ETV Bharat / state

लोकसभा के साथ विधानसभा उपचुनाव में मतदान के समय क्या दो उंगलियों पर लगेगी स्याही, कैसे डालें जाएंगे दोनों वोट - know voting process - KNOW VOTING PROCESS

हिमाचल में आखिरी चरण में एक जून को चार लोकसभा सीटों सहित विधानसभा की छह सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे. ऐसे में जिन पोलिंग बूथ पर लोकसभा सहित विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. यहां बहुत से मतदाताओं के मन में सवाल घूम रहा होगा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट डालने के वक्त क्या दो उंगलियों में स्याही लगाई जाएगी. पोलिंग बूथ में वोट डालने के लिए ईवीएम की किस तरह की व्यवस्था होगी.

KNOW VOTING PROCESS
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 8:15 PM IST

शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए वोटर मतदान करने के लिए तैयार बैठे हैं. प्रदेश में दो बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस भी सत्ता में आने के लिए चुनावी रण में आरपार की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा केंद्र की सत्ता पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में डटी है.

वहीं, कांग्रेस भी इंडिया गठबंधन के साथ 10 साल का सूखा मिटाने के लिए मैदान में पसीना बहा रही है. हिमाचल में आखिरी चरण में एक जून को चार लोकसभा सीटों सहित विधानसभा की छह सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे. ऐसे में जिन पोलिंग बूथ पर लोकसभा सहित विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. यहां बहुत से मतदाताओं के मन में सवाल घूम रहा होगा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट डालने के वक्त क्या दो उंगलियों में स्याही लगाई जाएगी. पोलिंग बूथ में वोट डालने के लिए ईवीएम की किस तरह की व्यवस्था होगी. खासकर पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में इसको लेकर भी अधिक उत्सुकता होगी कि वोट कैसे डालते हैं, क्या प्रोसेस होता है, पोलिंग बूथ पर क्या होता है और कौन से स्टेप फॉलो करने होते हैं. जानते है इसको लेकर क्या है नियम?

एक पोलिंग बूथ में अलग अलग दो ईवीएम: हिमाचल में चार लोकसभा सीटों के साथ ही छह विधानसभा धर्मशाला, लाहौल स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट व कुटलैहड़ सीटों पर उपचुनाव होंगे. ऐसे में इन विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किए गए पोलिंग बूथ पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग अलग स्थानों पर दो ईवीएम रखी गई होंगी. जहां लोकसभा में सांसद और विधानसभा विधायक चुनने के लिए अलग अलग ईवीएम का बटन दबाना होगा. अब मतदाताओं के मन में ये सवाल में उठ रहा होगा कि लोकसभा और विधानसभा के लिए मतदान के समय क्या दो उंगलियों में स्याही लगाई जाएगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मतदाता की एक ही उंगली में स्याही लगाई जाएगी, जिसके आधार पर मतदाता लोकसभा के साथ विधानसभा के लिए अलग अलग ईवीएम का बटन दबाकर वोट कास्ट कर सकता है. किसी वोटर का का अगर बायां हाथ ना होते दाहिने हाथ की इंडेक्स फिंगर पर स्याही लगाई जाती है. पूर्व प्रशासनिक अधिकारी जीसी नेगी का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिए पोलिंग बूथ पर अलग अलग ईवीएम रखी जाती हैं. इस दौरान एक ही उंगली पर स्याही लगाने के बाद मतदान कर सकता है.

ये भी पढ़ें: छह विधानसभा सीटों पर इतने मतदाता करेंगे मतदान, सुक्खू सरकार की होगी 'अग्निपरीक्षा'

जानें वोट डालने का प्रोसेस: मतदाता को वोट डालने के लिए आपको उस पोलिंग बूथ पर जाना होगा जहां पर आपका नाम पंजीकृत है. वोटिंग के लिए बारी आने पर मतदान अधिकारी मतदाता सूची में नाम जांचने के बाद वोटर्स से वोटर आईडी प्रूफ मांगेगा. मतदाता अपना आईडी फ्रूफ दिखाने के बाद आगे बढ़ता है और दूसरा पोलिंग अधिकारी मतदाता की इंडेक्स फिंगर पर स्याही लगाएगा और साथ में एक स्लिप दी जाएगी. इसके साथ ही रजिस्टर पर मतदाता के सिग्नेचर लिए जाएंगे, जिसके बाद मतदाता को तीसरे मतदान अधिकारी के पास पर्ची जमा करानी होगी और स्याही लगी अपनी उंगली दिखानी होगी, जिसके बाद मतदाता वोट डालने के लिए जा सकता है. यहां मतदाता को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह के सामने बटन दबाकर अपना वोट देना होगा. इस दौरान एक बीप की आवाज सुनाई देगी. इसके साथ ही मतदाता को वीवीपैट मशीन के पारदर्शी विंडो पर एक स्लिप दिखाई देगी. इसपर 7 सेकेंड के लिए मतदाता अपने प्रत्याशी का सीरियल नंबर, नाम और चुनाव चिन्ह देख पाएंगे और फिर ये स्लिप सील किए गए VVPAT बॉक्स में गिर जाएगी. बता दें कि देश में 18 साल से ऊपर का हर व्यक्ति वोट डाल सकता है, लेकिन इसके लिए वोटर लिस्ट जिसे इलेक्टोरल रोल भी कहते हैं, उसमें व्यक्ति का नाम दर्ज होना चाहिए.

Voting process
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

NOTA का इस्तेमाल: मतदान के वक्त मतदाता को आपको कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं है तो ऐसे में मतदाता नोटा (NOTA) का बटन दबा सकते हैं, यह ईवीएम पर आखिरी बटन होगा. नोटा का मतलब होता है 'नन ऑफ द एबव' यानी इनमें से कोई भी नहीं है. इस तरह से चुनाव के दौरान वोटरों के पास अब एक विकल्प इनमें से कोई नहीं का बटन दबाने का भी होता है. यह विकल्प नोटा के तौर पर उपलब्ध होता है. नोटा बटन को दबाने का मतलब है कि मतदाता को चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट में से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है.

KNOW VOTING PROCESS
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

कौन होते हैं पोलिंग एजेंट: वोटिंग के समय पोलिंग ऑफिसर्स के अलावा मतदान केंद्रों पर कुछ और लोग भी बैठे होते हैं. ये मतदाता की पर्ची का मिलान करते हुए नजर आते हैं. इन्हें पोलिंग एजेंट कहा जाता है. इन्हें चुनाव लड़ रहे पार्टियों या उम्मीदवारों की तरफ से तैनात किया जाता है. उम्मीदवार को पोलिंग से पहले से ही मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को अपने एजेंट की जानकारी देनी होती है. इसके बाद पोलिंग एजेंट को एक पहचान पत्र जारी किया जाता है.

हिमाचल में लोकसभा चुनाव से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

शिमला: हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए वोटर मतदान करने के लिए तैयार बैठे हैं. प्रदेश में दो बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस भी सत्ता में आने के लिए चुनावी रण में आरपार की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा केंद्र की सत्ता पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में डटी है.

वहीं, कांग्रेस भी इंडिया गठबंधन के साथ 10 साल का सूखा मिटाने के लिए मैदान में पसीना बहा रही है. हिमाचल में आखिरी चरण में एक जून को चार लोकसभा सीटों सहित विधानसभा की छह सीटों के लिए भी वोट डाले जाएंगे. ऐसे में जिन पोलिंग बूथ पर लोकसभा सहित विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. यहां बहुत से मतदाताओं के मन में सवाल घूम रहा होगा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट डालने के वक्त क्या दो उंगलियों में स्याही लगाई जाएगी. पोलिंग बूथ में वोट डालने के लिए ईवीएम की किस तरह की व्यवस्था होगी. खासकर पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में इसको लेकर भी अधिक उत्सुकता होगी कि वोट कैसे डालते हैं, क्या प्रोसेस होता है, पोलिंग बूथ पर क्या होता है और कौन से स्टेप फॉलो करने होते हैं. जानते है इसको लेकर क्या है नियम?

एक पोलिंग बूथ में अलग अलग दो ईवीएम: हिमाचल में चार लोकसभा सीटों के साथ ही छह विधानसभा धर्मशाला, लाहौल स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट व कुटलैहड़ सीटों पर उपचुनाव होंगे. ऐसे में इन विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किए गए पोलिंग बूथ पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग अलग स्थानों पर दो ईवीएम रखी गई होंगी. जहां लोकसभा में सांसद और विधानसभा विधायक चुनने के लिए अलग अलग ईवीएम का बटन दबाना होगा. अब मतदाताओं के मन में ये सवाल में उठ रहा होगा कि लोकसभा और विधानसभा के लिए मतदान के समय क्या दो उंगलियों में स्याही लगाई जाएगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मतदाता की एक ही उंगली में स्याही लगाई जाएगी, जिसके आधार पर मतदाता लोकसभा के साथ विधानसभा के लिए अलग अलग ईवीएम का बटन दबाकर वोट कास्ट कर सकता है. किसी वोटर का का अगर बायां हाथ ना होते दाहिने हाथ की इंडेक्स फिंगर पर स्याही लगाई जाती है. पूर्व प्रशासनिक अधिकारी जीसी नेगी का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिए पोलिंग बूथ पर अलग अलग ईवीएम रखी जाती हैं. इस दौरान एक ही उंगली पर स्याही लगाने के बाद मतदान कर सकता है.

ये भी पढ़ें: छह विधानसभा सीटों पर इतने मतदाता करेंगे मतदान, सुक्खू सरकार की होगी 'अग्निपरीक्षा'

जानें वोट डालने का प्रोसेस: मतदाता को वोट डालने के लिए आपको उस पोलिंग बूथ पर जाना होगा जहां पर आपका नाम पंजीकृत है. वोटिंग के लिए बारी आने पर मतदान अधिकारी मतदाता सूची में नाम जांचने के बाद वोटर्स से वोटर आईडी प्रूफ मांगेगा. मतदाता अपना आईडी फ्रूफ दिखाने के बाद आगे बढ़ता है और दूसरा पोलिंग अधिकारी मतदाता की इंडेक्स फिंगर पर स्याही लगाएगा और साथ में एक स्लिप दी जाएगी. इसके साथ ही रजिस्टर पर मतदाता के सिग्नेचर लिए जाएंगे, जिसके बाद मतदाता को तीसरे मतदान अधिकारी के पास पर्ची जमा करानी होगी और स्याही लगी अपनी उंगली दिखानी होगी, जिसके बाद मतदाता वोट डालने के लिए जा सकता है. यहां मतदाता को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह के सामने बटन दबाकर अपना वोट देना होगा. इस दौरान एक बीप की आवाज सुनाई देगी. इसके साथ ही मतदाता को वीवीपैट मशीन के पारदर्शी विंडो पर एक स्लिप दिखाई देगी. इसपर 7 सेकेंड के लिए मतदाता अपने प्रत्याशी का सीरियल नंबर, नाम और चुनाव चिन्ह देख पाएंगे और फिर ये स्लिप सील किए गए VVPAT बॉक्स में गिर जाएगी. बता दें कि देश में 18 साल से ऊपर का हर व्यक्ति वोट डाल सकता है, लेकिन इसके लिए वोटर लिस्ट जिसे इलेक्टोरल रोल भी कहते हैं, उसमें व्यक्ति का नाम दर्ज होना चाहिए.

Voting process
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

NOTA का इस्तेमाल: मतदान के वक्त मतदाता को आपको कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं है तो ऐसे में मतदाता नोटा (NOTA) का बटन दबा सकते हैं, यह ईवीएम पर आखिरी बटन होगा. नोटा का मतलब होता है 'नन ऑफ द एबव' यानी इनमें से कोई भी नहीं है. इस तरह से चुनाव के दौरान वोटरों के पास अब एक विकल्प इनमें से कोई नहीं का बटन दबाने का भी होता है. यह विकल्प नोटा के तौर पर उपलब्ध होता है. नोटा बटन को दबाने का मतलब है कि मतदाता को चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट में से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है.

KNOW VOTING PROCESS
कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

कौन होते हैं पोलिंग एजेंट: वोटिंग के समय पोलिंग ऑफिसर्स के अलावा मतदान केंद्रों पर कुछ और लोग भी बैठे होते हैं. ये मतदाता की पर्ची का मिलान करते हुए नजर आते हैं. इन्हें पोलिंग एजेंट कहा जाता है. इन्हें चुनाव लड़ रहे पार्टियों या उम्मीदवारों की तरफ से तैनात किया जाता है. उम्मीदवार को पोलिंग से पहले से ही मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को अपने एजेंट की जानकारी देनी होती है. इसके बाद पोलिंग एजेंट को एक पहचान पत्र जारी किया जाता है.

हिमाचल में लोकसभा चुनाव से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.