पूर्णिया: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत पूर्णिया में वोटिंग खत्म हो चुकी है. पूर्णिया लोकसभा में कुल मतदाता की संख्या 18 लाख 90 हजार 5 सौ 97 मतदाता हैं, जिसमें महिला मतदाता 9 लाख 15 हजार 762 हैं. पुरूष मतदाता 9 लाख 74 हजार 762 हैं. थर्ड जेंडर 73 हैं. वहीं 18 से 19 वर्ष के 19 हजार 453 हैं. पूर्णिया में त्रिकोणीय मुकाबला होने के बावजूद मतदान प्रतिशत 2019 के आंकड़े को पार नहीं कर पाया. जेडीयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा, आरजेडी कैंडिडेट बीमा भारती और निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव के बीच लड़ाई है.
![पप्पू यादव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-04-2024/21317681_thpppyyyyy.jpg)
पूर्णिया में कम मतदान से किसका नुकसान? : शाम 6 बजे तक पूर्णिया में 59.94 फीसदी मतदान हुआ है. जबकि साल 2019 में 65.37फीसदी मतदान हुआ था. इस सीट पर पप्पू यादव ने खूब सुर्खियां बटोरीं. हालांकि जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसका पता 4 जून को लगेगा. कम मतदान प्रतिशत से एनडीए, महागठबंधन और निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव के समर्थक टेंशन में हैं.
![संतोष कुशवाहा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/26-04-2024/21317681_thppp.jpg)
पूर्णिया में मतदान :
- शाम 5 बजे तक 55.14 प्रतिशत मतदान
- पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने अपने समर्थकों के साथ मतदान किया
- दोपहर 3 बजे तक पूर्णिया में 46.78% मतदान हुआ
- पूर्णिया में दोपहर 1 बजे तक 36.59 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- पूर्णिया में 11 बजे तक 25.9% वोटिंग
- स्थानीय सांसद और जेडीयू कैंडिडेट संतोष कुशवाहा ने वोट डाला
- पूर्णिया सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने मध्य विद्यालय पूर्णियां कोर्ट स्थित बूथ संख्या 118 पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
- पूर्णिया में सुबह 9 बजे तक 9.36 % मतदान हुआ
- पूर्णिया के कला भवन पिंक मतदान केंद्र पर वोटरों की लंबी कतार. 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी अपने घर से मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पहुंची.
- पूर्णिया के बूथ संख्या 117 एवं 119 पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कतार में लगे. थोड़ी देर में पप्पू यादव भी अपना मत डालने इसी मतदान केंद्र पर पहुचेंगे.
- पूर्णिया बनमनखी बूथ संख्या 316 से एक मतदाता ने पटना कंट्रोल रूम को फोन कर शिकायत की. मतदाता ने कहा कि यहां न तो पानी की व्यवस्था है और ना ही टेंट की व्यवस्था है.
- पूर्णिया में सुबह से ही वोटरों में उत्साह, मतदान केन्द्र पर लंबी-लंबी कतार.
- मतदान केंद्रों पर लोगों का आना जारी
- सुबह 7 बजे से पूर्णिया में मतदान शुरू
कहां कितने मतदान केंद्र?: पूर्णिया लोकसभा के अंदर सात विधानसभा क्षेत्र है जिसमें अमौर , बायसी, कसवा , बनमनखी , रुपौली , धमदाहा , पूर्णिया हैं. कुल 1800 मतदान केंद्रों पर मतदाता वोटिंग करने पहुंच रहे हैं. इसमें से कसवा में 288, बनमनखी में 323, रुपौली में 321, धमदाहा में 331, पूर्णिया में 327, कौढ़ा में 300 और बायसी में 278 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
पप्पू यादव ने मुकाबला बनाया त्रिकोणीय: पूर्णिया में त्रिकोणीय टक्कर देखने को मिल रही है. दो बार से सांसद रहे संतोष कुशवाहा जो NDA गठबंधन के जदयू प्रत्याशी हैं. वहीं आरजेडी ने अपना उम्मीदवार जदयू से आरजेडी में आई बीमा भारती को बनाया है. वहीं अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पप्पू यादव भी चुनावी मैदान में उतरे हैं.
संतोष कुशवाहा पर कोई आपराधिक मामला नहीं: जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा पर कोई भी आपराधिक मामला थाने में दर्ज नही है. वहीं बीमा भारती और पप्पू यादव पर न्यायालय में कई मामले दर्ज हैं. पूर्णिया में इंडिया गठबंधन के मंत्री एवं नेता कैंप किए हुए हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि पप्पू यादव को हराने के लिए दिग्गज नेता लगे हुए हैं .
पूर्णिया लोकसभा सीट का इतिहासः पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की कर्मभूमि रही है. स्वतंत्रता सेनानी फणि गोपाल सेन गुप्ता, स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के सदस्य मोहम्मद ताहिर के साथ-साथ इस लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व सीमांचल के कद्दावर नेता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन और बाहुबली पप्पू यादव ने भी किया है. फिलहाल इस सीट पर NDA का कब्जा है और जेडीयू के संतोष कुशवाहा मौजूदा सांसद हैं.
पप्पू यादव ने मुकाबला बनाया दिलचस्प: ज्यादातर सीटों पर एनडीए वर्सेज इंडिया गठबंधन का मुकाबला देखने को मिल रहा है. वहीं पूर्णिया में पप्पू यादव ने मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है. तेजस्वी यादव ने तो बीते दिनों पप्पू यादव को लेकर बड़ा बयान तक दे दिया था. उन्होंने बीमा भारती के पक्ष में जनता से वोट की अपील की थी. साथ ही ये भी कह डाला कि अगर इनको नहीं चुनते हैं तो एनडीए को चुन लो.
पप्पू का दावा- आरजेडी का मकसद मुझे हराना: पप्पू यादव कई बार ये बात कह चुके हैं कि आरजेडी उन्हें हराने में लगी है. उसे एनडीए की जीत से नहीं पप्पू यादव की जीत से फर्क पड़ता है. तेजस्वी की अपील के बाद तो पप्पू के इस आरोप को और बल मिला है.
दस साल से बीजेपी-जदयू का कब्जा: पूर्णिया में कभी कांग्रेस की तूती बोलती थी. लेकिन पिछले 20 सालों से भाजपा और जदयू का कब्जा है. साल 2009 में एनडीए उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरीं पप्पू यादव की मां शांति प्रिया को हराकर जीत दर्ज की थी. हालांकि साल 2014 में उदय सिंह अपनी जीत को बनाए नहीं रख सके और एनडीए से अलग हुए जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा के से हार गए. 2019 में संतोष कुशवाहा और उदय सिंह के बीच मुकाबला हुआ. इस बार पक्ष बदल गए और संतोष कुशवाहा एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में थे. वहीं उदय सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े. संतोष कुशवाहा ने बाजी मारी और उदय सिंह को मात दी.
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