नई दिल्ली: साल 2024 भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडानी समूह के लिए महत्वपूर्ण उथल-पुथल का वर्ष रहा. कभी वैश्विक व्यापार मंडलियों में भारत के उदय का पावरफुल प्रतीक रहा अडाणी समूह, जो बुनियादी ढांचे से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा और FMCG क्षेत्रों में सक्रिय है, इसको घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहन जांच का सामना करना पड़ा.
2023 की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिसर्च की एक शॉर्ट-सेलर रिपोर्ट के बाद यह जांच तेज हो गई, जिसके बाद पिछले साल सितंबर में खोजी पत्रकारों के एक नेटवर्क (जिसे संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) के रूप में जाना जाता है) द्वारा एक और रिपोर्ट आई.
नतीजतन अडाणी समूह जिसकी स्थापना चार दशक से भी कम समय पहले 1988 में गौतम अडाणी ने की थी. इस पूरे साल भी सार्वजनिक जांच के दायरे में रहा. और इस साल के अंत में नवंबर 2024 में, अडाणी समूह के लिए धमाकेदार खबर न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले की अमेरिकी अदालत द्वारा इंडिक्टमेंट के रूप में आई.
इससे पहले की दो रिपोर्ट निजी संस्थाओं द्वारा की गई थीं. लेकिन उन्होंने अडाणी समूह के शेयरों के मूल्यांकन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला और इसके प्रमोटर गौतम अडाणी की निजी संपत्ति को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया.
हालांकि, रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के तहत एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ बिजली आपूर्ति सौदों से संबंधित 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वतखोरी योजना में उनकी कथित भूमिका के लिए अडानी समूह और उसके अधिकारियों पर एक अमेरिकी जिला अदालत द्वारा औपचारिक अभियोग लगाया गया. अडाणी समूह ने आरोपों से इनकार किया है.
जैसा कि अपेक्षित था अमेरिकी अभियोग ने शेयर बाजार में हलचल मचा दी, जिससे निवेशकों की भावना प्रभावित हुई, व्यापारिक साझेदारी में बदलाव आया और अडाणी समूह और उसके अरबपति प्रमोटर गौतम अडाणी दोनों की वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचा.
अमेरिकी इंडिक्टमेंट और अडाणी समूह पर इसका प्रभाव
2023 में हिंडनबर्ग और OCCRP रिपोर्ट के निरंतर प्रतिकूल प्रभाव के अलावा इस वर्ष अमेरिका द्वारा अदानी समूह के कई अधिकारियों और उसकी कंपनियों पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के तहत अभियोग लगाया गया, जिसने पिछले साल हिंडनबर्ग रिपोर्ट के साथ शुरू हुई अडाणी समूह की परेशानियों को और बढ़ा दिया.
यह अभियोग उन आरोपों पर आधारित था कि अदानी समूह के कुछ अधिकारी अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने के समूह के प्रयास से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल थे. अमेरिकी अधिकारियों ने समूह पर झूठे वित्तीय खुलासे और अमेरिकी बाजारों में हेराफेरी वाले व्यापारिक व्यवहारों के माध्यम से निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया. इन घटनाक्रमों ने वित्तीय समुदाय में हड़कंप मचा दिया, जिससे अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्यों में और गिरावट आई और हिंडनबर्ग और OCCRP रिपोर्टों से हुए नुकसान में और वृद्धि हुई.
अभियोग के मद्देनजर, कई संस्थागत निवेशकों और वैश्विक फर्मों ने अडाणी समूह से खुद को दूर कर लिया. इसके परिणाम तत्काल और गंभीर थे. मूडीज और फिच जैसी रेटिंग एजेंसियों ने अडाणी समूह की कंपनियों की अपनी रेटिंग बदल दी है. इसके अलावा जेफरीज और बार्कलेज सहित यूरोपीय वित्तीय संस्थानों ने अडाणी समूह के साथ परियोजनाओं के वित्तपोषण में अपनी भागीदारी का पुनर्मूल्यांकन किया, तथा बढ़ते विवाद से जुड़े प्रतिष्ठा संबंधी जोखिमों के बारे में चिंता व्यक्त की.
अन्य देश और कंपनियां पीछे हट गईं
अमेरिकी अभियोग और कई देशों में विनियामक जांच सहित चल रही जांच के कारण विदेशी व्यवसायों और वैश्विक निवेशकों को अदानी समूह के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ा. कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां और संयुक्त उद्यम भागीदार व्यावसायिक व्यवस्थाओं से दूर चले गए, जिससे अडाणी से जुड़ी कंपनियों के साथ जुड़ने के बारे में बढ़ती सावधानी का संकेत मिला.
उदाहरण के लिए, यूरोप में, रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में अडाणी समूह की कुछ साझेदारियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सोलर एनर्जी क्षेत्र की कंपनियां जिन्होंने अडाणी ग्रीन एनर्जी के साथ सहयोग पर विचार किया था, उन्होंने समूह की व्यावसायिक प्रथाओं पर बढ़ती विनियामक जांच को देखते हुए बातचीत को कम करने या स्थगित करने का विकल्प चुना. उदाहरण के लिए, टोटल एनर्जीज ने अदानी समूह की कंपनियों में किसी भी और निवेश को निलंबित कर दिया.
इसी तरह, केन्या ने 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के अडाणी इंफ्रास्ट्रक्चर सौदों को रद्द करने का आदेश दिया. इसके अलावा अमेरिकी अभियोग के बाद, एक अमेरिकी विकास एजेंसी के अधिकारी, जो पहले श्रीलंका में अडाणी बंदरगाह को वित्तपोषित करने के लिए सहमत हुए थे. अभियोग के प्रभाव का अध्ययन कर रहे हैं. ऐसी खबरें हैं कि बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले नए प्रशासन ने भी अडाणी समूह के बांग्लादेश संचालन की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है.
नुकसान को नियंत्रित करना
अडाणी समूह द्वारा आरोपों को संबोधित करने के प्रयास - जैसे कि कानूनी लड़ाई में शामिल होना और पारदर्शिता देने का प्रयास नुकसान की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं थे. जबकि समूह ने यह दावा करना जारी रखा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट, OCCRP रिपोर्ट निराधार और दुर्भावनापूर्ण थीं, समूह की सार्वजनिक छवि और निवेशक भावना को दीर्घकालिक परिणाम भुगतने पड़े.
नए साल में गौतम अडाणी के लिए क्या है?
अमेरिका में अभियोग गौतम अडाणी के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आया है. अमेरिकी अधिकारियों ने उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी, प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश और वायर धोखाधड़ी की साजिश का आरोप लगाया है. इसका मतलब है कि गौतम अडाणी और अडाणी समूह के अन्य आरोपित अधिकारियों के अमेरिका या अन्य देशों की यात्रा करने की संभावना नहीं है, जहां उन्हें मुकदमे का सामना करने के लिए गिरफ्तारी और अमेरिका में प्रत्यर्पण का सामना करना पड़ सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार अडाणी समूह को अमेरिकी न्यायालय में अभियोग पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए 21 दिन का समय दिया गया था. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि समूह 1988 में अपनी स्थापना के बाद से सबसे गंभीर कानूनी चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका में कौन से कानूनी उपाय अपना रहा है.