किशनगंज: 2024 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग खत्म हो चुकी है. बिहार की जिन 5 सीटों पर वोटिंग हुई है, उनमें किशनगंज लोकसभा सीट भी शामिल है. लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के कारण और 68 फीसदी मुस्लिम मतदाता होने के कारण पूरे देश की नजर किशनगंज संसदीय सीट पर टिकी हुई है. जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम, कांग्रेस प्रत्याशी जावेद आजाद और एआईएमआईएम प्रत्याशी अख्तरुल इमाम के बीच कांटे की टक्कर है.
किशनगंज में मतदान:
- किशनगंज में शाम 6 बजे तक 64.46 प्रतिशत वोटिंग हुई.
- किशनगंज में 5 बजे तक 56.12% वोटिंग
- किशनगंज में 1 बजे तक 34.65% वोटिंग
- किशनगंज सदर प्रखंड के बूथ नंबर 184 एमएस हालामाल में दोपहर 12 बजे सन्नाटा पसरा.
- बिहार सरकार में भू राजस्व व निबंधन मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने डाला वोट.
- बूथ नंबर 248 उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिलावरगंज में डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने किया मतदान
- एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने का डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल का दावा
- किशनगंज में 11 बजे तक 21.94% वोटिंग
- किशनगंज में 9 बजे तक 7.89% मतदान
- किशनगंज बूथ नंबर 249 मनोरंजन क्लब में 82 वर्षीय शंकुलता देवी ने किया मतदान.
- ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र : बूथ संख्या 246, 153, 173, 284 व 263 में मॉक पोल के दौरान गड़बड़ी, ईवीएम बदले गए.
- किशनगंज बूथ संख्या 258, नेशनल हाई स्कूल में मुस्लिम महिलाओं में मतदान को लेकर उत्साह.
- किशनगंज में वोटिंग के लिए मतदान केन्द्र पर पहुंची एक बुजुर्ग महिला.
- मतदान केंद्रों पर लोगों का आना जारी
- सुबह 7 बजे से किशनगंज में मतदान शुरू
हिंदू वोटरों पर कैंडिडेट की नजर: किशनगंज में तीनों प्रत्याशी सूरजपुर मुस्लिम होने के कारण आप इन प्रत्याशियों की निगाह हिंदू वोटरों पर है. वजह हिंदू वाटर निर्णायक का भूमिका निभाएगा. जो प्रत्याशी एक मुस्त हिंदू हिंदू वोट लायेगा वहीं प्रत्याशी चुनाव में जीत हासिल करेगा. जातिगत समीकरण की बात करें तो तीनों ही पार्टियों के उम्मीदवार सुरजापुरी समुदाय से आते हैं. यहां जातीय समीकरण नहीं बल्कि धार्मिक समीकरण पर चुनाव लड़े जाते रहे हैं.
किशनगंज में कुल मतदाता: किशनगंज लोकसभा सीट पर 18 लाख 22 हजार 860 मतदाता 12 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. लोकसभा क्षेत्र में कुल 1781 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिसमे 258 संवेदन शील बूथ घोषित किये गये हैं. किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र है. जिसमें अमोर व बायसी विधानसभा पूर्णिया जिला में आता है.
9 बार कांग्रेस और 1 बार बीजेपी की जीत: किशनगंज लोकसभा सीट में 68 फीसदी मुस्लिम मतदाता है और 32 फीसदी हिंदू मतदाता हैं. सीमावर्ती किशनगंज संसदीय क्षेत्र नेपाल और पश्चिम बंगाल से सटा है. मुस्लिम बहुल किशनगंज की सियासत जितनी सरल है, उतना ही रोचक भी. कांग्रेस के लिए यह सुरक्षित किला माना जाता है. 1957 से 2019 तक 16 लोकसभा चुनावों में से नौ बार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. भाजपा को सिर्फ एक बार 1999 में मौका मिला, जब त्रिकोणीय मुकाबले में शाहनवाज हुसैन जीते. पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस ही जीतती रही है. दिलचस्प बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से महागठबंधन का सिर्फ किशनगंज लोकसभा सीट पर ही कब्जा किया था.
कांग्रेस के डॉ जावेद आजाद को मिली थी जीत: गठबंधन के तहत जनता दल यूनाइटेड के खाते में इस बार यह सीट गई है और मुजाहिद आलम को पार्टी ने टिकट दिया है. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट से जेडीयू ने चुनाव लड़ा था, लेकिन जदयू उम्मीदवार मरहूम महमूद अशरफ को हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस के डॉ जावेद आजाद यहां से सांसद निर्वाचित हुए थे. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान तीसरे स्थान पर रहे थे.
पुलिस बल की तैनाती: मतदान केंद्र पर सुरक्षा को लेकर केंद्रीय बल के 30 कंपनी बीएसएफ सीआरपीएफ सीआईएफ व एसएसबी पहुंचे हैं तो वहीं हजारों की तादाद में दूसरे जिलों से बिहार पुलिस की जवान किशनगंज पहुंचे हैं. यहां केंद्रीय सुरक्षा बल और जिला पुलिस बल को तमाम मतदान केंद्रों तैनाती की गई है ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो. संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम की गई है. लोकसभा चुनाव के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सभी तैयारी पूरी कर ली है. जबकि लोकतंत्र का महापर्व के मतदान को लेकर जिले में जबरदस्त उत्साह का माहौल देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें: