत्या हुई थी जिसे कक्षा से जबरन बाहर निकलकर मारा गया था.
पीयू की छात्र राजनीति से निकले हैं कई बड़े नेताः एक जमाना था जब छात्र राजनीति से बड़े-बड़े नेता निकलते थे और सूबे के साथ-साथ देश की सियासत पर अपनी छाप छोड़ते थे. पटना यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से निकलकर ही लालू यादव, नीतीश कुमार, सुशील मोदी, रविशंकर प्रसाद ने देश की सियासत में अपना झंडा बुलंद किया. फिलहाल हर्ष की हत्या से जहां छात्रों में नाराजगी है वहीं पुलिस जल्द से जल्द सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा कर रही है.
"जो भी घटना हुई वो बेहद ही दुःखद है लेकिन पुलिस इस पर पूरे प्रोफेशनल तरीके से रात से काम कर रही है. पुलिस को आरोपियों के कई सुराग मिले हैं और कुछ गिरफ्तारी हुई है. जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी और इस हत्याकांड से जुड़े राज सामने आएंगे." चंद्र प्रकाश, सिटी एसपी( सेंट्रल)
सोमवार को पीट-पीटकर हर्ष की हत्याः बता दें कि अपराधियों ने सोमवार को हर्ष राज नाम के छात्र की उस समय पीट-पीटकर हत्या कर दी जब वो सुल्तानगंज थाना इलाके में स्थित लॉ कॉलेज में परीक्षा देने आया था. हर्ष राज का एक फोटो भी सामने आया है जिसमें वो 18 मई को समस्तीपुर में एनडीए प्रत्याशी शांभवी चौधरी के लिए प्रचार करता दिख रहा है.