शिमला: हिमाचल प्रदेश में 1 जून को अंतिम चरण में मतदान होगा. प्रदेश में कांग्रेस-बीजेपी के अलावा बसपा, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के अलावा अन्य दलों ने अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. प्रदेश में असली मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, कांग्रेस को इंडी एलायंस के सहयोगियों का भी साथ है.
इस बार लोकसभा की चार सीटों के लिए कुल 37 उम्मीदवार, जबकि विधानसभा उपचुनाव की छह सीटों पर 25 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में कुल 57 लाख 11 हजार 969 मतदाता हैं. प्रदेश में मतदान के लिए 7992 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. कुल 369 पोलिंग बूथ अति संवेदनशील श्रेणी में हैं. कांगड़ा में सबसे अधिक 118 मतदान केंद्र इस श्रेणी में शामिल हैं. हिमाचल की लोकसभा और विधानसभा सीटों का ब्यौरा नीचे खबर में दिया गया है.
कांगड़ा लोकसभा सीट
इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा और बीजेपी के उम्मीदवार डॉ. राजीव भारद्वाज के बीच है. मनमोहन सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री रह चुके आनंद शर्मा का ये पहला लोकसभा चुनाव हैं, जबकि डॉ. राजीव भारद्वाज भी इससे पहले कोई चुनाव नहीं लड़े हैं. राजीव भारद्वाज पिछले चार दशकों से बीजेपी के साथ जुड़े हुए हैं.
इस सीट पर कांग्रेस के लिए 2004 में चंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी. इसके बाद कांग्रेस को कभी यहां जीत नसीब नहीं हुई. इस बार कांग्रेस ने यहां से दिग्गज नेता को उतार कर नया दांव चला है, ताकि यहां बीजेपी के जीत के सिलसिले को तोड़ा जा सके. बीजेपी ने 2009 में राजन सुशांत, 2014 में शांता कुमार और 2019 में किशन कपूर को टिकट दिया था. एक बार फिर बीजेपी ने चेहरा बदलकर अपना फॉर्मूला दोहराया है.
यहां 776880 पुरुष, जबकि 747147 महिला और 5 थर्ड जेंडर वोटर्स हैं. कुल मतदाताओं में 8 ओवरसीज, 21 हजार 519 सर्विस वोटर्स हैं. यहां कुल 15 लाख 24 हजार 32 मतदाता हैं. इस सीट से कुल 10 उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी है.
मंडी लोकसभा सीट बनी हॉट सीट
देश भर में सबसे हॉट सीटों में शामिल मंडी संसदीय क्षेत्र में कंगना रनौत और हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बीच है. विक्रमादित्य सिंह छह बार हिमाचल के पूर्व सीएम रहे वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. वर्तमान में उनकी मां प्रतिभा सिंह यहां से सांसद हैं, जबकि अभिनेत्री कंगना रनौत की एंट्री चंद महीने पहले ही राजनीति में हुई है.
यहां पर बीजेपी के पूर्व दिवंगत सांसद रामस्वरूप शर्मा 2014-2019 के आम चुनाव में 2 बार जीत दर्ज कर चुके हैं. रामस्वरूप के देहांत के बाद 2021 के उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी. जबकि आम चुनाव में 2009 में वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस की झोली में ये सीट डाली थी. बीजेपी पिछले उपचुनाव में मिली हार का बदला चुकाने और कांग्रेस जीत बरकार रखने के लिए तैयार हैं.
यहां कुल 13 लाख 77 हजार 173 मतदाता हैं. 698666 पुरुष और 678504 महिला और 3 थर्ड जेंडर मतदाता भी मतदान करेंगे. कुल मतदताओं में 2 ओवरसीज और 13 हजार 113 सर्विस वोटर्स हैं. इस सीट पर 10 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी है.
हमीरपुर लोकसभा सीट
ये सीट भी देशभर की चर्चित सीटों में से एक हैं. यहां से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के सामने कांग्रेस के सतपाल रायजादा हैं. यहां से 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. अनुराग यहां से जीत का पंजा लगाने की कोशिश करेंगे. 1996 में मेजर जनरल विक्रमजीत ने इस सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार जीत दिलाई थी.
अनुराग ठाकुर यहां से चार बार जीत का चौका लगा चुके हैं, जबकि पूर्व विधायक रहे रायजादा का ये पहला लोकसभा चुनाव है. 26 साल से ये सीट बीजेपी के कब्जे में है. इस संसदीय क्षेत्रों में सैनिक की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में प्रचार के दौरान यहां अग्निवीर का मुद्दा छाया रहा है.
यहां 738522 पुरुष और 71562 महिला और 15 थर्डजेंडर मतदाता हैं. कुल मतदाताओं में से 13 ओवरसीज और 23 हजार 463 सर्विस वोटर्स हैं. इस सीट पर 14 लाख 56 हजार 99 हजार कुल मतदाता हैं. हमीरपुर में 12 उम्मीदवारों के बीच टक्कर है.
शिमला लोकसभा सीट
पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर शिमला सीट पर मुकाबला बीजेपी के वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप और कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी के बीच है. 2009-2014 में बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप ने यहां से जीत हासिल की थी. 2019 में पहली बार यहां से बीजेपी के टिकट पर सुरेश कश्यप जीते थे. इस सीट से विनोद सुल्तानपुरी के पिता केडी सुल्तानपुरी छह बार सांसद रहे हैं. वर्तमान में विनोद सुल्तानपुरी सोलन के कसौली से विधायक हैं.
यहां कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 54 हजार 665 है. इसमें 699007 पुरुष और 655646 महिला मतदाता हैं. साथ ही 12 थर्ड जेंडर वोटर्स भी हैं. कुल मतदाताओं में से 11 ओवरसीज और 8 हजार 296 सर्विस वोटर्स हैं. यहां पर पांच प्रत्याशियों के बीच टक्कर है.
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा की छह सीटों पर भी उपचुनाव होंगे. यहां मतदाता सांसद के साथ साथ अपना विधायक भी चुनेंगे. राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने बगावत कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. हिमाचल विधानसभा स्पीकर ने इन छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. अब इन सभी सीटों पर एक बार फिर से उपचुनाव होंगे.
धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव
धर्मशाला सीट का चुनाव रोचक हो गया है. बीजेपी ने इस बार कांग्रेस से बागी हुए सुधीर शर्मा को टिकट दिया है. वहीं, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी धर्मशाला के पूर्व मेयर रहे हैं. सुधीर शर्मा पूर्व में वीरभद्र सिंह सरकार में उद्योग मंत्री रह चुके है. यहां से बीजेपी और कांग्रेस के अलावा आजाद उम्मीदवार राकेश चौधरी के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
राकेश चौधरी पिछला विधानसभा चुनाव बीजेपी की टिकट पर लड़े थे. 2019 में विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने धर्मशाला से आजाद चुनाव लड़ा था और कांग्रेस उम्मीदवार से अधिक वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे थे. यहां से चार प्रत्याशी मैदान हैं.
इस सीट पर 43,845 पुरुष और 42,758 महिला मतदाता हैं. 1 ओवरसीज वोटर्स भी इस सीट पर मतदान करेगा. यहां कुल 86 हजार 603 कुल मतदाता हैं.
कुटलैहड़ विधानसभा उपचुनाव
कुटलैहड़ सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी ने कांग्रेस से बागवत करने वाले पूर्व विधायक देविंदर भुट्टो को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने विवेक शर्मा को मैदान में उतारा है. विवेक शर्मा को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है. ये उनका पहला चुनाव है. लगभग तीन दशक तक ये सीट बीजेपी के कब्जे में थी.
2022 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े देविंदर भुट्टो ने यहां से बीजेपी के पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को हराया था, लेकिन भुट्टो अब कांग्रेस से बगावत कर वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
यहां पर 45,617 पुरुष और 43,689 महिला सहित 1 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इस सीट पर 1 हजार 614 सर्विस वोटर्स समेत कुल 89 हजार 307 मतदाता मतदान करेंगे हैं. कुटलैहड़ उपचुनाव में कुल चार उम्मीदवार मैदान में हैं.
गगरेट विधानसभा उपचुनाव
ऊना जिले के तहत आने वाली गगरेट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस के राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा के बीच है. चैतन्य शर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे, लेकिन कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, 2022 में कांग्रेस से टिकट ना मिलने पर राकेश कालिया बीजेपी में शामिल हो गए. चैतन्य शर्मा के बीजेपी में शामिल होते ही राकेश कालिया ने फिर घर वापसी करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया.
यहां पर 5 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन सीधी टक्कर बीजेपी-कांग्रेस में ही है. कांग्रेस उम्मीदवार कालिया तीन बार विधायक रह चुके हैं. इस बार उनकी टक्कर युवा चेहरे से है.
गगरेट विधानसभा सीट पर 44,249 पुरुष और 41,701 महिला मतदाता हैं. यहां कुल 85 हजार 950 मतदाता हैं, जिसमें 1 हजार 634 सर्विस वोटर्स हैं.
लाहौल स्पीति विधानसभा उपचुनाव
यहां पर मुकाबला कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी उम्मीदवार रवि ठाकुर और निर्दलीय प्रत्याशी रामलाल मारकंडा के बीच है. वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर रवि ठाकुर ने लाहौल-स्पीति सीट जीत हासिल की थी. इस बार पूर्व विधायक रवि ठाकुर बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं.
महिला वोटर्स को साधने के लिए कांग्रेस ने जिला परिषद लाहौल-स्पीति की अध्यक्ष अनुराधा राणा को उम्मीदवार बनाया है. निर्दलीय उम्मीदवार रामलाल मारकंडा ने यहां मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है. रामलाल मारंकडा तीन बार विधायक रह चुके हैं और जयराम सरकार में मंत्री पद पर भी रहे थे.
यहां पर कुल 13,291 पुरुष और 12,676 महिला मतदाता हैं, कुल 25 हजार 967 मतदाताओं में 694 सर्विस वोटर्स हैं. यहां कुल तीन ही उम्मीदवार चुनाव लड़ रहैं हैं.
सुजानपुर विधानसभा उपचुनाव
इस सीट पर पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के दो शिष्यों के बीच करीबी टक्कर है. वर्ष 2022 में भी यहां मुकाबला राजेंद्र राणा और कैप्टन रणजीत राणा के बीच ही था. पिछले चुनाव में यानी 2022 राजेंद्र राणा ने पिछला चुनाव कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा के कैप्टन रणजीत राणा को मामूली अंतर से हराया था.
इस बार भी दोनों के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन दोनों की पार्टियां अब बदल चुकी है. इस सीट पर राजपूत वोटर्स का प्रभाव है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने राजपूत उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा है.
यहां पर 38,831पुरुष और 38,911 महिला मतदाता हैं, जिसमें कुल 2 हजार 93 सर्विस वोटर्स हैं. यहां कुल 77 हजार 742 कुल मतदाता हैं. इस सीट पर कुल छह उम्मीदवार मैदान में हैं.
बड़सर विधानसभा उपचुनाव
बड़सर सीट पर मुकाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए आईडी लखनपाल और सुभाष चंद ढटवालिया के बीच है. बीजेपी प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल ने वर्ष 2012, 2017, 2022 में कांग्रेस की टिकट पर बड़सर से जीत हासिल की थी. लखनपाल को वीरभद्र सिंह का करीबी माना जाता था.
इस बार लखनपाल हाथ का साथ छोडक़र बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष चंद ढटवालिया मैदान में हैं. प्रचार के दौरान एक वोट सीएम को दूसरा पीएम का नारा अंदरुनी तौर पर लोगों के बीच में खूब चर्चाओं में रहा हैं.
इस सीट पर 44,784 पुरुष और 44,572 महिला मतदाता हैं. इस सीट पर 1 हजार 909 सर्विस वोटर्स हैं. बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 1 थर्ड जेंडर समेत कुल मतदाताओं की संख्या 89 हजार 357 हैं. यहां कुल तीन उम्मीदवार मैदान में हैं.