भोपाल। व्यापमं कांड एक बार फिर गर्म है. सुप्रीम कोर्ट के नए आदेशों से सियासत में हड़कंप है. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने निरस्त की गई नियुक्ति का आदेश ट्वीट करते हुए कहा "व्यापमं ने 2012 में 198 आरक्षकों के स्थान पर 332 आरक्षकों का चयन किया था. कांग्रेस नेता ने परिवहन विभाग का 19 सितंबर का आदेश ट्वीट किया है. इस आदेश में लिखा है "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम में ग्वालियर हाई कोर्ट खंडपीठ द्वारा आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित पदों के स्थान पर नियुक्त पुरुष परिवहन आरक्षकों की नियुक्ति निरस्त की जानी है. परिवहन विभाग ने परिवहन आयुक्त को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं."
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने उठाए कई सवाल
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने आरोप लगाया "सरकार ने कोर्ट में जिरह के दौरान नियुक्तियों को वैध ठहराया था. अगर ये नियुक्तियां वैध थी तो अब निरस्त क्यों की गई? परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा व्यापमं ने साल 2012 में आयोजित कराई थी. इसमें 332 आरक्षकों का चयन किया गया था. इसमें महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित सीटों पर 45 पुरुष अभ्यर्थियों को चयनित किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मप्र सरकार ने 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी है,
— Arun Subhashchandra Yadav (@MPArunYadav) September 25, 2024
व्यापमं ने साल 2012 में परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा ली थी,
12 साल बाद सरकार ने 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्तियां निरस्त की,
सरकार ने कोर्ट में जिरह के दौरान नियुक्तियों को वैध ठहराया था ।… pic.twitter.com/i5qu6jGvLO
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कांग्रेस ने मांगा शिवराज व जगदीश देवड़ा का इस्तीफा
इधर, उधर इस मामले के बाद अब कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. 12 साल बाद 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्तियां निरस्त होने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने आरोप लगाया "सरकार द्वारा नियुक्तियां रद्द करने के बाद कांग्रेस के आरोप सत्य साबित होते दिख रहे हैं." उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और सीएम मोहन यादव से मांग की है "इस्तीफा न होने की स्थिति में वे वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को वर्तमान में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को बर्खास्त करें. इसके साथ ही पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह से सार्वजनिक माफी की मांग की है."